अगर आपके पास है फ्लाईओवर का विकल्प तो आज यूटी गेस्ट हाउस पहुंच दीजिए सुझाव
जरूरत मास रैपिड ट्रांजिट सिस्टम की जोर फ्लाईओवर पर दिया जा रहा।
बलवान करिवाल, चंडीगढ़ : ट्राईसिटी में मास रैपिड ट्रांजिट सिस्टम को डेवलप करने के लिए ज्वाइंट कमेटी का गठन हुआ था। लेकिन 10 साल बीतने के बाद भी यह कमेटी कोई एक विकल्प उपलब्ध नहीं करा सकी है। 10 साल मेट्रो प्रोजेक्ट पर बर्बाद कर दिए गए। एमआरटीएस कमेटी की मीटिग नियमित अंतराल के बाद होती है। लेकिन यह मीटिग चाय समोसे से आगे नहीं बढ़ सकी। नतीजा यह है कि पूरा शहर जाम से जूझ रहा है। अब बीमारी को जड़ से मिटाने के बजाय केवल मरहम लगाने की कोशिश हो रही है। जरूरत मजबूत पब्लिक ट्रांसपोर्ट के विकल्प की है। जबकि प्रशासन फ्लाईओवर बनाने पर जोर दे रहा है। प्रशासन ही नहीं पंजाब और हरियाणा के अधिकारी भी इससे आगे नहीं बढ़ पा रहे। गाड़ियों को कम करने के बजाय बढ़ावा दिया जा रहा
इस समय शहर की जो हालत हो गई है, उसमें निजी वाहनों को तुरंत प्रभाव से नियंत्रित करने की जरूरत है। पहले तीन महीने में दस हजार नंबरों की एक सीरीज खत्म होती थी अब तो हर डेढ़ महीने में सीरीज खत्म हो रही है। एक साल में 70 हजार नए वाहन रजिस्टर्ड हो चुके हैं। फ्लाईओवर बनने से कारों को बढ़ावा मिलेगा। वाहनों की स्पीड बढ़ेगी तो इससे और कारें सड़क पर आएंगी। जबकि पब्लिक ट्रांसपोर्ट प्वाइंट-टू-प्वाइंट सर्विस देता तो लोग कार को छोड़ना पसंद करते। यूटी गेस्ट हाउस में आज फ्लाईओवर की पब्लिक हियरिग
फ्लाईओवर पर लोगों की राय जानने के लिए सोमवार को सेक्टर-6 स्थित यूटी गेस्ट हाउस में शाम चार बजे पब्लिक हियरिग होगी। एडवाइजर मनोज कुमार परिदा की अध्यक्षता में गठित यह कमेटी लोगों के सुझाव और शिकायतें सुनेगी। जिनके पास बेहतर विकल्प होगा वह इसे कमेटी के सामने पेश कर सकेंगे। लिखित में भी इसकी कापी देनी होगी। हियरिग के बाद प्रशासन इस पर अंतिम निर्णय लेगा। कई देशों में फ्लाईओवर को तोड़ा जा रहा है। फ्लाईओवर से वाहनों की स्पीड बढ़ रही है जिससे दुर्घटना की आशंका बढ़ जाती है। यह फ्लाईओवर तो सिटी के बीच में बनेगा। जो और भी खतरनाक होगा। साथ ही इससे समस्या का निदान नहीं होगा बल्कि यह एक चौक से दूसरे पर शिफ्ट हो जाएगी। अभी जो जाम ट्रिब्यून चौक पर लगता है। वह हल्लोमाजरा चौक पर लगने लगेगा। चंडीगढ़ मास्टर प्लान-2031 में भी फ्लाईओवर का प्रावधान नहीं है। पूरे शहर के लिए समग्र प्लान बनाने की जरूरत है। तब ट्रैफिक और जाम की समस्या का हल होगा।
-सुमित कौर, पूर्व चीफ आर्किटेक्ट, चंडीगढ़
चंडीगढ़ में फ्लाईओवर बनाना ठीक नहीं है। चंडीगढ़ डिजाइन करने की जो मूल धारणा ली कार्बूजिए की थी, यह उसकी हत्या कर देगा। अभी एक चौक पर जरूरत लग रही है, दो साल बाद दूसरा चौक कंजस्टेड होगा तो क्या वहां भी फ्लाईओवर बनेगा। इससे तो यह सिटी ब्यूटीफुल के बजाय फ्लाईओवर सिटी बन जाएगा। जबकि इस समस्या की मुख्य नब्ज तो कमजोर पब्लिक ट्रांसपोर्ट है। चंडीगढ़ ही नहीं, ट्राईसिटी को कवर करने वाले एक बेहतर पब्लिक ट्रांसपोर्ट की जरूरत है।
-वीके भारद्वाज, पूर्व चीफ इंजीनियर, चंडीगढ़