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कैसे पूरा होगा Milkha Singh का सपना, फ्लाइंग सिख के शहर चंडीगढ़ में एक भी सिंथेटिक ट्रैक नहीं

मिल्खा सिंह के जीते जी उनका सपना पूरा नहीं हो सका। मिल्खा सिंह के अंतिम संस्कार के समय उन्हें श्रद्धांजलि देने शहर में पहुंचे केंद्रीय खेलमंत्री किरण रिजिजू ने भी उनके इस सपने का जिक्र किया था और कहा था कि उनके सपने को पूरा करने का प्रयास किया जाएगा।

By Ankesh ThakurEdited By: Published: Mon, 28 Jun 2021 11:59 AM (IST)Updated: Mon, 28 Jun 2021 11:59 AM (IST)
कैसे पूरा होगा Milkha Singh का सपना, फ्लाइंग सिख के शहर चंडीगढ़ में एक भी सिंथेटिक ट्रैक नहीं
शहर के एथलिट्स कच्चे ट्रैक पर करते हैं प्रेक्टिस।

विकास शर्मा, चंडीगढ़। उड़न सिख पद्मश्री स्वर्गीय मिल्खा सिंह हमेशा कहते थे कि उनका सपना है कि देश का कोई एथलीट्स ओलंपिक में मेडल जीते। मिल्खा सिंह के जीते जी उनका सपना पूरा नहीं हो सका। मिल्खा सिंह के अंतिम संस्कार के समय उन्हें श्रद्धांजलि देने शहर में पहुंचे केंद्रीय खेलमंत्री किरण रिजिजू ने भी उनके इस सपने का जिक्र किया था और  उस मौके पर कहा था कि  हम और हमारे खिलाड़ी प्रयास करेंगे कि जल्द से जल्द मिल्खा सिंह का सपना पूरा हो।

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इसी बाबत मिल्खा सिंह के शहर की ही कर लेते हैं स्पोर्ट्स कांप्लेक्स- 7 के एथलेटिक ट्रैक पर सिंथेटिक ट्रैक डालने का शोर सालों से है, लेकिन इसको डालने का काम कब तक शुरू होगा, इसका कोई जवाब किसी के पास नहीं हैं। स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट के अधिकारियों की माने की तरफ से स्थिेंटिक ट्रैक डालने की तमाम औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं। अब इसका निर्माण कार्य कब शुरू होगा, इसकी स्टीक जानकारी प्रशासन का इंजीनियरिंग विभाग ही दे सकता है। वहीं इंजीनियरिंग विभाग इस काम हो देरी की वजह  कोरोना महामारी के सिर मढ़ देता है।

30 साल से डिपार्टमेंट ने नहीं खरीदे एथलेटिक्स एक्युपमेंट्स

सिंथेटिक ट्रैक ही नहीं, हाईजंप के लिए, लांग जंप के लिए भी उपकरणों का अभाव है। हाईजंप और हडर्लिंग के उपकरण पिछले 30 सालों से डिपार्टमेंट ने नहीं खरीदे हैं। खेल विभाग बड़े खेल आयोजनों के समय तो इन उपकरणों को मगंवा लेता है लेकिन खिलाड़ियों की प्रेक्टिस के लिए यह उपकरण नहीं होने से खिलाड़ियों को खासी दिक्कत होती है। स्पोर्ट्स कांप्लेक्स के खिलाड़ियों को एक्सरसाइज करने के लिए जिम की व्यवस्था तो की गई है, लेकिन इसके लिए हाईटेक एक्युपमेंट उपलब्ध नहीं है।

मिल्खा सिंह ने भी कई बार प्रशासन के सामने रखी थी यह मांग

उड़न सिख पदमश्री मिल्खा सिंह ने भी अपने जीते जी  कई मंचों से एथलीट्स  के लिए सिंथेटिक ट्रैक जल्द बनाने की बात कही।  मिल्खा कहते थे कि दौड़ ही सब खेलों की मां है, जब खिलाड़ी दौड़ लगाएेंगे तो उनकी फिटनेस अच्छी होगी और फिटनेस अच्छी होगी तो खिलाड़ी चाहे किसी भी खेल में हों मेडल जरूर आएंगे। स्थिेंटिक ट्रैक बनने से सब खेलों के खिलाड़ियों को फायदा होगा।

ट्रैक गीला होने की वजह से हमेशा रहता है चोट लगने का डर

वहीं एथलीट्स ने बताया कि हमारे लिए रोजाना प्रैक्टिस करना बेहद जरूरी है, मानसून सीजन में हमें खासी दिक्कत होती है, दरअसल सिंथेटिक ट्रैक नहीं होने की वजह से मजबूरन हमें कच्चे ट्रैक पर दौड़ना पड़ता है। ऐसे में बारिश के मौसम में खासी दिक्कत आती है। कच्चा ट्रैक मिट्टी व सीमेंट से बना होता है जिससेे बारिश के बाद इस ट्रैक पर दौड़ने से चोट लगने का डर रहता है। पूरी स्पीड के साथ प्रैक्टिस नहीं कर पाते हैं, और लय बिगड़ने से वह अपनी प्रैक्टिस में पिछड़ जाते हैं।

राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं पर होती है एथलीट्स को दिक्कत

राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के तमाम टूर्नामेंट सिथेंटिक पर होते हैं। इसी वजह से शहर को किसी बड़े एथलेटिक्स इवेंट की मेजबानी नहीं मिलती है। इसके अलावा जब भी कोई बड़ा टूर्नामेंट होता है तो एथलीट्स को  प्रेक्टिस करने के लिए पंचकूला जाना पड़ता है। इससे उनके समय की काफी बर्बादी होती है। इसके अलावा एथलीट्स  कच्चे ट्रैक पर प्रैक्टिस करते हैं, और जब भी कोई बड़ा टूर्नामेंट होता है तो सिंथेटिक ट्रैक पर दौड़ने का अभ्यास नहीं होने की वजह से वह मेडल जीतने से चूक जाते हैं।

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"हम इस बाबत स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट से कई बार गुहार लगा चुके हैं, बावजूद इसके अभी तक न एथलेटिक्स खेलों से जुड़े एक्युपमेंट्स की खरीद हो रही है और न ही स्थिेंटिक ट्रैक डालने का काम शुरू हो रहा है। पिछले 30 अप्रैल को स्पोर्ट्स डायरेक्टर ने स्पोर्ट्स काउंसिल की मीटिंग में बताया था कि एथलेटिक्स फेडरेशन अॉफ इंडिया के टेक्नीकल एक्सपर्ट आदिल ने स्थिेंटिक ट्रैक के ड्राइंग में कुछ बदलाव करवाए थे, जो कर लिए गए हैं और 30 मई तक हर हाल में इसके निर्माण का टेंडर निकाल दिया जाएगा, लेकिन अभी तक यह टेंडर नहीं निकला है।

                                                           -रमेश हांडा, वाइस प्रेसिडेंट, चंडीगढ़ एथलेटिक्स एसोसिएशन


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