खेल उत्पादकों को नहीं सरकार पर भरोसा, नहीं भरना चाहते टेंडर
-अकाली-भाजपा के कार्यकाल की 36 करोड़ का नहीं हुआ भुगतान, सरकार बना रही टेंडर भरने का दबा
-अकाली-भाजपा के कार्यकाल की 36 करोड़ का नहीं हुआ भुगतान, सरकार बना रही टेंडर भरने का दबाव
---
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़: एक तरफ पंजाब सरकार उद्योग को बढ़ावा देने का वादा कर रही है। वहीं दूसरी तरफ खेल उत्पादकों को पंजाब सरकार पर भरोसा नहीं है। खेल विभाग ने 10 करोड़ रुपये खेल किटों को खरीदने के लिए टेंडर निकाला है, लेकिन खेल उत्पादक टेंडर नहीं भर रहे। वहीं, पंजाब सरकार उन पर टेंडर भरने का दबाव बना रही है। सरकार की परेशानी यह है कि टेंडर न भरने के कारण एक बार उन्हें तारीख को आगे बढ़ाना पड़ा है। दूसरी बार भी अगर किसी ने टेंडर नहीं भरा तो उसकी फजीहत होगी।
अकाली-भाजपा कार्यकाल के दौरान पंजाब सरकार ने खेल किटों की खरीददारी की थी। इसका बिल करीब 36 करोड़ रुपये है। जालंधर की करीब 7 कंपनियों ने इस खेल किटों को सप्लाई किया था। इतनी बड़ी रकम सरकार के पास फंसी होने के कारण अब खेल उत्पादक नया टेंडर भरने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। दो साल से सप्लायर सरकार की खुशामद कर रहे है, लेकिन खेल विभाग की कान पर जूं नहीं रेंग रही। बजट की कमी का हवाला देते हुए खेल विभाग सप्लायरों को टाल रही है। 10 करोड़ रुपये की खेल किटों का टेंडर
खेल विभाग ने 10 करोड़ रुपये की खेल किटों का टेंडर निकाला है। पहले यह टेंडर 5 सितंबर को खुलना था, जिसमें किसी भी सप्लायर रुचि नहीं दिखाई। इसे देखते हुए विभाग ने टेंडर की तारीख 19 सितंबर कर दी। इसके बावजूद कोई भी टेंडर डालने को तैयार नहीं है। अब खेल विभाग खेल उत्पादकों पर दबाव बना रहा है कि वह टेंडर करें। वहीं, पंजाब स्पोर्ट्स सप्लायर एसोसिएशन ने विभाग के डायरेक्टर को पत्र लिख कर अपनी व्यथा बता दी है। एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट संजय कोहली का कहना है कि पहले ही सरकार के पास इतनी बड़ी रकम फंसी हुई है। मेन्यूफेक्चर्स को उस रकम पर ब्याज भी देना पड़ रहा है। ऐसे में नया टेंडर भरने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे है।
कोट
खेल उत्पादकों ने पूर्व में यह मामला जानकारी में लाए थे। विभाग के पास फंड की कमी है, लेकिन सप्लायर टेंडर नहीं करना चाहते। यह मेरी जानकारी में नहीं है। विभाग व सप्लायरों से इस मामले में बात की जाएगी।
-राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी, खेल मंत्री