सोशल नेटवर्किंग से कैसे बढ़ रहा अपनों के बीच फासला
जागरण संवाददाता, मोहाली : टेक्नोलॉजी के इस युग में लोगों के बीच रिश्ते फेसबुक, व्हाट्स अप या अन्य सोशल साइट्स तक ही सीमित रह गए हैं। फेसबुक पर चाहे लोगों के हजारों दोस्त हों, लेकिन जरूरत पड़ने पर कभी कोई काम नहीं आता है।
जागरण संवाददाता, मोहाली : टेक्नोलॉजी के इस युग में लोगों के बीच रिश्ते फेसबुक, व्हाट्स अप या अन्य सोशल साइट्स तक ही सीमित रह गए हैं। फेसबुक पर चाहे लोगों के हजारों दोस्त हों, लेकिन जरूरत पड़ने पर कभी कोई काम नहीं आता है। इसी हकीकत से रूबरू करवाता नुक्कड़ नाटक 'कड़वा सच' जब मानव मंगल स्मार्ट स्कूल मोहाली के स्टूडेंट्स ने प्रस्तुत किया तो वहां मौजूद लोग भी यह सोचने पर मजबूर हो गए कि सोशल नेटवर्किंग की बढ़ती लत ने अपनों के बीच फासले को बढ़ा दिया है।
स्कूल के वार्षिक सास्कृतिक समारोह 'पनाश-18' के दौरान प्रस्तुत नाटक दर्शकों पर गहरी छाप छोड़ने में सफल रहा। शुक्रवार को संपन्न हुए दो दिवसीय पनाश में स्टूडेंट्स ने रंगारंग कार्यक्रम पेश किए। इस दौरान उनकी हर प्रस्तुति में कोई न कोई संदेश छिपा था।
समारोह की शुरुआत स्कूल प्रिंसिपल की ओर से प्रस्तुत वार्षिक रिपोर्ट से हुई। इसके बाद छात्र-छात्राओं ने प्रार्थना गीत पर लोक नृत्य पेश कर दर्शकों को भक्ति के रस नें डुबो दिया। स्डूडेंट्स ने भारत के अलग-अलग धर्मो के पर्वो को मंच पर बहुत ही खूबसूरती से समेटते हुए भारत की संस्कृति के अलग-अलग रंग दिखाए। भाई-बहन के बीच प्यार भरे रिश्ते को दिखाती प्रस्तुति 'जेनिथ आफ बाडिंग' ने दर्शकों की आखें नम कर दीं। इसके अलावा समारोह में छात्र-छात्राओं ने पंजाबी नाटक के माध्यम से यह संदेश दिया कि अलग-अलग धर्मो में चाहे भगवान को अलग-अलग रूप में पूजा जाता है, लेकिन ईश्वर एक ही है। इसके साथ ही समारोह में स्टूडेंट्स ने बहुत ही खूबसूरत तरीके से योगा पेश कर इसके महत्व को दर्शाया। समारोह में स्टूडेंट्स ने अलग अलग रंगों के महत्व को भी बहुत ही बेहतर तरीके से प्रस्तुत किया। भारतीय सैनिकों को समर्पित प्रस्तुति 'ए सैल्यूट टू ब्रेवहर्ट्स' समारोह का खास आकर्षण रही।
स्कूल के डॉयरेक्टर संजय सरदाना ने इस शो के लिए स्टूडेंट्स और टीचर्स द्वारा की गई मेहनत की प्रशसा करते हुए कहा कि छात्रों ने मंच पर जिस तरह से अपना हुनर दिखाया वह सराहनीय है। उन्होंने कहा कि इस शो ने साबित कर दिया कि स्टूडेंट्स को अगर मंच पर प्रतिभा दिखाने का मौका मिले तो वह किसी से कम नहीं होंगे। पनाश में स्कूल के सातवीं से नौवीं कक्षा के छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया था।