चुनावी माहौल में बिना बिल शराब बेची तो लाइसेंस होगा रद
वोटरों को रिझाने के लिए जमकर शराब बांटते हैं।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : चुनावी माहौल में राजनीतिक दल वोटरों को रिझाने के लिए जमकर शराब बांटते हैं। शराब ठेकों पर चलने वाली पर्ची का खेल बहुत पुराना है। लोगों को शराब बांटकर वोट डालने के लिए कहा जाता है। इन सब गैरकानूनी गतिविधियों की रोकथाम के लिए एक्साइज एंड टैक्सेशन ने तीन टीमें बनाई हैं। जोकि चुनावी माहौल में ठेकों पर बिना बिल के शराब बेचते ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई करेगी। एक्साइज डिपार्टमेंट के मुताबिक अगर कोई भी शराब ठेकेदार चुनाव के दिनों में कस्टमर को बिना बिल के शराब बेचता पकड़ा जाता है, उसका लाइसेंस भी रद हो सकता है। इसके अलावा आचार संहिता का किसी भी प्रकार से उल्लंघन करने पर कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। शराब ठेकों की चेकिग के लिए तीन टीमें बनाईं
शराब ठेकों की चेकिग के लिए असिस्टेंट एक्साइज एंड टैक्सेशन कमिश्नर आरके चौधरी ने तीन टीमें बनाई हैं। ईटीओ संजीव मदान, आरएल चुग और एसएस बेदी के नेतृत्व में अलग-अलग टीम बनाई गई हैं। जोकि 23 मई तक शहर के सभी ठेकों और बाटलिग प्लांट पर चेकिग करेंगी। यह तीनों टीमें सीधा डीसी मनदीप सिंह बराड़ की निगरानी में होंगी। चुनावी दिनों में ऐसा चलता है पर्ची का खेल
चुनावी दिनों में दरअसल हर राजनीतिक दल शराब बांटता है। इसके लिए हर राजनीतिक दल रंग-बिरंगी पर्ची चलाकर ठेकों से शराब उठवाते हैं। वोटर को किसी भी रंग की एक खाली पर्ची दे दी जाती है। वोटर बताए गए ठेके पर जाकर इस रंग-बिरंगी पर्ची को पकड़ाकर आसानी से मुफ्त में शराब ले लेते हैं। चुनाव खत्म होने के बाद ठेकेदार इन जमा हुई पर्चियों को उस राजनीतिक दल को देकर पैसे ले लेते हैं। पर्ची के रंग के हिसाब से शराब बांटी जाती है। रात 11 बजे के बाद शराब ठेका खोलने पर भी कार्रवाई
चुनावी दिनों में रात 11 बजे के बाद शहर में अगर कोई भी शराब ठेका खोला जाता है। उस शराब ठेके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। एक्साइज पॉलिसी की अगर बात करें तो सुबह 9 से रात 11 बजे तक ही खोले जा सकते हैं। लेकिन शहर में कई ऐसे शराब ठेके हैं, जोकि रात 11 बजे के बजे के बाद भी खुले रहते हैं। इन पर जल्द ही एक्साइज की टीम कार्रवाई करेगी।