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ठप कारोबार में प्रशासन से है उम्मीद: व्यापारी

लॉकडाउन की वजह से ट्राईसिटी में इन दिनों व्यापार पूरी तरह ठप है। ऐसे में व्यापारियों को शोरूम के रेंट और वर्कर्स की सैलरी भी देनी पड़ रही है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 29 Mar 2020 08:33 PM (IST)Updated: Mon, 30 Mar 2020 06:13 AM (IST)
ठप कारोबार में प्रशासन से है उम्मीद: व्यापारी
ठप कारोबार में प्रशासन से है उम्मीद: व्यापारी

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : लॉकडाउन की वजह से ट्राईसिटी में इन दिनों व्यापार पूरी तरह ठप है। ऐसे में व्यापारियों को शोरूम के रेंट और वर्कर्स की सैलरी भी देनी पड़ रही है। बावजूद व्यापारियों में समाज हित से जुड़े कार्य करने को लेकर उत्साह है। साथ ही वह प्रशासन से इसको लेकर मजबूत कदम उठाने की भी उम्मीद है। प्रशासन से रेंट माफ करने की करेंगे अपील

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चंडीगढ़ व्यापार मंडल के चेयरमैन चरणजीत सिंह ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से यकीनन व्यापार को बहुत नुकसान हुआ है। लेकिन इस वक्त में यही सही है। लॉकडाउन होने की वजह से उन व्यापारियों पर दोहरी मार पड़ी है जो अपनी दुकानों का रेंट भी दे रहे हैं। ऐसे में इन व्यापारियों की मदद निश्चित रूप से की जानी चाहिए। हम प्रशासन से बात करेंगे कि इस दिशा में सकारात्मक करम उठाए जाएं। करियाना स्टोर से जुड़े व्यापारी कर रहे बेहतर कार्य

व्यापारी नेता कैलाश चंद जैन ने कहा कि इस समय सभी व्यापारियों को मुश्किलों से गुजरना पड़ रहा है। उन व्यापारियों को ज्यादा, जिनकी छोटी दुकानें हैं। हालांकि, ये देखकर खुशी होती है कि लॉकडाउन की स्थिति में भी कई करियाना स्टोर खुले हैं, वे बिना घबराए लोगों की मदद कर रहे हैं। मुश्किल स्थिति में प्रशासन आए आगे

व्यापारी मोहिदर शर्मा ने कहा कि ये बेहद गंभीर समय हैं। सबसे बड़ी दिक्कत हमें रेंट देने की है। क्योंकि, अपनी सेविग से ही हम वर्कर की सैलरी दे रहे हैं, ये कोष ज्यादा देर नहीं रहेगा। ऐसे में भविष्य में अगर ये लॉकडाउन ज्यादा दिन रहा, तो बेहद गंभीर स्थिति हो जाएगी। ऐसे में प्रशासन को हमारी समस्याओं को समझना होगा। जहां, हमारा रेंट माफ करके, हमारे व्यापार के लिए वह सकारात्मक कदम उठा सकते हैं। उम्मीद है आने वाले दिन कुछ राहत मिले

व्यापारी और मेड़ रातपूत सभा के सदस्य बृजेश वर्मा ने कहा कि हम मुश्किल वक्त में सरकार के साथ हैं। लेकिन, हम चाहते हैं कि सरकार भी व्यापारियों के लिए कुछ सोचे। मसलन, हमारी ईएमआइ से लेकर रेंट के बारे में सोचे। क्योंकि, ये सब मुनाफे से ही दिए जाते थे। अब इन दिनों दुकानें बंद होने की वजह से मुनाफा तो कुछ नहीं होता, ऐसे में हमें अपनी सेविग से ही ये सब देना पड़ रहा है।


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