मध्य मार्ग के बिलकुल करीब ओपन स्पेस पर अवैध निर्माण कर खोल दिया ठेका
शहर में अगर कोई आम आदमी अपने घर में एक ईंट फालतू लगा लें तो उसका नक्शा पास नहीं होता।
विशाल पाठक, चंडीगढ़
शहर में अगर कोई आम आदमी अपने घर में एक ईंट फालतू लगा लें, तो उसका नक्शा पास नहीं होता। रेजिडेंशियल और कॉमर्शियल बिल्डिग्स में जरा सी वॉयलेशन के लिए प्रशासन लोगों से लाखों-करोड़ों रुपये पेनल्टी वसूलता है, लेकिन शहर की लिकर लॉबी की बात हो तो प्रशासन का एक्साइज एंड टैक्सेशन डिपार्टमेंट शराब के ठेकेदार की पुरी खिदमत करने में जुट जाता है। शराब के ठेकेदारों पर प्रशासन की इस मेहरबानी के चलते शहर में अलग-अलग जगहों पर गैर कानूनी ढंग से न केवल शराब के ठेके खोले जा रहे हैं, बल्कि नए ठेकों के लिए सरकारी जमीन पर बिना नक्शा पास किए अवैध निर्माण कराए जा रहे हैं। मनीमाजरा में मध्य मार्ग के करीब ओपन स्पेस पर न केवल शराब का ठेका खुलवा दिया गया, बल्कि इस ठेके लिए बिना नक्शा पास करवाएं और आर्किटेक्ट से क्लीयरेंस के बगैर पक्का स्ट्रक्चर बना डाला। नियम के मुताबिक ओपन स्पेस में नहीं हो सकती कंस्ट्रक्शन
शहर के लिए प्रशासन के आर्किटेक्ट डिपार्टमेंट की ओर से बनाए गए आर्किटेक्चर कंट्रोल रुल्स के मुताबिक कोई भी व्यक्ति ओपन स्पेस पर कोई भी पक्का कंस्ट्रक्शन नहीं कर सकता है। मनीमाजरा में उप्पल हाउसिग सोसाइटी व कलाग्राम लाइट प्वाइंट के पास पेट्रोल पंप के नजदीक खाली पड़ी जमीन पर इस ठेके के लिए 500 वर्ग गज जगह अलॉट कर दी गई। यह ठेका मध्य मार्ग से सिर्फ 50 मीटर की दूरी पर खोला गया है। यही नहीं ठेके की प्रमोशन के लिए एडवरटाइजमेंट कंट्रोल एक्ट के नियमों की भी धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। यह ठेका नगर निगम की जमीन पर खोला गया है। नगर निगम को इस ठेके की जगह से हर माह पांच लाख रुपये रेंट किराया मिलेगा। लोग खुले में पीते हैं यहां शराब
शराब के इस ठेके के खुलने से मध्य मार्ग के करीब ओपन स्पेस पर ही शराब पी जा रही है। इस ठेके से चंद कदम की दूरी पर ही राजीव विहार व उप्पल हाउसिग सोसाइटी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस ठेके के खुलने से देर शाम को यहां से निकलना मुश्किल हो जाता है। आरटीआइ कार्यकर्ता आरके गर्ग के अनुसार प्रशासन ओपन स्पेस में कंस्ट्रक्शन की अनुमति कैसे दे सकता है। सवाल : लिकर लॉबी के लिए अलग नियम क्यों
चंडीगढ़ हाउसिग बोर्ड के मकानों में रहने वाले लोगों द्वारा लंबे समय से नीड बेस्ड चेंज को रेगुलर करने की मांग उठाई जा रही है, लेकिन प्रशासन लोगों को नोटिस दिए जा रहा है। आर्किटेक्चरल कंट्रोल रूल्स के अनुसार शहर में किसी भी ओपन स्पेस पर पक्के कंस्ट्रक्शन के लिए उसका नक्शा पास होना जरूरी है। ऐसे में एक्साइज डिपार्टमेंट और नगर निगम के उन अफसरों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। जिन्होंने ना केवल ठेका अलॉट किया। उनकी पक्की कंस्ट्रक्शन की भी मंजूरी दे दी। जिस जमीन पर एक्साइज व नगर निगम ने शराब ठेका और अहाते का निर्माण किया है। इससे केवल 50 मीटर की दूरी पर स्कूल मौजूद है। जोकि हाई कोर्ट द्वारा जारी की गई गाइडलाइंस की धज्जियां उड़ाता है। बावजूद इसके नगर निगम ने इस जगह पर शराब ठेका व अहाता खोल दिया। ऐसे में राह जाने वाले स्कूली बच्चों पर आने वाले समय पर इसका बुरा प्रभाव पड़ेगा।
- रामेश्वर गिरी, समाजसेवी, मनीमाजरा वैसे तो प्रशासन का आर्किटेक्ट डिपार्टमेंट के रुल्स कहते हैं कि ओपन स्पेस में पक्की कंस्ट्रक्शन नहीं की जा सकती, लेकिन प्रशासन के अफसरों की शह पर ओपन स्पेस पर बिना नक्शा पास और आर्किटेक्ट की मंजूरी लिए बिना मनीमाजरा में ये शराब ठेका खोल दिया गया। जोकि मध्य मार्ग से और एक सरकारी स्कूल से महज 50 मीटर की दूरी पर है।
--शाम सिंह, निवासी, मॉर्डन हाउसिग कॉप्लेक्स अगर कोई आम व्यक्ति अपने घर में एक ईंट भी फालतू लगा लें। तो प्रशासन व नगर निगम के अफसर उसका नक्शा पास नहीं करते हैं। प्रशासन नीड बेस्ट चेंज को रेगुलराइज नहीं कर रहा है। लेकिन प्रशासन व नगर निगम अपने राजस्व को बढ़ाने के लिए शहर में गैर कानूनी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहे हैं। इसी के चलते बिना नक्शा पास हुए और आर्किटेक्ट डिपार्टमेंट से मंजूरी लिए बिना मनीमाजरा के उप्पल हाउसिग सोसाइटी के पास खाली पड़ी जमीन पर अवैध ढंग से शराब ठेका और अहाता बना दिया गया।
- मनप्रीत सिंह सेठी, रेजिडेंट, मनीमाजरा इस मामले में आरटीआइ एक्टिविस्ट आरके गर्ग ने एक ई मेल की थी। इस ई-मेल के जरिए भेजी गई शिकायत की जांच के लिए लेटर नगर निगम कमिश्नर, डीसी और एसडीएम को भेज दिया गया था। रूल्स के मुताबिक कोई भी बिना नक्शा पास करवाए या आर्किटेक्ट डिपार्टमेंट से मंजूरी लिए बिना ओपन स्पेस में कंस्ट्रक्शन नहीं कर सकता है।
-- कपिल सेतिया,चीफ आर्किटेक्ट, चंडीगढ़ प्रशासन दैनिक जागरण खोल रहा पोल
लिकर लॉबी पर इस मेहरबानी की दैनिक जागरण पोल खोल रहा है। शराब के ठेकेदारों की खुली लूट को प्रशासन के अफसरों ने छूट दी हुई है। दैनिक जागरण अपनी खबरों की सीरीज के तहत बता रहा है कि किस प्रकार लिकर लॉबी को फायदा पहुंचाने के लिए अफसरों ने नियम-कायदे ताक पर रख दिए हैं।