एचटी डोमेस्टिक कंज्यूमर्स को झटका, प्रति यूनिट 4.80 रुपये होगा चार्ज
गर्मी बढ़ते ही कंज्यूमर्स को बिजली ने जोर का झटका दे दिया है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : गर्मी बढ़ते ही कंज्यूमर्स को बिजली ने जोर का झटका दे दिया है। ज्वाइंट इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन (जेईआरसी) ने पहली बार डोमेस्टिक और कमर्शियल दोनों कंज्यूमर्स को दो सब कैटेगरी में बांटकर प्रति यूनिट चार्ज भी अलग कर दिया है। जेईआरसी ने यह फैसला यूटी इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट द्वारा वित्त वर्ष 2019-20 से लेकर 2021-22 तक के लिए भेजी गई मल्टी ईयर टैरिफ पिटीशन पर लिया है। ज्वाइंट इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन के फैसले का असर दो लाख से अधिक उपभोक्ताओं पर पड़ेगा। सब कैटेगरी वोल्टेज लेवल के आधार पर बनाई गई हैं। सब कैटेगरी में बांटने का सबसे ज्यादा असर उन कंज्यूमर्स पर पड़ेगा जिनका वोल्टेज लेवल अधिक होगा। डोमेस्टिक केटेगरी को लो टेंशन (एलटी) डोमेस्टिक और हाईटेंशन (एचटी) डोमेस्टिक में बांटा गया है। दोनों कंज्यूमर्स डोमेस्टिक कैटेगरी के ही हैं लेकिन वोल्टेज लेवल को देखते हुए दोनों के बिल अलग आएंगे। डोमेस्टिक कैटेगरी का कोई कंज्यूमर जो 11 केवी या उससे ज्यादा वोल्टेज लेवल से कनेक्ट होगा तो उससे केवल एक फिक्स टैरिफ लिया जाएगा। एलटी कंज्यूमर्स का टैरिफ 2.75 रुपये प्रति यूनिट से ही शुरू होगा
इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट की ओर से वित्त वर्ष 2019-20 से लेकर 2021-22 तक के लिए भेजी गई मल्टी ईयर टैरिफ पिटीशन पर कमीशन ने यह फैसला लिया है। इसमें एलटी डोमेस्टिक सप्लाई वाले कंज्यूमर्स का टैरिफ 2.75 रुपये प्रति यूनिट से ही शुरू होगा। जबकि एचटी डोमेस्टिक सप्लाई वाले कंज्यूमर्स को 4.80 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से अब बिल का भुगतान करना होगा। इसी तरह एचटी कमर्शियल कैटेगरी के कंज्यूमर्स का टैरिफ भी 5.30 रुपये प्रति यूनिट फिक्स कर दिया गया है। जबकि एलटी कमर्शियल कैटेगरी में आने वाले कंज्यूमर्स का टैरिफ 5 रुपये प्रति यूनिट से शुरू होगा। इलेक्ट्रिक वाहन की चार्जिग 4 रुपये प्रति यूनिट
इलेक्ट्रिक चार्जिग स्टेशन पर वाहन चार्ज करने के लिए प्रति यूनिट 4 रुपये लगेंगे। जेईआरसी ने इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिग के लिए टैरिफ को मंजूरी दे दी है। यह नया टैरिफ 1 जून 2019 से लागू माना जाएगा। टैरिफ को मंजूरी मिलने के बाद चार्जिग स्टेशन लगाने के लिए इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट से लाइसेंस लेना होगा। डिपार्टमेंट उन्हीं चार्जिग स्टेशन, चार्जिग इंफ्रास्ट्रक्चर या बैटरी स्वैप को लाइसेंस जारी करेगा जिनकी लोकेशन को प्रशासन से मंजूरी मिल चुकी होगी। जो वाहन जितनी यूनिट बिजली खर्च करेगा, उसको उसी हिसाब से चार्जिग स्टेशन को बिल अदा करना होगा। चार्जिग स्टेशन पर फिक्सड चार्ज भी लगेगा
इलेक्ट्रिक चार्जिग स्टेशन का लाइसेंस लेने पर इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट स्टेशन ऑनर से फिक्सड चार्ज भी वसूल करेगा। यह फिक्सड चार्ज लोड के हिसाब से होगा। हालांकि फिलहाल कंजप्शन की सभी स्लैब में एक ही जैसा फिक्सड चार्ज निर्धारित किया गया है। सभी कैटेगरी में सिगल फेस के लिए प्रति किलोवाट प्रति माह 20 रुपये लगेंगे। जबकि थ्री फेज के लिए प्रति किलोवाट प्रति माह फिक्सड चार्ज 100 रुपये चुकाना होगा। रुकेगा प्रदूषण बढ़ेंगे इलेक्ट्रिक वाहन
शहर में ट्रैफिक लगातार बढ़ रहा है। कारों की संख्या 12 लाख से अधिक हो चुकी है। ट्रांसपोर्ट व्हीकल भी कम नहीं हैं। वाहनों के धुएं से निकलने वाली जहरीली गैसों से पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है। ट्रांसपोर्ट सेक्टर ऑयल का सर्वाधिक दोहन करने वाला क्षेत्र है। विश्व में दूसरा सबसे अधिक कार्बन डाई ऑक्साइड उत्सर्जन करने वाला क्षेत्र भी यही है। देश में कुल क्रूड ऑयल का एक तिहाई ट्रांसपोर्टेशन सेक्टर में इस्तेमाल होता है। जिसमें 80 प्रतिशत दोहन तो रोड पर चलने वाले वाहनों से ही होता है। इसको देखते हुए मिनिस्ट्री ऑफ हेवी इंडस्ट्री ने नेशनल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन प्लान 2020 तैयार किया है। जिसमें इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए चार्जिग स्टेशन जगह-जगह स्थापित किए जाएंगे। इसी को देखते हुए इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट ने इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन के लिए टैरिफ की मंजूरी जेईआरसी से मांगी थी। इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग के लिए यह था टैरिफ प्रस्ताव
कंजप्शन रेंज प्रस्तावित एनर्जी चार्ज फाइनल
0-150 5 4
150-400 5.30 4
400 से ऊपर 5.60 4 बिल पर नहीं लगेगा रेगुलेटरी सरचार्ज
इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट ने लोगों को बड़ी राहत दी है। अब कंज्यूमर्स को बिल पर रेगुलेटरी सरचार्ज नहीं देना होगा। पहले कुल बिल राशि पर 5 प्रतिशत रेगुलेटरी सरचार्ज लगता था । यह सरचार्ज पिछले रेवेन्यू गैप को पूरा करने के लिए लगाया जाता था। वित्त वर्ष 2018-19 में रेवेन्यू रिकवरी गैप 208 करोड़ रुपये था जो अब कम होकर 18.65 करोड़ रुपये रह गया है। अंतर काफी कम होने के कारण डिपार्टमेंट ने जेईआरसी को भेजी अपनी पिटीशन में ही सरचार्ज हटाने की अपील की थी। जिसे जेईआरसी ने मंजूरी दे दी है। इससे फायदा यह होगा कि अगर अभी तक आपका बिल 2000 रुपये आता था तो अब इस पर 5 प्रतिशत सरचार्ज नहीं लगेगा। जिससे बिल 100 रुपये कम होकर 1900 रुपये आएगा। स्लम एरिया की अलग कैटेगरी को नहीं मिली मंजूरी
जेईआरसी ने स्लम एरिया के लिए नई कैटेगरी बनाने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। डिपार्टमेंट ने स्लम और लाल डोरा एरिया के बाहर वाले कंज्यूमर्स के लिए सिगल प्वाइंट सप्लाई (एसपीएस) की मंजूरी मांगी थी। कुंडी कनेक्शन को कम करने के लिए डिपार्टमेंट ने यह नया प्रस्ताव तैयार किया था। इसके अलावा जेईआरसी ने ओपन एक्सेस के तहत बिजली सप्लाई लेने पर अतिरिक्त सरचार्ज लगा दिया है। कंज्यूमर्स को 1.05 रुपये प्रति किलोवाट ऑवर्स के हिसाब से सरचार्ज देना होगा।
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