Move to Jagran APP

अगर कल भी आरोपित पेश नहीं किया तो तिहाड़ जेल के सुपरिटेंडेंट पर होगा एक्शन

आरोपित को पेश नहीं करने पर तिहाड़ जेल के सुपरिंटेंडेंट से जवाब मांगा था।

By JagranEdited By: Published: Mon, 24 Feb 2020 10:48 PM (IST)Updated: Mon, 24 Feb 2020 10:48 PM (IST)
अगर कल भी आरोपित पेश नहीं किया तो तिहाड़ जेल के सुपरिटेंडेंट पर होगा एक्शन
अगर कल भी आरोपित पेश नहीं किया तो तिहाड़ जेल के सुपरिटेंडेंट पर होगा एक्शन

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : सारंगपुर में 73.65 एकड़ जमीन पर बनने वाले एम्यूजमेंट/थीम पार्क से जुड़े घोटाले मामले पिछली सुनवाई के दौरान चंडीगढ़ सीबीआइ की स्पेशल अदालत ने आरोपित को पेश नहीं करने पर तिहाड़ जेल के सुपरिंटेंडेंट से जवाब मांगा था। दरअसल आरोपित अजय किसी और मामले में दिल्ली स्थित तिहाड़ जेल में बंद है। सोमवार को मामले की सुनवाई के दौरान तिहाड़ जेल के सुपरिंटेंडेंट ने अपना जवाब दायर किया। कहा कि आरोपित पर दिल्ली की कोर्ट में साजिश रच धोखाधड़ी करने का मामला चल रहा है जिसकी वजह से उसे कोर्ट करना पड़ता है। इसके बाद अदालत ने आरोपित अजय के प्रोडक्शन वारंट जारी कर दिए। साथ ही तिहाड़ जेल सुपरिंटेंडेंट को आदेश दिए हैं कि 26 फरवरी को होने वाली अगली सुनवाई पर सुबह दस बजे आरोपित को वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिये पेश किया जाए। ऐसा न करने पर सुपरिंटेंडेंट के खिलाफ कानून के मुताबिक सख्त एक्शन लिया जा सकता है। क्लोजर रिपोर्ट कर दी गई थी खारिज

loksabha election banner

बता दें कि मामले में उक्त आरोपित के अलावा चंडीगढ़ के तत्कालीन एडवाइजर ललित कुमार, गृह सचिव कृष्ण मोहन शर्मा, यूटी टूरिज्म डायरेक्टर विवेक अत्रे भी आरोपित हैं। इसी साल छह जनवरी को अदालत ने आरोपितों के खिलाफ चल रहे इस केस में दायर क्लोजर रिपोर्ट को खारिज कर दिया था। इसके बाद केस का ट्रायल शुरू हुआ। 13 फरवरी को हुई पिछली सुनवाई पर अदालत में अजय चंद्रा को छोड़ बाकी सभी आरोपित पेश हुए थे। उस समय भी मामले की सुनवाई शुरू नहीं हो पाई थी। जिसके बाद अदालत ने अजय के खिलाफ दोबारा प्रोडक्शन वारंट जारी कर दिए थे। प्रशासक ने दिए थे जांच के आदेश

केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की प्रारंभिक जांच के आधार पर गृह मंत्रालय ने वर्ष 2006 में तत्कालीन प्रशासक और पंजाब के राज्यपाल एसएफ रोड्रिग्स को मामले की सीबीआइ जांच की सिफारिश की थी। यूटी प्रशासक के आदेश पर एम्यूजमेंट थीम पार्क घोटाले की सीबीआइ जांच के आदेश हुए थे। मामले में सीबीआइ ने चार अक्टूबर 2010 को उक्त सभी के खिलाफ धोखाधड़ी और क्रप्शन एक्ट के तहत एफआइआर दर्ज कर जांच शुरू की थी। विदेशों की तर्ज पर बनना था एम्यूजमेंट पार्क

मार्च 2006 में तत्कालीन यूटी टूरिज्म के डायरेक्टर विवेक अत्रे ने चंडीगढ़ के सारंगपुर में मल्टीमीडिया कम फिल्म सिटी और थीम पार्क (एम्यूजमेंट पार्क) के लिए साइट्स का प्रपोजल जारी किया था। थीम पार्क में फिल्मों के निर्माण के लिए डिजिटल स्टूडियो, कई तरह की शूटिग साइट्स के अलावा कई तरह की सुविधाएं शामिल थीं। यह थीम पार्क लॉस एंजिल्स के यूनिवर्सल स्टूडियो, सिगापुर के सेंटोसा आइसलैंड और मलेशिया के थीम पार्क की तर्ज पर बनाया जाना था। नियमों के अनुसार जिस भी कंपनी को इसका टेंडर दिया जाता, उसे इसे बनाकर चंडीगढ़ प्रशासन को 33 साल के लिए लीज पर देती। कंपनी को लीज के तौर पर प्रशासन को सालाना 5.50 करोड़ रुपये देने थे। इसके लिए 13 कंपनियों ने आवेदन किया था।लेकिन बाद में तीन कंपनियों पैंटालून लिमिटेड, यूनिटेक लिमिटेड और डीएलएफ का चयन हुआ था। उक्त आरोपितों पर नियमों के विपरीत जाकर यूनिटेक लिमिटेड को प्रस्तावित एम्यूजमेंट थीम पार्क की 33 साल के लिए लीज देने का आरोप था। जबकि जिस आधार पर यूनिटेक को कांट्रेक्ट दिया गया था, उसी आधार पर पहले डीएलएफ को इसके लिए अयोग्य करार दिया गया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.