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फिट हूं, लेकिन दोबारा इंजरी के डर से नहीं ले रहा प्रतियोगिताओं में हिस्सा : नीरज चोपड़ा Chandigarh News

नीरज ने कहा कि कंधे की सर्जरी के बाद उन्होंने फिटनेस के लिए साइक्लिंग और एक्सरसाइज शुरू कर दी है लेकिन अभी थ्रो करना शुरू नहीं किया।

By Edited By: Published: Sat, 14 Sep 2019 08:25 PM (IST)Updated: Sun, 15 Sep 2019 12:22 PM (IST)
फिट हूं, लेकिन दोबारा इंजरी के डर से नहीं ले रहा प्रतियोगिताओं में हिस्सा : नीरज चोपड़ा Chandigarh News
फिट हूं, लेकिन दोबारा इंजरी के डर से नहीं ले रहा प्रतियोगिताओं में हिस्सा : नीरज चोपड़ा Chandigarh News

चंडीगढ़, जेएनएन। कंधे की इंजरी से अभी पूरी तरह से फिट हूं लेकिन दोबारा चोटिल न हो जाउं, इसके डर से अभी किसी प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं ले रहा हूं। यह कहना है अर्जुन अवॉर्डी व कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने वाले जैवलिन थ्रो प्लेयर नीरज चोपड़ा का।

नीरज ने कहा कि कंधे की सर्जरी के बाद उन्होंने फिटनेस के लिए साइक्लिंग और एक्सरसाइज शुरू कर दी है लेकिन अभी थ्रो करना शुरू नहीं किया। जल्द डॉक्टर की सलाह के बाद अपनी प्रेक्टिस शुरू कर दूंगा। दो-चार महीने की प्रेक्टिस के बाद मैं अपनी लय पकड़ लूंगा। ओलंपिक तक पूरी तरह से फिट हो जाउंगा और इस बड़े टूर्नामेंट को लेकर मेरे ऊपर जरा भी प्रेशर नहीं है। उन्होंने कहा कि इस इंजरी की वजह से वे पिछले एक साल से खेल से दूर रहे हैं, कई बड़ी प्रतियोगिताओं में हिस्सा नहीं ले सके। दरअसल मैं नहीं चाहता कि जल्दबाजी में दोबारा चोटिल हो जाउं। मेरी नजर ओलंपिक पर है। उम्मीद है कि इस साल के अंत में होने वाले ओपन नेशनल गेम्स में हिस्सा लूंगा।

डीएवी कॉलेज में क्रिकेट एकेडमी का शुभारंभ नीरज ने बताया कि पहले वे विजयनगर थे और 10 दिन पहले ही पटियाला आए हैं। नीरज डीएवी कॉलेज में पूर्व छात्र रहे हैं और वे डीएवी कॉलेज की क्रिकेट एकेडमी का शुभारंभ करने शहर में पहुंचे थे। इसी दौरान मीडिया से बातचीत में उन्होंने अपनी भविष्य की योजनाओं के बारे में खुलकर बात की।

दूसरों के रिकॉर्ड पर नहीं देता ध्यान, अपने ऊपर है भरोसा
नीरज चोपड़ा ने कहा कि दूसरे खिलाड़ियों के व‌र्ल्ड रिकॉर्ड देखकर वे अपनी प्रेक्टिस नहीं करते हैं, सिर्फ अच्छी थ्रो करने का प्रयास करते हैं। रिकॉर्ड सिर्फ एक बार बनता है लेकिन अलग-अलग प्रतियोगिता में आपकी लगातार आ रही परफॉर्मेंस काफी मायने रखती है। प्रतियोगिता में आप यह सब सोचकर थ्रो करेंगे कि आपको रिकॉर्ड बनाना है तो आप अच्छा नहीं कर पाएंगे। रिकॉर्ड तो अपने आप ही बनते हैं। पहले नेशनल रिकॉर्ड 75 मीटर के आसपास था लेकिन आज देश में ही कई जैवलिन थ्रो के खिलाड़ी हैं जो 80 मीटर तक थ्रो करते हैं। खेल का स्तर लगातार बढ़ रहा है। मौजूदा समय में जर्मनी के एथलीट अच्छा थ्रो कर रहे हैं लेकिन जर्मनी के बाद दूसरे नंबर पर भारत है जो खेल में बेस्ट कर रहा है। इसलिए ज्यादा दिक्कत वाली बात नहीं है।

जूनियर खिलाड़ी रोहित और साहिल भी कर रहे हैं शानदार प्रदर्शन
नीरज ने बताया कि देश के युवा एथलीट व जैवलिन थ्रो में काफी बेहतर रहे हैं। तकरीबन 4-5 ऐसे खिलाड़ी हैं। मौजूदा समय में जूनियर खिलाड़ी रोहित और साहिल बेहतरीन हैं। ये दोनों किसी भी विदेशी खिलाड़ी को टक्कर देने में सक्षम हैं। अगले साल जूनियर व‌र्ल्ड चैंपियनशिप होनी है, उम्मीद है कि यह दोनों खिलाड़ी इस प्रतियोगिता में जरूर मेडल जीतेंगे। जैसे-जैसे हमारे खिलाड़ी इंटरनेशनल प्रतियोगिताओं में मेडल जीतेंगे, वैसे खेल का स्तर अपने आप ऊपर उठ जाएगा।

 

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