मोहाली के जीरकपुर में घर-जमीन खरीदने की सोच रहे हैं तो पढ़ें खबर, बढ़ने वाली है नक्शा फीस
मोहाली के जीरकपुर में नक्शा फीस बढ़ने वाली है। इससे लोगों को अब घर या दुकान का नक्शा पास करवाने के लिए ज्यादा जेब ढीली करनी होगी। हालांकि लोग नक्शा फीस बढ़ाने का अभी से ही विरोध भी करने लगे हैं।
जागरण संवाददाता, मोहाली। नया वित्तीय वर्ष चालू होने पर जीरकपुर नगर काउंसिल हर साल की तरह नक्शा फीस में 15 से 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी करने जा रहा है। लेकिन इसके लागू होने से पहले ही स्थानीय लोगों ने इसका विरोध शुरू कर दिया है। 100 गज की दुकान की नक्शा फीस 5 लाख रुपये से ज्यादा है। लोगों ने कहा कि इतने में एक दुकान बनकर तैयार हो जाती है। कोरोना काल के बाद से नक्शा फीस नहीं बढ़ाई गई थी लेकिन लोगों को डर है कि इस बार 20 फीसद नक्शा फीस बढ़ाई गई तो शहर में मकान- दुकान बनाना मुश्किल हो जाएगा।
पहले ही जीरकपुर में कमर्शियल प्रॉपर्टी की नक्शा फीस इतनी ज्यादा है कि लोग इसे चुका नहीं पा रहे हैं। ऐसे में नक्शा फीस में और बढ़ोतरी के चलते जीरकपुर क्षेत्र में अवैध निर्माण कार्य ने जोर पकड़ लिया है। लोग रेजिडेंशियल नक्शा पास करवा कर उस पर कमर्शियल निर्माण कर रहे हैं, जिससे नगर काउंसिल को आर्थिक नुकसान हो रहा है।
2019 में 15 प्रतिशत हुई थी बढ़ोतरी
वर्ष 2020 से लेकर 2022 तक लोगों को कोरोना अपना खर्चा निकालना मुश्किल हो गया। साल 2019 से पहले जीरकपुर नगर परिषद की बिल्डिंग ब्रांच में नक्शे पास करवाने की फीस में 10 प्रतिशत बढ़ौतरी की जाती थी। साल 2019 में जब यह रकम 15 प्रतिशत बढ़ा दी गई तो इसका लोगों ने विरोध किया। लोगों का कहना है कि पहले ही कोरोना ने कारोबार चौपट कर दिए हैं। लोग नए काम को शुरू करने के लिए अगर अपनी बिल्डिंग बनाते हैं तो नक्शा फीस में ही मोटी रकम चली जाती है।
कमर्शियल प्रॉपर्टी के लिए अभी ली जा रही 3565 रुपये नक्शा फीस
रेजिडेंशियल और कमर्शियल दोनों की नक्शा फीस में यह बढ़ोतरी की जाएगी। साल 2019 में 15 प्रतिशत की वृद्धि की गई थी। उससे पहले 674 रुपये प्रति वर्ग गज वसूल किए जाते थे। बाद में फीस 775 रुपये प्रति वर्ग गज कर दी गई थी। इसी तरह कमर्शियल प्रॉपर्टी के लिए नक्शा फीस 3274 रुपए से बढ़ाकर 3565 रुपये कर दी गई थी जो आज भी उसी तरह वसूली जा रही है। इसके हिसाब से 100 गज जगह के लिए करीब 5 लाख रुपये फीस बनती है। जीरकपुर में प्रॉपर्टी की नक्शा फीस ज्यादा होने की वजह से लोग अवैध निर्माणों को ज्यादा तवज्जो दे रहे हैं। खासकर यहां दुकानों के नक्शे पास करने में लाखों रुपये खर्च हो जाते हैं। जीरकपुर में कई लोग रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी का नक्शा पास करवाते हैं लेकिन उसी में अपना कारोबार भी शुरू कर देते हैं। इस कारण रिहायशी एरिया में कमर्शियल एक्टिविटीज बढ़ रही हैं।
नक्शा रेजिडेंशियल पास लेकिन खोल रखी दुकानें, स्टोर रूम व गोडाउन
जीरकपुर की हर कॉलोनी में ऐसे कई मकान हैं, जिनका नक्शा तो रेजिडेंशियल पर्पज के लिए पास कराया गया लेकिन अब उनमें दुकानें, स्टोर रूम व गोडाउन आदि चलाए जा रहे हैं। कई जगह रिहायशी और कमर्शियल प्रॉपर्टी के लिए तय मानकों का पालन नहीं हो रहा है। लोगों ने इस बारे में जीरकपुर एमसी में शिकायतें भी दी है। बावजूद रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी में चल रही दुकानें और स्टोर रूम बंद करवाने में जीरकपुर नगर काउंसिल कामयाब नहीं हो पा रही है। घरों में दुकानें अब भी बनाई जा रही हैं। जीरकपुर एमसी इनको रोक नहीं पा रहा इसलिए जीरकपुर में रेजिडेंशियल एरिया में दुकानों की भरमार हो गई है। ऐसी दुकानों पर कार्रवाई नहीं होने के कारण अन्य लोगों का भी हौसला बढ़ गया है, जिससे यहां घरों में दुकानें बनाने का चलन शुरू हो गया है। घरों में कमर्शियल एक्टिविटीज चलने से जीरकपुर एमसी को नक्शा फीस का नुकसान तो होता ही है, घरों के आसपास दुकानें व स्टोर रूम बनने से लोगों को परेशानी भी हो रही है।
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पंजाब निकाय विभाग के निर्देशानुसार ही नक्शा फीस में बढ़ोतरी या बदलाव होगा। फिलहाल अभी नक्शा फीस पुराने रेट पर ही चल रही है। अभी इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया है।
-गिरीश वर्मा, ईओ नगर काउंसिल