चंडीगढ़ के दड़वा में अवैध रूप से दो कनाल में बन रहा होटल, डीसी ने जांच को भेजी टीम, रुकवाया काम
चंडीगढ़ के दड़वा में रेड लाइन के बाहर बन रहे एक अवैध होटल के निर्माण को डीसी ने रुकवा दिया है और जांच के आदेश दिए हैं। यह होटल रेलवे स्टेशन के सामने दो कनाल भूमि पर बन रहा था। आरोप है कि निचले स्तर के अधिकारियों की मिलीभगत से निर्माण चल रहा था। शहर में अन्य अवैध निर्माणों पर कार्रवाई न होने से लोगों में नाराजगी है।

शनिवार को इस होटल की बेसमेंट का लेटर भी डाल दिया गया।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। दड़वा में रेड लाइन से बाहर दो कनाल में बन रहे होटल का अवैध निर्माण रविवार को रुकवा दिया गया। इस होटल के लगातार चल रहे निर्माण की डीसी ने जांच के आदेश दिए हैं।
पिछले तीन माह से रेलवे स्टेशन के सामने इस अवैध होटल का निर्माण किया जा रहा है। एक तरफ जहां सारे शहर में उद्योगपतियों, व्यापारियों तथा हाउसिंग बोर्ड के अलॉटीलज को मिसयूज और वाॅयलेशन के नोटिस दिए जा रहे हैं। वहीं, इस होटल का निर्माण धड़ल्ले से चल रहा है।
शनिवार को इस होटल की बेसमेंट का लेटर भी डाल दिया गया, जबकि गत सप्ताह ही डीसी ने इस पर कार्रवाई को कहा था। इसके बावजूद निचले अफसरों की मिलीभगत से धड़ल्ले से इसका काम चल रहा था। डीसी के संज्ञान में रविवार को यह मामला आने पर कार्रवाई के आदेश दिए गए।
शहर की आम जनता मिसयूज और वाॅयलेशन के नोटिस से परेशान है लेकिन चहेतों पर मेहरबानी जारी है। दड़वा में रेलवे स्टेशन के सामने एक नंबर गली में यह अवैध रूप से होटल तैयार हो रहा है। दो कनाल से अधिक एरिया में यह होटल बन रहा है। यही नहीं अनधिकृत रूप से होटल की बेसमेंट भी तैयार हो गई लेकिन यह अवैध निर्माण किसी को नजर नहीं आया।
शहर के गांवों में रेड लाइन के बाहर अवैध रूप से निर्माण हो रहा है। नियमों के अनुसार रेड लाइन के बाहर कोई भी निर्माण नहीं हो सकता। सूत्रों के अनुसार इस अवैध होटल के निर्माण में तहसीलदार ऑफिस और एस्टेट ऑफिस के अधिकारियों की भी मेहरबानी है।
अकेले दड़वा में ही रेड लाइन के बाहर दर्जनों निर्माण हो चुके है। हालत यह है कि दड़वा में एग्रीकल्चर जमीन पर अवैध कालोनियां काट दी गई है। प्रशासन के पास अवैध निर्माण रोकने के लिए बनी टीमें आँखें बंद करके बैठे है।
सेक्टरों में वाॅयलेशन के नोटिस
एक तरफ जहां शहर के गांवों में अवैध निर्माण पर कोई एक्शन नहीं हो रहा वहीं दूसरी तरफ सेक्टरों में मकानों में छोटी सी वायलेशन पर नोटिस दिए जा रहे है। हाउसिंग बोर्ड के मकानों में 80 प्रतिशत को वायलेशन के नोटिस दिए हुए है।

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