PGI आएं तो घर से लाएं खाने का सामान, यहां कैंटीन में महंगी मिलेगी हर चीज
गर आप पीजीआइ में इलाज कराने जा रहे हैं तो घर से खाने-पीने का सामान लेकर आएं। क्योंकि अस्पताल की कैंटीन में हर चीज का चार गुना ज्यादा दाम वसूला जा रहा है।
चंडीगढ़, [वीणा तिवारी]। अगर आप पीजीआइ में इलाज कराने जा रहे हैं, तो घर से खाने-पीने का सामान लेकर जाइएगा, क्योंकि अस्पताल की कैंटीन में पीने के पानी से लेकर खाने की हर चीज का चार गुना ज्यादा दाम वसूला जा रहा है। ये सब पीजीआइ प्रशासन की आंखों के सामने हो रहा है। इसे लेकर अस्पताल की इंप्लाइज यूनियन और सैकड़ों मरीजों के परिजन शिकायत कर चुके हैं, लेकिन कार्रवाई नहीं हो रही। तय कीमत से ज्यादा पैसे वसूलने के साथ ही कैंटीन वाले टेंडर के मानक की धज्जियां उड़ा रहे हैं। जिस कैंटीन को महज दो से चार आइटम बेचने की अनुमति दी गई है, वह आठ से नौ दर्जन तक वेराइटी में सामान बेच रही हैं।
चाय और स्नैक्स के नाम पर बेच रहे दाल-रोटी
नेहरू अस्पताल के फोर्थ फ्लोर पर संचालित की जा रही कैंटीन को तीन साल का टेंडर दिया गया है। टेंडर में वहां सिर्फ चाय और स्नैक्स बेचने की बात लिखी गई है। लेकिन वहां का नजारा चौंकाने वाला है। कैंटीन में एक रेस्टोरेंट की तरह हर आइटम उपलब्ध है। वेज से लेकर नॉनवेज तक और दूध से लेकर हर चीज बेची जा रही हैं। पीजीआइ प्रशासन इस कैंटीन पर जरूरत से ज्यादा मेहरबान है, तभी तो चाय और स्नैक्स के लिए एक कैंटीन और एक किचन भी इसे दी गई है। किचन में सुबह से शाम तक ग्राहकों की डिमांड पर भोजन तैयार हो रहा है। यह तो महज एक उदाहरण है, यहां संचालित लगभग सभी कैंटीनों में यही हाल है।
रेट लिस्ट कुछ यूं हैं
आइटम तय रेट वसूले जा रहे रे ट
चाय 5 रुपये 10 रुपये
दूध की चाय 7 रुपये 15 रुपये
समोसा 5 रुपये 10 रुपये
ब्रेड पकौड़ा 5 रुपये 20 रुपये
बर्गर 10 रुपये 30 रुपये
टेंडर कैंटीन का और चल रहा मेस
पीजीआइ में टेंडर तो कैंटीन का दिया गया है, लेकिन वहां उन कैंटीनों में मेस चलाया जा रहा है। दाल, रोटी, सब्जी, राजमा, चावल, पनीर की सब्जी, दही, रायता, आलू परांठा और ग्राहकों की डिमांड की हर चीज चंद मिनट में उपलब्ध कराई जा रही है। चौंकाने वाली बात यह है कि कैंटीन वाले टेंडर के मानक को ठेंगा दिखाकर अपने-अपने कैंटीन में र्दजनों आइटम्स की रेट लिस्ट भी लगाए हुए हैं।
बवाल करने वालों को मिलती है फ्री सर्विस
कैंटीन में आने वाले कुछ लोग जब रेट लिस्ट और आइटम की क्वालिटी को लेकर हल्ला मचाते हैं, तो उन्हें फ्री सर्विस देकर शांत करा दिया जाता है। इस तरह की समस्या के समाधान के लिए कैंटीन संचालक बाहर ही मौजूद रहते हैं। वे उन ग्राहकों को बड़े आराम से फुसलाकर अपने पक्ष में कर लेते हैं। ये सारी सेटिंग कैंटीन के अंदर करने के बजाय बाहर की जाती है ताकि अंदर लगे सीसीटीवी कैमरे में उनकी ये करतूत रिकॉर्ड न होने पाए।
ऑपरेशन थिएटर के बिल्कुल पास किचन
कैंटीन संचालकों की मनमानी का ये आलम है कि ऑपरेशन थिएटर के पास किचन में खुलेआम दाल, रोटी, आलू परांठा और अन्य डिशेज बनाए जा रहे हैं। नेहरू हॉस्पिटल के फोर्थ फ्लोर पर चल रहे कैंटीन में यह सरेआम हो रहा है। उसके पास स्थित ओटी में आने वाले डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ भी सबकुछ देखते हुए आंखे मूंदे हुए हैं।
मरीज या उनके परिजनों को किसी भी कैंटीन से जुड़ी कोई शिकायत हो, तो उसकी लिखित शिकायत पीजीआइ प्रशासन से करें, उचित कार्रवाई होगी।
-मंजू वडवालकर, प्रवक्ता, पीजीआइ।
पीजीआइ प्रशासन जान-बूझकर कैंटीन के मामले पर लीपापोती कर रहा है। शिकायत के साथ ही कैंटीन की गड़बड़ी से संबंधित सुबूत भी दिए गए हैं, लेकिन सांठ-गांठ से कोई कार्रवाई नहीं की गई। उनकी मिलीभगत का खामियाजा गरीब और जरूरतमंद लोग भुगत रहे हैं।
-अश्विनी मुंजाल, प्रेसिडेंट, पीजीआइ इंप्लाइज यूनियन नॉन फैकल्टी।
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