हाउसिंग बोर्ड के फ्लैट्स अब बाक्स टाइप स्ट्रक्चर्स के नहीं होंगे
हाउसिंग बोर्ड अपनी सभी नई स्कीम्स के डिजाइन प्राइवेट आर्किटेक्ट्स फर्म से तैयार करवाएगा। यह फ्लैट्स ऐसे होंगे जिनमें वायलेशन के लिए कोई जगह नहीं होगी।
जागरण संवाददाता चंडीगढ़ : हाउसिंग बोर्ड अपनी सभी नई स्कीम्स के डिजाइन प्राइवेट आर्किटेक्ट्स फर्म से तैयार करवाएगा। यह फ्लैट्स ऐसे होंगे जिनमें वायलेशन के लिए कोई जगह नहीं होगी। हाउसिंग बोर्ड शहर में अब तक लगभग 50 हजार फ्लैट्स बना चुका है। इनमें ईडब्ल्यूएस से लेकर एलआईजी, एमआईजी और एचआईजी के फ्लैट्स तक शामिल है। इनमें से हर हाउसिंग स्कीम्स का डिजाइन एक दूसरे से मिलता जुलता है। पहली बार हाउसिंग बोर्ड प्राइवेट आर्किटेक्ट्स से फ्लैट्स के डिजाइन तैयार करवाने जा रहा है। हाउसिंग बोर्ड इसके लिए एक स्क्रीनिंग कमेटी का गठन करेगा। कमेटी इन फ्लैट्स के लिए डिजाइन सलेक्ट करेगी। चुनी गई फर्म को हाउसिंग स्कीम्स का काम सौंपा जाएगा। वायलेशन की नौबत नहीं आएगी
बोर्ड के अफसरों के अनुसार नई हाउसिंग स्कीम्स के फ्लैट्स इस प्रकार डिजाइन होंगे कि किसी को भी इनमें वायलेशन करने की जरूरत ही न पड़े। फ्लैट्स में आधुनिक जरूरत का पूरा ध्यान रखा जाएगा। बोर्ड के पहले के फ्लैट्स की तुलना में यह फ्लैट्स अधिक खुले और हवादार होंगे। मौजूदा फ्लैट्स में लोगों ने अपनी जरूरत के अनुसार अतिरिक्त निर्माण कर लिए है। अब इन निर्माण को नीड बेस्ड चेंज के अंतर्गत रेगुलराइज करने की माग की जा रही है। ईडब्लयूएस से लेकर एचआईजी के फ्लैट्स तक का डिजाइन आर्किटेक्ट फर्म तैयार करेंगी। ट्राईसिटी की स्टडी की जाएगी
हाउसिंग बोर्ड आर्किटेक्ट्स फर्मो को पहले ट्राईसिटी के प्रोजेक्ट की स्टडी करने को कहा जाएगा। हाउसिंग बोर्ड के डायरेक्टर प्रेम कौशिक के अनुसारइस स्टडी के बाद यह फर्म हाउसिंग बोर्ड के फ्लैट्स का डिजाइन तैयार करेंगी। डिजाइन तैयार करने वाली फर्मो के सामने सबसे प्रमुख शर्त यही होगी कि उनके द्वारा तैयार डिजाइन किसी भी प्रकार से प्राइवेट बिल्डर्स के फ्लैट्स से कम न हो।