ऑनलाइन सास्कृतिक कार्यक्रम में 93 वर्षीय अविनाश चंद्र ने मा दुर्गा के भजनों से मोहा मन
Chandigarh Cultural News चंडीगढ़ में स्वर सप्तक समाज की ओर से साहित्यिक समारोह दुर्गा पूजा एवं नवरात्रि समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता शास्त्रीय गायिका व पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा अनेकों पुरस्कार प्राप्त कर चुकी डॉ. संगीता चौधरी ने की।
चंडीगढ़, जेएनएन। स्वर सप्तक समाज की ओर से साहित्यिक समारोह, दुर्गा पूजा एवं नवरात्रि समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता शास्त्रीय गायिका व पश्चिम बंगाल सरकार से अनेक पुरस्कार प्राप्त कर चुकी डॉ. संगीता चौधरी ने की। उन्होंने सुमधुर आवाज में जागो जागो जागो मां भेंट प्रस्तुत की। मुख्य अतिथि के रूप में विद्या धाम यूएसए की अध्यक्षा डॉ. सरिता मेहता ने कार्यक्रम की सराहना की। साथ ही अभूतपूर्व आयोजन के लिए सभी को बधाई दी।
उन्होंने कहा कि देश की संस्कृति को देश ही नहीं विदेशों में भी जरूरत है। विदेशों में बसे भारतीयों को देश की संस्कृति की जरुरत है। विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार प्रेम विज, अध्यक्ष संवाद साहित्य मंच और पत्रकारिता मंच ने नारी सशक्तिकरण पर अपनी रचना नारी तुम अबला नहीं सबला हो प्रस्तुत की। नीरू मित्तल ने आजकल दिन रात बढ़ रही दुष्कर्म की खबरों को ध्यान में रखते हुए मा दुर्गा से प्रार्थना कविता के रूप में प्रस्तुत की। उन्होंने अपनी कविता द्वारा समाज के एक पक्षों को रखा जहा औरतों को देवी के रूप में तो माना जाता है लेकिन उनकी इज्जत नहीं की जाती इसके अलावा उन्होंने भ्रूण हत्या जैसे अपराधों पर भी बात की। कार्यक्रम का संचालन मीनाक्षी उप्पल ने किया। इस अवसर पर राघव गोयल, आरूष उप्पल, बेबी त्रिशिता चटर्जी, बेबी अद्रीजा गोस्वामी, देवदत्ता विश्वास, अमनदीप कौर, तृप्ति गुप्ता, कृष्णा भट्टाचार्य, सुनीता कौशल, सुमन चड्डा, रूमा सोनी, चिरंजीव राय ने भी मा दुर्गा के भजन व नृत्य प्रस्तुत किए। हर प्रस्तुति से पहले प्रतिभागियों ने अपनी प्रस्तुति की प्रेरणा और साथ ही समाज में महिलाओं के महत्व पर बात की।
93 वर्षीय अविनाश चंद्र मेहरा ने मां दुर्गा के भजन गाकर सभी का मन मोह लिया। उन्होंने कहा कि मां के लिए कुछ भी गाते वक्त शक्ति उन्हीं के द्वारा मिलती है। हम सबको दुर्गा माता के रूप से समझना चाहिए कि वह औरत का एक रूप हैं, वह हर बुराई का नाश कर सकती हैं।