इस मौसम में बुखार आए तो न करें नजरअंदाज, इन बातों का रखें ध्यान
किसी भी प्रकार का बुखार होने पर अनदेखी कतई न करें। घरेलू उपाय करने में समय बर्बाद करने की बजाय तत्काल डॉक्टर को दिखाएं।
जेएनएन, चंडीगढ़। मौसम में आ रहे उतार-चढ़ाव के कारण सबसे ज्यादा प्रभावित छोटे बच्चों की सेहत हो रही है। अस्पतालों की ओपीडी में वायरल बुखार और संक्रमण के मरीजों में सबसे ज्यादा तादात बच्चों की ही है। बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में बुखार के कारण बच्चों की हो रही मौत से यहां भी पेरेंट्स खासे चिंतित हैं। ऐसी स्थिति में डॉक्टरों का कहना है कि किसी भी प्रकार का बुखार होने पर अनदेखी कतई न करें। घरेलू उपाय करने में समय बर्बाद करने की बजाय तत्काल डॉक्टर को दिखाएं। वायरल फीवर के दौरान बच्चे का नर्वस सिस्टम प्रभावित होता है। जिसके कारण उसे दूध पीने और सांस लेने में परेशानी होती है।
गवर्नमेंट मल्टी स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल के एमएस डॉ. बीएस नागपाल ने बताया कि बच्चों के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। पीडियाट्रिक डिपार्टमेंट में संख्या बढ़ने पर अतिरिक्त बेड लगाने का निर्देश दिया गया है। डॉ. नागपाल ने बताया कि वायरल के दौरान बच्चों की इम्युनिटी पावर तेजी से कम होती है, जिससे दूसरे संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए उस दौरान साफ-सफाई के साथ ही उसके खान-पान पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
बच्चों का ऐसे रखें ध्यान
- बुखार ज्यादा हो तो गीली पट्टी लगाए या पूरे शरीर को पोंछे।
- कमरे में पंखा चलने दें, बच्चे को तरल पदार्थ दें, ज्यादा तला-भूना कुछ भी न दें।
ये लक्षण दिखें तो हो जाएं सावधान
- सिर दर्द होना।
- मिचली की शिकायत।
- आंखों का लाल होना।
- दस्त लगना।
- गर्मी मौसम में भी ठंड लगना
- खांसी आना।
- गले में खराश और छींक आना।
- पूरे शरीर में दर्द होना।
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