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मातम में पंजाब; इराक से नहीं पहुंचे अवशेष, परिजन करते रहे इंतजार

इराक में 27 पंजाबियों सहित 39 भारतीयों की आइएसअाइएस द्वारा हत्‍या से पंजाब शोक में डूब गया है। इस बीच पंजाब सरकार ने हर पीड़ित परिवार को प्रति माह 20 हजार रुपये देने की घोषणा की है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Tue, 20 Mar 2018 01:36 PM (IST)Updated: Thu, 22 Mar 2018 08:22 AM (IST)
मातम में पंजाब; इराक से नहीं पहुंचे अवशेष, परिजन करते रहे इंतजार
मातम में पंजाब; इराक से नहीं पहुंचे अवशेष, परिजन करते रहे इंतजार

जेएनएन, चंडीगढ़। आ‍खिरकार उम्‍मीदें टूट गईं। इराक में फंसे 39 भारतीयों की मौत हो चुकी है। इनमें 27 पंजाब के थे। विदेश मंत्री सुषमा स्‍वराज की घोषणा के बाद पंजाब में मातम छा गया और मारे गए लोगों के परिजन के सब्र का बांध टूट गया। इन भारतीयों के शव विशेष विमान से अमृतसर लाए जाएंगे। आज इसके पहुंचने की संभावना थी, परिजन शव के इंतजार में थे, लेकिन शव देर रात तक नहीं पहुंचे। मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने इस खबर को हृदय विदारक बताया। उन्‍हाेंने इन लोगों की मौत पर दुख जताया और उनके परिजनाें के प्रति संवेदना जताई है। कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी, पूर्व उपमुख्‍यमंत्री सुखबीर बादल और दिल्‍ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी शोक जताया है।

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परिजन बोले- प्रशासन ने मजाक बनाया

इराक में आतंकी संगठन आइएस द्वारा मारे गए भारतीयों के शवों के अवशेष लेने अमृतसर एयरपोर्ट पर पहुंचे नवांशहर के दो परिवारों को वापस लौटना पड़ा। पुलिस अधिकारियों के साथ-साथ नवांशहर से एंबुलेंस लेकर श्री गुरु रामदास जी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर पहुंचे ये परिवार दिनभर विशेष विमान का इंतजार करते रहे। उनके पास डिप्टी कमिश्नर नवांशहर की तरफ से जारी किया गया पत्र था जिसमें कहा गया था इराक से शवों के अवशेष लेकर आने वाली स्पेशल फ्लाइट बुधवार सुबह 10 बजे श्री गुरु रामदास जी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर पहुंचेगी।

इराक में मारे गए नवांशहर के जसबीर ङ्क्षसह का भाई भूपिंदर सिंह सुबह अमृतसर पहुंचा था। उन्होंने बताया कि वह अपने भाई के शव के अवशेष लेने पहुंचा था। इसके लिए जिला नवांशहर से संबंधित थाने की पुलिस टीम और एक एंबुलेंस अपने साथ लाए थे। मगर यहां घटों इंतजार के बाद भी जब कुछ हासिल नहीं हुआ तो बैरंग लौटना पड़ा। जसबीर सिंह ने बताया कि उसे यह भी पता नहीं कि अब शवों के अवशेष लेकर स्पेशल विमान अमृतसर एयरपोर्ट कब पहुंचेगा।

दूसरी तरफ जिला नवांशहर के इराक में मारे गए परङ्क्षवदर ङ्क्षसह के मामा कश्मीर ङ्क्षसह अपने भांजे के शव के अवशेष लेने पहुंचे। कश्मीर ङ्क्षसह ने कहा कि प्रशासन को उनके साथ ऐसा नहीं करना चाहिए था। शव के अवशेष के लिए धक्के खाना पीडि़त परिवारों के साथ एक मजाक से कम नहीं।

शव आने की संभावना थी इसलिए भेजा परिजनों को: डीसी नवांशहर

नवांशहर के डीसी अमित कुमार ने कहा कि उन्हें अमृतसर डीसी आफिस से सूचना मिली थी कि विमान बुधवार को आने की संभावना है। इसी के आधार पर प्रशासन ने परिवारों को वहां भेजने की व्यवस्था की। क्योंक िअगर संभावना से इन्कार करके ऐसा न करते तो शव लाने में मुश्किल होती। अब सही जानकारी मिलने के बाद ही शव लाने की कार्रवाई को अमल में लाया जाएगा।

कैप्टन ने की वीके सिंह से बात, अवशेष आने में लगेगा एक सप्ताह

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ईराक में मारे गए पंजाबियों के अवशेषों को वापिस लाने के मुद्दे पर विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह से बात की है। जिस पर केंद्रीय मंत्री की ओर से बताया गया है कि इराक से मृतकों के अवशेष आने में अभी लगभग एक सप्ताह का समय लग जाएगा।

मुख्यमंत्री ने बताया कि मारे गये लोगों के मृत अवशेषों के ताबूतों की अमृतसर में पहुंचने की संभावना है क्योंकि इनमें से अधिकतर लोग पंजाब के माझा और दोआबा क्षेत्रों के रहने वाले थे। अंतिम संस्कार के लिए मृतकों के अवशेष परिवारों को सौंपने के लिए राच्य सरकार की तरफ से सभी आवश्यक प्रबंध किये जा रहे हैं।

कैप्‍टन ने की हर परिवार को प्रति माह 20 हजार देने की घोषणा,  सुषमा से पीडितों की मदद की अपील की

दूसरी आेर, सीएम अमरिंदर ने विदेश मंत्री सुषमा स्‍वराज से प्रभावित परिवारों को अार्थिक सहायता उपलब्‍ध कराने का अनुराेध किया है। उन्‍होंने इस संबंध में सुषमा स्‍वराज को पत्र लिखा है। उन्‍होंने पंजाब सरकार की ओर पंजाब के पीडि़त हर परिवार को प्रति माह 20 हजार रुपये देने का एेलान भी किया है।

कैप्‍टन अमरिंदर सिंह द्वारा सुषमा सवराज को लिखा गया पत्र।

सबसे ज्यादा अमृतसर के

लापता होने से पंजाब में उनके परिजन सांसत में थे, लेकिन उनकी उम्‍मीदें बनी हुई थी। मारे गए पंजाबियों में अमृतसर के 8, जालंधर के 6, गुरदासपुर के 4, होशियारपुर के 3, नवांशहर और कपूरथला के 2-2 और लुधियाना व संगरूर के 1-1 शामिल हैं।

होशियारपुर के गांव रामकलोनी कैंप के रहने वाले कमलजीत सिंह की माता संतोष कुमारी ने कहा है कि पूर्व जरनल वीके सिंह के इराक दौरे से उन्हें पूरी उम्मीद थी कि उनके बच्चों के बारे में कोई अच्छी खबर मिलेगी, लेकिन सारी आशाएं धरी की धरी रह गई। बेटे कमलजीत के इंतज़ार में आंखें बिछाए रही मां की आंखों से आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहा है। मां ने कहा कि किसी मंत्री ने उनकी एक नहीं सुनी। हमारे बच्चों को मारने वालों को भी मौत मिलनी चाहिए।

होशियारपुर के गांव रामकलोनी कैंप के कमलजीत सिंह की माता संतोष कुमारी विलाप करती हुईं।

आइएसअाइएस के चंगुल से छूट कर आया हरजीत बोला, सरकार पीडि़त परिवारों को करती रही गुमराह

इराक से बचकर आए गुरदासपर के हरजीत मसीह ने कहा कि सभी 39 भारतीयों को चार साल पहले ही उसकी आंखों के सामने मार दिया गया था। सरकार ने भले आज माना है। अाइएसआइएस आतंकियों द्वारा चलाई गोलियों इन लोगों के साथ इसकी टांग को भी छूकर निकल गई थी। वहां आंतकियों के चंगुल से किसी तरह भाग गया था, लेकिन फिर पकड़ा गया। इसके बाद उसने अपना नाम अली बताकर जान बचाई थी। हरजीत ने मांग की कि सभी पीछि़त परिवारों को आर्थिक सहायता मिलनी चाहिए।

हरजीत ने गुरदासपुर में मीडिया से बतचीत में कहा, मैंने पहले ही यह सच्‍चाई बता दी थी लापता 39 भारतीयों की हत्‍या की जा चुकी है। लेकिन, सरकार उनके परिवारों को गुमराह करती रही। सरकार ने मेर बातों पर विश्‍वास नहीं किया और अब यह सच्‍चाई स्‍वीकार किया है।


गुरदासपुर में पत्रकारों से बात करता हरजीत मसीह।

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मंगलवार को राज्यसभा में  बताया कि सभी भारतीयों की आइएसअाइएस ने हत्‍या कर दी है। इनके बाद शवों को बगदाद भेज दिया गया था और डीएनए सैंपल के जरिए सभी शवों की जांच करवाई गई है। बता दें कि डीएनए जांच के लिए सैंपल देने बाबा बकाला के मनजिंदर, मजीठा के हरसिमरन सिंह, स्यालका के जतिंदर, जलाल उसमां बाबा बकाला के गुरचरण, मानांवाला के रणजीत सिंह, संघोआना अजनाला के निशान आदि के परिवार वाले पहुंचे थे। इराक में मारे गए भारतीयों के शव विशेष विमान से पहले अमृतसर लाया जाएगा।

मारे गए धर्मेंद्र की मां ने कहा, सुषमा से उम्‍मीदें टूट गईं

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की ओर से इराक में 39 भारतीयों के मारे जाने की पुष्टि के बाद बटाला के गांव तलवंडी जीयोरा के धर्मेंद्र कुमार के घर मातम गया। धर्मेंद्र की मां कमलजीत कौर और अन्‍य परिजनों के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहा है। कमलजीत कौर ने कहा, सुषमा स्‍वराज पर बहुत भरोसा था। उम्‍मीद थी कि वह बच्‍चों को बचाकर ले आएंगी, लेकिन यह टूट गई।

धर्मेंद्र कुमार मां कमलजीत कौर और अन्‍य परिजन विलाप करती हुईं।

उन्होंने कहा उनका बेटा 2013 में इराक काम करने के लिए गया था। जाने के आठ महीने भीतर ही आतंकवादियों ने उसका अपहरण कर लिया। 14 जून 2014 को धर्मेंद्र का इराक से उनके पास आखिरी फोन आया था। इसके बाद जब उन्हें अपने बेटे के अपहरण की सूचना मिली तो उन्होंने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज समेत पंजाब के उस समय के सीएम प्रकाश सिंह बादल व मौजूदा सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह से मिल कर भी उसे मुक्‍त कराने की गुहार लगाई। सरकार ने उनके बेटे सहित बंधक बने अन्‍य युवाओं को ढूंढने की ठीक से कोशिश ही नहीं की, बस झूठे दिलासे दिए जाते रहे। अगर सरकार तीन सालों में सही तरीके से एक्शन लेती तो उनके बच्चे आज घर में सही सलामत होते।

गुरबिंदर के पिता बोले- लाडलों की मौत से अधिक सरकार के झूठ ने रुलाया

शोक में डूबे इराक में मारे गए गुरबिंदर सिंह राणा के पिता, मां और अन्‍य परिजन।

कपूरथला जिले के गांव मुरार के गुरबिंदर सिंह राणा भी आइएसआइएस आतंकियों की बर्बरता के शिकार हो गए। गुरबिंदर की मौत की खबर मिलने के बाद परिवार पर गमों का पहाड़ टूट पड़ा। मां आैर पिता का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। मां बेटे की फोटो लेकर विलाप कर रही थी। गुरबिंदर के पिता बलजिंदर सिंह का कहना था के सरकार इन लोगों की मौत की खबर छुपा कर परिजनों को धोखा देती रही। लाडलों की मौत से ज्यादा सरकार के झूठ ने रुलाया।

जालंधर के सुरजीत कुमार मेनका भी मारे गए लाेगों में शामिल है। सुरजीत की पत्‍नी ने कहा, मरे पति 2013 में इराक गए थे और उनका 2014 में अपहरण हो गया था। मेरी सरकार से कोई मांग नहीं है। मेेरा एक छोटा बच्‍चा है और मेरे पास कोई सहारा नहीं है। पता नहीं जीवन कैसे कटेगा।

जालंधर में मीडिया से बात करती इराक में मारे गए सुरजीत कुमार की पत्‍नी।

कई परिवारों को अपनों की माैत का यकीन नहीं

मारे गए लोगों के परिवारों का बुरा हाल है। कई परिवार तो इस कदर सदमे आ गए कि उन्होंने इस खबर को सच मानने से ही इंकार कर दिया। बटाला के नजदीकी गांव तलवंडी झयूरां में धर्मेंंद्र के घर मातम पसरा हुआ है।

गांव तैलियांवाला के मलकीत सिंह का परिवार भी बुरी तरह से सदमे में है। मलकीत सिंह का साला हरीश को भी आतंकियों ने मलकीत के साथ ही मौत के घाट उतार दिया था। हरीश का परिवार बटाला के सिनेमा रोड स्थित अपना घर बेच कर अमृृतसर शिफ्ट हो चुका है। मलकीत का मां तो लगातार आंसू बहाते हुए कह रही है सुषमा स्‍वराज ने उनके साथ धोखा किया है। व‍ि‍ तीन साल से झूठी उम्‍मीदें जगा रही थीं।

मलकीत के पिता इस कदर सदमे हैं कि बेटे की मौत की खबर मानने को ही तैयार नहीं। मलकीत सिंह के भाई परमजीत ने कहा कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज तो पिछले तीन साल से कहती आ रही हैं कि उनका भाई मलकीत सिंह जिंदा है। अब अचानक कह रही हैं कि उसको आंतकियों ने मार दिया। परमजीत ने कहा कि विदेश में रहत रहे उनके रिश्तेदार भी किसी तरह के आतंकी हमले की पुष्टि नहीं कर रहे।

अमृतसर के अजनाला चौगांवा क्षेत्र के गांव मानावाला के रणजीत सिंह की भी आइएसआइएस आतंकियों ने हत्‍या कर दी। यह जानकारी मिलने के बाद रणजीत की मां और बहन का रो रोकर बुरा हाल है। रणजीत चार साल पहले इराक गया था। वह दो बहनों की शादी के लिए पैसा कमाने के लिए इराक गया था। परिजनों का कहना है कि यदि सरकार को उसके मृत होने पता था तो परिवार को अंधरे में नहीं रखना चाहिए था। 

सात साल पहले इराक गया था नकोदर का रूपलाल

नकोदर के रूपलाल भी इराक के मौसुल में अाइएसअाइएस आतंकियों के शिकार हो गए। उनकी मौत की जानकारी मिलते ही उनका परिवार आंसुओं में डूब गया। रूपलाल की पत्‍नी कमलजीत कौर का कहना है कि वह सात साल पहले इराक गए थे। उनसे अंतिम बार 2015 मे बात हुई थी। डीएनए जांच के लिए दाे-तीन महीने पहले उनके नमूने लिए गए थे। मुझे समझ में नहीं आ रहा क्‍या बोलूं और क्‍या करूं।

शोक में डूबे इराक में मारे गए रूपलाल की पत्‍नी व बच्‍चे।

राहुल गांधी ने जताया शोक, कहा- जानकारी मिलने पर सन्‍न रह गया

कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी ने भी इस घटना पर शोक जताया है। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा है, ' मैं इराक में 39 भारतीयों के मारे जाने के बारे में सुनकर सन्‍न रह गया। उनके परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है। इन लाेगों को उम्‍मीद थी कि उनके अपने एक दिनलौट आएंगे, लेकिन यह टूट गया।'

मुख्‍यमंत्री ने कहा, हृदय विदारक घटना

मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने कहा, इराक में फंसे 39 भारतीयों के मारा बेहद दुखद है। इनमें से अधिकतर पंजाब से थे। इस खबर से मुझे बहुत धक्‍का लगा है। इससे इनके परिवारों की उम्‍मीदें टूट गई हैं अौर उन पर भारी विपदा आ गई है। मारे गए सभी लोगों की आत्‍मा की शांति के लिए प्रार्थना कर रहा हूं। उन्‍होंने पीडि़त परिवारों के प्रति गहरी संवेदना जताई और हर संभव मदद का भरोसा दिया।

सुखबीर और केजरीवाल ने भी जताया शोक

पंजाब के पूर्व मुख्‍यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल अौर दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अर‍विंद केजरीवाल ने  इराक में 39 भारतीयों की हत्‍या पर शोक जताया है। सुखबीर ने ट्वीट कर कहा कि यह दुखद खबर मिलने से गहरी पीड़ा हुई है। इन लापता लाेगों काे एक बार फिर जीवति देखने के उनके परिवारों की उम्‍मीदें टूट गई हैं। मैं इस शोक और पीड़ा की घड़ी में उनके परिवारों के साथ हूं और मारे गए लोगों की अात्‍मा की शांति के लिए ईश्‍वर से प्रार्थना करता हूं। 

दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अर‍विंद केजरीवाल ने भी 39 भारतीयों की इराक में हत्‍या पर शोक जताया है। उन्‍होंने ट्वीट कर कहा है, 39 भारतीयों की इराक में बंधक बनाकर हत्‍या किए जाने से गहरा दुख हुआ है। पूरा देश उनके परिवार के साथ है।

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इराक के मोसुल में ISIS आतंकियों के शिकार बने पंजाब एवं अन्‍य राज्‍यों के लोगो की सूची-

क्रम संख्या नाम प्रदेश
1 धमेंद्र कुमार पंजाब
2 हरीश कुमार पंजाब
3 हरसिम रनजीत सिंह पंजाब
4 कंवलजीत सिंह पंजाब
5 मलकीत सिंह पंजाब
6 रणजीत सिंह पंजाब
7 सोनू पंजाब
8 संदीप कुमार पंजाब
9 मंजिंदर सिंह पंजाब
10 गुरचरण सिंह पंजाब
11 बलवंत राय पंजाब
12 रूप लाल पंजाब
13 देवेंद्र सिंह पंजाब
14 कुलविंदर सिंह पंजाब
15 जतिंदर सिंह पंजाब
16 निशान सिंह पंजाब
17 गुरदीप सिंह पंजाब
18 कमलजीत सिंह पंजाब
19 गोबिंदर सिंह पंजाब
20 प्रीतपाल शर्मा पंजाब
21 सुखविंदर सिंह पंजाब
22 जसवीर सिंह पंजाब
23 परविंदर कुमार पंजाब
24 बलवीर चंद पंजाब
25 सुरजीत मेनका पंजाब
26 नंदलाल पंजाब
27 राकेश कुमार पंजाब
28 अमन कुमार हिमाचल प्रदेश
29 संदीप सिंह राणा हिमाचल प्रदेश
30 इंद्रजीत हिमाचल प्रदेश
31 हेमराज हिमाचल प्रदेश
32 समर टिकदार पश्चिम बंगाल
33 खोखन सिकदर पश्चिम बंगाल
34 संतोष कुमार सिंह बिहार
35 बिद्या भूषण तिवारी बिहार
36 अदालत सिंह बिहार
37 सुनील कुमार कुशवाहा बिहार
38 धर्मेंद्र कुमार बिहार
39 राजू कुमार यादव बिहार (अभी पुष्टि नहीं)

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इराक में मारे गए पंजाब के लोगों की जिलेवार सूची-
 

जिला अमृतसर

- निशान ङ्क्षसह पुत्र गुरमेज सिंह, गांव संगुआणा, अजनाला।
- रंजीत सिंह पुत्र बलविंदर सिंह, गांव मानांवाला।
- हरसिमरन सिंह पुत्र तरसेम सिंह, गांव बब्बोवाल।
- मनजिंदर सिंह पुत्र हरदीप सिंह, गांव भोयेवाली।
- जतिंदर सिंह पुत्र बलकार सिंह, गांव स्यालका।
- गुरचरणसिंह पुत्र सरदारा सिंह, गांव जलालउस्मां।
- सोनू पुत्र कश्मीर सिंह, गांव चविंडा देवी।
- हरीश कुमार पुत्र सतपाल, संधू कॉलोनी, मजीठा रोड।

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जिला जालंधर

- बलवंत राय पुत्र रौणकी राम, गांव डड्डे।
- सुरजीत मेनका पुत्र हंसराज, गांव चूहड़वाली।
- संदीप कुमार पुत्र तरसेम लाल, गांव आलेवाली, नकोदर।
- रूप लाल पुत्र गुरदेव लाल, गांव बाठ कलां।
- दविंदर सिंह पुत्र केवल सिंह, गांव चक्क देशराज।
- कुलविंदर सिंह पुत्र जगदीश कुमार, गांव फतेहगढ़ खानके।

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जिला होशियारपुर

- कमलजीत सिंह पुत्र प्रेम सिंह, गांव छावनी कलां।
- गुरदीप सिंह पुत्र मुख्तयार सिंह, गांव जैतपुर।
- कुलविंदर सिंह पुत्र जगदीश कुमार, गांव खानुपर।

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जिला नवांशहर

- परविंदर सिंह पुत्र जीत राम, गांव जगतपुर
- जसवीर सिंह पुत्र बख्शीश सिंह, गांव महिंदपुर।

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जिला कपूरथला

- गोबिंदर सिंह पुत्र बलजिंदर सिंह, गांव मुरार।
- सुखविंदर सिंह पुत्र निर्मल सिंह,  गांव बोहानी।

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जिला गुरदासपुर

- धमेंद्र पुत्र राज कुमार, गांव तलवंडी झयूरां।
- मलकीत सिंह पुत्र सुखदेव सिंह, गांव तैलियांवाला।
- कंवलजीत सिंह पुत्र हरभजन सिंह, गांव रूपोवाली।
- राकेश कुमार पुत्र मदन लाल, मोहल्ला हरिजनपुरा कादियां।

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जिला संगरूर 

- प्रितपाल शर्मा पुत्र साधा सिंह, धूरी

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जिला लुधियाना

- बलबीर चंद पुत्र देवराज, गांव सेलकियाणा
 


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