125 करोड़ के वैट घोटाले में इंडो स्विफ्ट के एमडी मुंजाल पीजीआइ से गिरफ्तार
125 करोड़ से अधिक वैट और सी फार्म घोटाले में क्राइम ब्रांच ने सोमवार को पीजीआइ में चेकअप करवाने आए इंडो स्विफ्ट कंपनी के एमडी नवरत्न मुंजाल को गिरफ्तार कर लिया।
By Edited By: Published: Mon, 03 Dec 2018 08:46 PM (IST)Updated: Tue, 04 Dec 2018 10:28 AM (IST)
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : 125 करोड़ से अधिक वैट और सी फार्म घोटाले में क्राइम ब्रांच ने सोमवार को पीजीआइ में चेकअप करवाने आए इंडो स्विफ्ट कंपनी के एमडी नवरत्न मुंजाल को गिरफ्तार कर लिया। एमडी मुंजाल के खिलाफ कंपनी के बकाया पांच करोड़ की राशि के एवज में मात्र पांच हजार रुपये देकर रफा-दफा करवाने का मामला पाया गया है। आरएन मुंजाल के खिलाफ पुलिस ने क्रप्शन एक्ट, 409, 420, 466 और 467 के तहत केस दर्ज किया है। आरोपित मुंजाल को क्राइम ब्रांच मंगलवार कोर्ट में पेश कर पूछताछ के लिए रिमांड पर लेगी। मामले में विभागीय शिकायत के बाद पहले विजिलेंस और बाद में केस क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर हो गया है। एडवाइजर के नेतृत्व में बकाया पैसे की पड़ताल के दौरान घोटाले का खुलासा हुआ था। पांच करोड़ की राशि की पांच हजार में कैसे हुई सेटलमेंट? आरोपित मुंजाल पंचकूला के सेक्टर-5 स्थित मकान में रहता है। जबकि इंडो स्विफ्ट कंपनी इंडस्ट्रियल एरिया चंडीगढ़ में हैं। क्राइम ब्रांच टीम रिमांड के दौरान मुंजाल से पूछताछ करेगी। पहला सवाल होगा कि कैसे पांच करोड़ की बकाया राशि पांच हजार देकर सेटलमेंट हुई। इसके अलावा इस मामले में कौन-कौन शामिल था? कंपनी के दस्तावेज और अन्य प्वाइंट्स पर पूछताछ होगी। क्राइम ब्रांच ने मांगी रिटर्न भरने की डिटेल्स विजिलेंस से जांच मिलने के बाद क्राइम ब्रांच टीम ने तुरंत ही एक्साइज डिपार्टमेंट से सभी टैक्स जमा करने वाले लोगों की रिटर्न डिटेल्स, उनकी डिटेल्स और फाइल मांगी थी। सूत्रों के अनुसार फाइल में पंजाब, हरियाणा के भी कुछ व्यापारियों का नाम सामने आ सकते हैं। जिसे एक्साइज डिपार्टमेंट की तरफ से करीब एक महीने में क्राइम ब्रांच को सौंपा गया था। इंडो स्विफ्ट कंपनी के पूर्व अकाउंटेंट को विजिलेंस कर चुकी है गिरफ्तार जांच के दौरान विजिलेंस टीम ने इंडो स्विफ्ट कंपनी के पूर्व अकाउंटेंट विपिन मिश्रा को गिरफ्तार कर चार दिन के रिमांड में लिया था। हालांकि, करीब डेढ़ महीने पहले हुई गिरफ्तारी के बाद विजिलेंस की जांच आगे नहीं बढ़ी। जिसके बाद मैनपावर कम होने का हवाला देकर मामले की जांच को यूटी क्राइम ब्रांच के पास दे दिया गया था। एडवाइजर ने दिए थे जांच के आदेश बता दें कि 17 जुलाई को वैट ट्रिब्यूनल की कोर्ट यूटी प्रशासन में लगी थी। चंडीगढ़ की कंपनी मेसर्स इंडो स्विफ्ट का केस उनकी कोर्ट में लगा था। कंपनी की ओर से उनका वकील पेश हुआ था। केस के अनुसार एक्साइज विभाग ने उनके सभी मामले का स्क्रूटनी कर वैट पाच करोड़ 90 लाख 54 हजार 342 रुपये निकाला था। एडवाइजर परिमल रॉय द्वारा स्टेटस पूछने पर कंपनी के वकील ने बताया कि उनका मामला एक्साइज डिपार्टमेंट द्वारा पाच हजार रुपये टैक्स लेकर 31 मार्च 2015 को निपट चुका है। जिसके बाद एडवाइजर ने विजिलेंस को इस केस की जाच के ऑर्डर दिए थे।
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