मेयर चुनाव: सतीश कैंथ ने कहा; चाहे मुझे एक वोट ही पड़े, नामांकन वापस नहीं लूंगा
सतीश कैंथ का कहना है कि चाहे उन्हें एक ही वोट पड़े, लेकिन वह नामांकन वापस नहीं लेंगे।
चंडीगढ़, राजेश ढल्ल। भाजपा से बागी होकर मेयर पद का चुनाव लड़ रहे सतीश कैंथ पर मंगलवार को नामांकन वापस लेने का पार्टी अध्यक्ष संजय टंडन सहित हाईकमान ने दबाव बनाया। लेकिन कैंथ ने नामांकन वापस लेने से साफ इन्कार कर दिया। सतीश कैंथ का कहना है कि चाहे उन्हें एक ही वोट पड़े, लेकिन वह नामांकन वापस नहीं लेंगे। हालांकि कैंथ का दावा है कि वह चुनाव जीत रहे हैं, यह बात कैंथ ने भाजपा अध्यक्ष संजय टंडन को भी कही। उन्होंने कई बार तोड़ा अनुशासन, मैं दूसरी बार जीतकर आया मंगलवार सुबह भाजपा अध्यक्ष टंडन की कैंथ के साथ मोबाइल पर बात हुई। जिसमें कैंथ ने कहा कि राजेश कालिया ने पार्टी के खिलाफ काम किया है। कई बार अनुशासन तोड़ा, इसके बावजूद पार्टी ने कार्रवाई करने के बजाय कालिया को मेयर पद का उम्मीदवार बनाया। कैंथ ने टंडन को कहा कि उनकी उम्मीदवारी में क्या कमी थी, जो उन्हें नहीं बनाया गया, जबकि वे कालिया से सीनियर हैं। कालिया एक बार चुनाव जीतकर आए हैं, जबकि वह दूसरी बार चुनाव जीतकर नगर निगम में पहुंचे हैं।
नामांकन वापस नहीं लिया तो होगी कार्रवाई
सतीश कैंथ ने अध्यक्ष टंडन को स्पष्ट किया कि अगर नामांकन वापस दिलवाना है, तो कालिया का वापस करवाया जाए। मालूम हो कि हाईकमान ने भाजपा अध्यक्ष संजय टंडन और सांसद किरण खेर पर कैंथ का नामाकंन वापस करवाने की जिम्मेदारी सौंपी है। हाईकमान की ओर से अध्यक्ष संजय टंडन को स्पष्ट कर दिया गया है कि अगर कैंथ ने नामांकन वापस न लिया, तो पार्टी कार्रवाई करेगी। 18 जनवरी को मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव के लिए मतदान होना है। अभी मतदान को 3 दिन बचे हैं।
कालिया ने पार्टी पार्षदों से संपर्क साधना किया शुरू
भाजपा के मेयर पद के उम्मीदवार राजेश कालिया ने अपने पार्टी पार्षदों से वोट के लिए संपर्क साधना शुरू कर दिया है। जल्द ही अध्यक्ष टंडन सभी पार्षदों की सामूहिक बैठक बुलाने जा रहे हैं। जिसमें संगठन मंत्री कालिया के पक्ष में वोट डालने के लिए व्हिप जारी करने की तैयारी कर रहे हैं।
कांग्रेस के संपर्क में कैंथ, समर्थन देने के लिए तैयार
सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस पार्टी कैंथ के संपर्क में है। कांग्रेस के एक सीनियर नेता ने कैंथ को मैदान में डटे रहने के लिए कहा है। कैंथ को कहा गया है कि अगर वह नामांकन वापस नहीं लेते हैं, तो चुनाव के दिन उनकी मेयर पद की उम्मीदवार शीला फूल ¨सह नामांकन वापस ले लेंगी। ऐसी स्थिति में कांग्रेस के 4 वोट कैंथ को पड़ जाएंगे। मालूम हो कि साल 2014 से पहले तक कैंथ कांग्रेस में ही थे। वहीं, कालिया की उम्मीदवारी से नाराज पार्षद भी कैंथ के संपर्क में हैं। वहीं, भाजपा क्रास वो¨टग रोकने के लिए नई रणनीति तैयार कर रही है। पूर्व मेयर अरुण सूद को क्रास वोटिंग रोकने की जिम्मेदारी दी गई है।
कांग्रेस से भी बागी होकर चुनाव लड़ चुके हैं कंग
साल 2011 में कांग्रेस भी इस तरह की बगावत झेल चुकी है। उस समय जगजीत सिंह कंग ने बगावत करके मेयर का चुनाव लड़ा था, जबकि उस समय कांग्रेस के अधिकृत उम्मीदवार रविंदर सिंह पाली थे। उस समय भाजपा के अधिकृत उम्मीदवार राजेश गुप्ता ने अपना नाम मतदान से पहले वापस ले लिया था और भाजपा पार्षदों ने कंग को मतदान किया था, इसके बावजूद कंग पाली से एक वोट से हार गए थे। कंग ने कांग्रेस छोड़ने के बाद अकाली दल को ज्वाइन कर लिया था।
कालिया ने किरण खेर के साथ की मुलाकात, कहा-कैंथ को मनाओ
राजेश कालिया ने सांसद किरण खेर के साथ सेक्टर-33 पार्टी कार्यालय में बैठक की। जिसमें कालिया ने सांसद को कहा कि बागी उम्मीदवार सतीश कैंथ को मनाकर उसका नामांकन वापस दिलवाया जाए। सूत्रों का कहना है कि इस मुलाकात में कालिया ने सांसद को उन पार्षदों के नाम भी बताए हैं, जिन पर कालिया को शक है। उन्हें पूरी उम्मीद है कि सतीश कैंथ नामांकन वापस ले लेंगे।
यह कहते हैं संगठन मंत्री
भाजपा के संगठन मंत्री दिनेश कुमार का कहना है कि पहले से ही यह तय था कि कोई भी उम्मीदवार तय होने पर कोई दूसरा दावेदार इसका विरोध नहीं करेगा। पार्टी के सभी पार्षद एकजुट हैं।
नामांकन वापस लेने के लिए खड़ा नहीं हुआ: कैंथ
मेयर पद के बागी उम्मीदवार सतीश कैंथ का कहना है कि वह नामांकन वापस लेने के लिए खड़े नहीं हुए हैं। शहर की सभी रिजर्व कैटगरी की जातियों को एकजुट करने के लिए खड़े हुए हैं। उन्हें पूरा विश्वास है कि मेयर पद का चुनाव जीतेंगे।