Move to Jagran APP

..ऐ वतन, आबाद रहे तू

शंकर सिंह, चंडीगढ़ : स्वतंत्रता दिवस, जैसे ही सुनते हैं तो देश की याद आती है। यहां की समस्या, य

By JagranEdited By: Published: Tue, 14 Aug 2018 08:41 AM (IST)Updated: Tue, 14 Aug 2018 08:41 AM (IST)
..ऐ वतन, आबाद रहे तू
..ऐ वतन, आबाद रहे तू

शंकर सिंह, चंडीगढ़ : स्वतंत्रता दिवस, जैसे ही सुनते हैं तो देश की याद आती है। यहां की समस्या, यहां के लोग और यहीं की बोली, ¨हदी की। दौड़भाग में भूल जाने वाले विभिन्न मुद्दे और फिर भी दिल से ¨हदुस्तानी होने का असली मतलब। देश का भविष्य युवाओं को माना जाता है। जो इसे नई दिशा में ले जाते हैं। शहर के विभिन्न स्कूल और कॉलेजों में पढ़ने वाला ये भविष्य स्वतंत्रता दिवस पर क्या सोचता है? क्या इनके लिए भी देशभक्ति राजनीति तक ही सीमित है, या इससे कहीं ऊपर। शहर के कई स्टूडेट्स स्वतंत्रता दिवस की परेड में हिस्सा लेते हैं। उन्होंने साझा किए, क्या है आजादी का उनके लिए अर्थ। एक समाज हो, वो आजादी है

loksabha election banner

सोमिल शर्मा, एमसीएम डीएवी-36 में बीए प्रथम वर्ष की स्टूडेट हैं। उन्होंने कहा कि हम आजाद हैं, मगर लाखों समस्याएं हमें गुलाम बनाती है। हम अभी भी विभाजित है समाज से। एक ही देश में कई तरह के समाज हैं, वर्ग हैं और यही हमें हमारे ही देश में अजनबी कर देते हैं। हमें इससे निकलना होगा। ऐसे ही गरीबी है और भ्रष्टाचार भी। असली आजादी तो इनसे मिलनी चाहिए। समस्याएं हर कहीं है. बस देखने का नजरिया अलग होना चाहिए

सत्वीका सिंह, बीए फाइनल ईयर की स्टूडेट हैं। उन्होंने कहा कि देशभक्ति को इन दिनों बहुत अलग-अलग नजरियों से देखा जाता है। टीवी पर न्यूज बहुत अलग से इसे दिखाती है। हर देश में समस्या होती है, मगर जब तक युवा जागरूक नहीं होगा तब तक वो देश को बदल नहीं पाएगा। उसके दिमाग में केवल एक बेहतर नौकरी और बेहतर करियर तक ही विचार सीमित हो जाएंगे। देशभक्ति बेशकीमती है

बीए सेकेंड ईयर की स्टूडेट जसप्रीत कौर ने कहा कि आज युग बदल गया है। आज हम दूसरे ग्रह में जाने की बात भी करते हैं। मगर फिर भी देश तो देश है, ये एक एहसास होता है कि ये आपका देश है। यहां की बोली और यहां की धरती आपकी है। ऐसे में इसकी रक्षा करना और इसे प्यार करना भी हमारा फर्ज है, ऐसे में देशभक्ति बेशकीमती है। हमें ही तलाशने होंगे हल

रीया कपूर के अनुसार देश में अनेकों समस्याएं हैं, मगर इस पर सवाल उठाने वाले भी ज्यादा हैं। बहुत कम लोग होंगे, जो इसका हल तलाशेंगे। कोई भी समस्या हो उसका हल होना जरूरी है। हम देश की रक्षा करते हैं, मगर फिर भी कितने ही लोग सड़कों पर भूखे सोते हैं। ऐसे में क्या हम सच में आजाद हैं। बॉर्डर पर सैनिक हमारी रक्षा कर रहे हैं, मगर हम देश की कैसे रक्षा कर सकते हैं, जब हम केवल समस्याएं ही गिनाएंगे। गुलामी क्या होती है, ये याद रखना होगा

सिमरन मनहास ने कहा कि हमें पुरानी फिल्मों से जानने को मिलता है कि गुलामी क्या होती है। ये वो होती है, जब आपको कोई इंसान नहीं, बल्कि गुलाम सिद्ध कर दे। आपके कोई हक न हो, आपको कभी भी कोई निर्देश दे दे। ऐसे में हमें उन शूरवीरों और सिपाहियों को नहीं भूलना चाहिए जिन्होंने हमारी आजादी के लिए प्राण दिए गुलामी हमें याद दिलाती है कि आजादी कितनी जरूरी है। इसे हम ही बचा सकते हैं, नई पीढ़ी जो इसको आगे विकास का रास्ता दिखाएगी। हमें पता है देश पहले है

ज्ञान ज्योति पब्लिक स्कूल, मोहाली के स्टूडेट्स भी आजादी के रंग में रंगे हैं। सभी स्टूडेट्स को लीड कर रहे रवनीत सिंह ने बताया कि देश को बेहतर बनाने के लिए हमें कुछ भी करते हुए ये सोचना चाहिए कि क्या देश की छवि को इससे नुकसान तो नहीं होगा। हाल ही में परवाणूफिल्म देखी। पता लगा कि कैसे देश का नाम बनाने को वैज्ञानिक मेहनत करते हैं, मैं भी ऐसा ही बनना चाहूंगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.