अभिनय करने के लिए सीख रही हूं पंजाबी, Film की प्रमाेशन के लिए एक्ट्रेस नेहा शर्मा पहुंची ट्राईसिटी
हिंदी से पंजाबी फिल्मों में आने में मुझे कोई दिक्कत नहीं थी। इन दिनों कई बड़े स्टार्स रीजनल सिनेमा से जुड़ रहे हैं। एक्ट्रेस नेहा शर्मा ने कुछ इसी अंदाज में अपनी राय रखी
चंडीगढ़, जेएनएन। हिंदी से पंजाबी फिल्मों में आने में मुझे कोई दिक्कत नहीं थी। इन दिनों कई बड़े स्टार्स रीजनल सिनेमा से जुड़ रहे हैं। फिर पंजाबी सिनेमा तो अपनी पहचान हर जगह बना रहा है। ऐसे में मुझे जब ये फिल्म ऑफर हुई तो मना नहीं कर पाई। एक्ट्रेस नेहा शर्मा ने कुछ इसी अंदाज में पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री से जुडऩे पर बात की।
संधू हुंदा सी फिल्म पर बात करने के लिए वह होटल ताज-17 पहुंचीं। उन्होंने कहा कि हालांकि फिल्म में उनका किरदार पंजाबी है मगर अभी भी पंजाबी अच्छे से नहीं बोल पाती हूं। हां, अभिनय करने के लिए कुछ हद तक पंजाबी बोलनी सीखी। मगर इसमें परफेक्ट नहीं हूं।
फिल्म यमला पगला दीवाना से ही पंजाबी सीखना शुरू किया
पंजाबी फिल्म में आने के बारे में पहले कब सोचा था पर नेहा ने कहा कि यमला पगला दीवाना पार्ट टू के दौरान उन्हें पंजाबी सिनेमा की इच्छा जागी। बोली कि उस दौरान देओल फैमिली और पंजाबी से जुडऩा हुआ। ऐसे में ये स्वभाविक था कि पंजाबी सिनेमा से भी जुड़ सकूं। हालांकि इक संधू हुंदा सी फिल्म में मेरा किरदार एक कॉलेज गर्ल तक सीमित है। इसमें ज्यादा वैरायटी तो नहीं मगर शुरुआत के लिए ये अच्छा है।
पार्टटाइम जॉब थी फिल्म मेरे लिए
नेहा ने कहा कि उनके लिए फिल्मों में आना पैसा कमाने का माध्यम था। बोलीं कि फैशन इंडस्ट्री और डांस को उन्होंने करियर के रूप में चुना था। मगर कॉलेज के दिनों में ज्यादा पैसा कमाने की चाह उन्हें फिल्मों तक लेकर आई। बोली कि उन्हें कॉलेज में जब फिल्म ऑफर हुई तो उन्हें पता चला कि फिल्म के जरिये दुनियाभर में घूमा जा सकता है और अच्छा पैसा कमाया जा सकता है। ऐसे में पहली फिल्म की, जिसमें कई देशों में ट्रेवल किया। जितना पैसा फिल्म से कमाया, उतना ही शापिंग पर खर्च दिया।
तान्हाजी से दोबारा दिखी इंडस्ट्री में; कहा- पता नहीं था कि फिल्म इतनी आगे तक जाएगी
एक लंबे समय से बॉलीवुड से गायब नेहा की फिल्म तान्हाजी हाल ही में बड़ी हिट साबित हुई। उन्होंने कहा कि हां पता नहीं था कि फिल्म इतनी आगे तक जाएगी। हालांकि मुझे ऐसे किरदार कम ही पसंद आते हैं जिसमें बहुत कुछ चुपचाप रहकर सहना हो, मगर फिल्म को मिली प्रतिक्रिया के बाद मुझे बहुत खुशी हुई।
आपको लोग इस फिल्म से जानेंगे ये भी आपके लिए अच्छा है। हालांकि मुझे किरदार इसके विपरीत ही पसंद है। मगर आप अगर एक अच्छी फिल्म का हिस्सा होते हैं, तो इसके मायने नहीं होते कि आपको किरदार क्या मिल रहा है, यही सोच मैंने भी रखी। उम्मीद है कि लोग मुझे पंजाबी सिनेमा में भी अपनाएंगे।