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चंडीगढ़ में इंडस्ट्रीज को राहत, अब फिजिकल वेरिफिकेशन की नहीं जरूरत, बेवजह नहीं अटकेगी फाइल

चंडीगढ़ पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी ने एक नया कदम उठाते हुए इंडस्ट्रियलिस्ट को बड़ी राहत दी है। सीपीसीसी ने 2015 से कंसेंट अथॉराइजेशन की ऑनलाइन सर्विस 2015 से शुरू की थी लेकिन इसमें यूनिट की पहले फिजिकल वेरिफिकेशन भी शामिल थी।

By Ankesh ThakurEdited By: Published: Fri, 28 Jan 2022 03:37 PM (IST)Updated: Fri, 28 Jan 2022 03:37 PM (IST)
चंडीगढ़ में इंडस्ट्रीज को राहत, अब फिजिकल वेरिफिकेशन की नहीं जरूरत, बेवजह नहीं अटकेगी फाइल
चंडीगढ़ पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत एक कदम बढ़ाते हुए यह नई सर्विस दी है।

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। किसी भी चीज की फिजिकल वेरिफिकेशन का मतलब है सीधे-सीधे भ्रष्टचार की संलिप्ता। अधिकतर मामलों में अधिकारी इस वेरिफिकेशन को भ्रष्टचार का जरिया बनाते रहे हैं। खासकर चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड, एस्टेट ऑफिस जैसी जगहों पर ऐसा होता रहा है। इसी तरह से एन्वायरमेंट क्लीयरेंस कंसेंट और रिन्यूअल से जुड़े मामले में भी ऐसे आरोप लगते रहे हैं। लेकिन अब यह नहीं होगा।

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चंडीगढ़ पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी ने एक नया कदम उठाते हुए इंडस्ट्रियलिस्ट को बड़ी राहत दी है। सीपीसीसी ने 2015 से कंसेंट अथॉराइजेशन की ऑनलाइन सर्विस 2015 से शुरू की थी, लेकिन इसमें यूनिट की पहले फिजिकल वेरिफिकेशन भी शामिल थी। इसमें काफी दिक्कत आती थी। कई बार वेरिफिकेशन में भ्रष्टाचार के आरोप भी लगते थे। इसकी वजह से कंसेंट भी अटक जाती थी। लेकिन अब फिजिकल वेरिफिकेशन की जरूरत नहीं रहेगी। इंडस्ट्रीज को राहत देने के लिए वर्ष 2021 के आखिर में ई-कंसेंट की सर्विस शुरू की गई थी। अब एनओसी, कंसेंट सर्टिफिकेट क्लिक पर ही मिल जाएगा। फिजिकल वेरिफिकेशन की जरूरत नहीं रही। यूजर फ्रेंडली सिस्टम बनाया गया है। इंडस्ट्री, रेस्टोरेंट, होटल और हॉस्पिटल को अब इन्वायरनमेंट कंसेंट रिन्यूअल का इंतजार नहीं करना होगा। क्लिक पर बिना फिजिकल वेरिफिकेशन के ही यह रिन्यूअल मिल जाएगा। इससे किसी का काम भी प्रभावित नहीं होगा। चंडीगढ़ पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी (सीपीसीसी) ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत एक कदम बढ़ाते हुए यह नई सर्विस दी है।

एडवाइजर ने गैर जरूरी नियम हटाने को कहा

पिछले दिनों एडवाइजर धर्म पाल ने सभी डिपार्टमेंट से गैर जरूरी बोझ को कम करने के ओदश दिए थे। इसमें लोगों से ऐसे गैर जरूरी कार्यों या प्रक्रिया के लिए सुझाव मांगे गए थे। उसी के तहत अब सीपीसीसी ने यह बड़ी राहत इंडस्ट्रीज को दी है। सीपीसीसी ने इंडस्ट्री फ्रेंडली सर्विस मुहैया कराने के लिए यह ऑटो रिन्यूअल और अथॉराइजेशन सर्टिफिकेट सर्विस शुरू की है। अब जैसे ही इंडस्ट्री कंसेंट के लिए ऑनलाइन एप्लीकेशन जमा करेगी उन्हें तुरंत ऑटो रिन्यूअल मिल जाएगा। अभी तक इस ऑटो रिन्यूअल की प्रक्रिया में 45 दिन तक का लंबा समय लग जाता था। इससे इंडस्ट्री का काम प्रभावित होता था। अब क्लिक पर यह सर्विस मिलेगी। नई सर्विस को आसान और सरल बनाया गया है।


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