आय से अधिक संपत्ति मामले में ईडी के पूर्व डिप्टी डायरेक्टर गुरनाम सिंह पर चार्ज फ्रेम
आय से अधिक संपत्ति मामले में ईडी के पूर्व डिप्टी डायरेक्टर गुरनाम सिंह की मुसीबत बढ़ गई है। गुरनाम पर जिला अदालत की विशेष ईडी अदालत ने चार्ज फ्रेम किया है। मामले में गुरनाम की पत्नी दिलीप कौर और बेटे सुखमनजीत सिंह पर भी अदालत ने चार्ज फ्रेम हुए हैं।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ :
आय से अधिक संपत्ति मामले में ईडी के पूर्व डिप्टी डायरेक्टर गुरनाम सिंह की मुसीबत बढ़ गई है। गुरनाम पर जिला अदालत की विशेष ईडी अदालत ने चार्ज फ्रेम किया है। मामले में गुरनाम की पत्नी दिलीप कौर और बेटे सुखमनजीत सिंह पर भी अदालत ने चार्ज फ्रेम हुए हैं। गुरनाम पर आय से अधिक संपत्ति मामले के अलावा सीबीआइ की विशेष अदालत में भी केस लंबित है।
वीरवार को सुनवाई के दौरान ईडी के जज जगजीत सिंह ने चार्ज फ्रेम किए। अब इस मामले में ट्रायल शुरू होगा और गवाहों की गवाही होगी। ईडी ने 112 गवाह बनाए हैं। करीब 56 पन्नों की चार्जशीट दाखिल गई है। इस मामले में ईडी ने जिन लोगों को गाह बनाया है उनमें कई लोग ऐसे हैं, जिनसे डिप्टी डायरेक्टर रहते हुए गुरनाम ने पैसे लिए थे। इनके अलावा गवाहों में वह भी शामिल हैं, जिनसे गुरनाम ने प्रापर्टी खरीदी थी।
गुरनाम सिंह पर 2012 से 2017 के बीच पद का दुरुपयोग कर 1.5 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति बनाने का आरोप है। इस केस में जो चार्जशीट जमा हुई है, उसमें गुरनाम की बेटी की प्रापर्टी का भी जिक्र है, लेकिन उसको आरोपित नहीं बनाया गया है। गुरनाम सिंह चंडीगढ़ में मार्च 2012 से 31 जनवरी 2017 तक कार्यरत रहे। मार्च 2012 तक उनकी संपत्ति केवल 12.8 लाख रुपये थी। 2014 में गुरनाम ने मोहाली में 95 लाख रुपये का प्लाट खरीदा। इसके बाद 2016 में मोहाली में ही पत्नी दिलीप कौर के नाम पर 76 लाख रुपये में दुकान खरीदी। इसके अलावा ईको सिटी में बेटे सुखमनजीत सिंह के नाम पर 76 लाख का प्लॉट खरीदा। चार्जशीट में गुरनाम, बेटी, पत्नी और बेटे के नाम पर 3 करोड़ 92 लाख 77 हजार 882 रुपये की प्रॉपर्टी (सभी प्रकार की) बताई है। एक करोड़ 10 लाख रुपये अपने अकाउंट में ट्रांसफर करने का भी चल रहा केस
गुरनाम सिंह पर करोड़ों रुपये का फ्रॉड करने का भी सीबीआइ की विशेष अदालत में केस चल रहा है। गुरनाम पर आरोपित के खिलाफ कार्रवाई न करने की एवज में ढाई लाख रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप है। हेल्थ बायोटेक कंपनी की सीनियर मैनेजर दिशा गुप्ता के खिलाफ 19 फरवरी 2015 को सेक्टर-34 थाने में एफआइआर दर्ज हुई थी। दिशा पर आरोप थे कि उन्होंने कंपनी के एक करोड़ 10 लाख रुपये अपने अकाउंट में ट्रांसफर किए है। तब केस की जांच गुरनाम सिंह के पास पहुंची। उन्होंने दिशा गुप्ता और उनके अभिभावकों को बुलाया और उनसे केस को सेटल करने के नाम पर ढाई लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी।