हॉकी ने सुमित को दिलाया फिल्मों में नेशनल अवॉर्ड, पहले ही ऑडिशन में हो गया था सेलेक्शन
भिनेता ऐमी विर्क और सावन रूपावालिया उसी स्टेडियम से हॉकी सीखने आ रहे थे। सावन रूपावालिया की हॉकी खेलते हुए सुमित पर नजर पड़ी और उसने हरजीता फिल्म के लिए उसका ऑडिशन लिया।
चंडीगढ़ [सुमेश ठाकुर]। सुमित को बचपन से ही हॉकी खेलने का बहुत ज्यादा शौक था। दस साल की उम्र में सेक्टर-42 स्थित हॉकी स्टेडियम में हॉकी खेलने के लिए भेजना शुरू कर दिया। उसी समय पंजाबी फिल्म हरजीता की शूटिंग करने से पहले की तैयारी चल रही थी। अभिनेता ऐमी विर्क और सावन रूपावालिया उसी स्टेडियम से हॉकी सीखने आ रहे थे। सावन रूपावालिया की हॉकी खेलते हुए सुमित पर नजर पड़ी और उसने हरजीता फिल्म के लिए उसका ऑडिशन ले लिया। पहले ही ऑडिशन में सेलेक्शन हो गया और फिल्म में काम करने लगा। यह कहना है सुमित के पिता सुरजीत सिंह का।
सुरजीत सिंह ने कहा कि उसे बचपन से ही हॉकी का शौक था। इसके शौक को देखते हुए इसे स्टेडियम में भेजा था। स्टेडियम में कोच ने बताया था कि यह अच्छी हॉकी खेलता है और इसे इसमें ही आगे जारी रखना। मैं बहुत खुश था कि बेटे का फ्यूचर एक बेहतर खेल के लिए तैयार हो रहा था लेकिन मैं अचानक हैरान रह गया जब उसका सेलेक्शन फिल्म के लिए हो गया। हरजीता में चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर अभिनय करने के बाद सुमित को कई पंजाबी फिल्मों के लिए ऑफर आ चुका है और दो साल के भीतर दस के करीब फिल्मों में काम भी कर चुका है।
हॉकी वर्ल्ड कप को देखकर खेलने का जागा था शौक
सुमित ने बताया कि मैं तीसरी कक्षा में पढ़ाई करता था। उस समय घर में हॉकी के मैच देखे जाते थे। मुझे भी मैच देखना अच्छा लगता था। मैं हर मैच को देखता था। जब वर्ल्ड कप जीता तो मुझे ज्यादा जानकारी नहीं थी लेकिन जब फिल्म करने का मौका मिला और मुझे बताया गया कि यह हॉकी पर बनने वाली है तो मैंने पूरी मेहनत से उसे करने में लग गया। आज भले ही मुझे कई फिल्मों में काम करने का मौका मिल रहा है लेकिन मेरा पहला शौक हॉकी है। मुझे जब भी मौका मिलता है तो मैं स्टेडियम जाकर हॉकी जरूर खेलता हूं। चाहे मैं फिल्मों में काम करूंगा लेकिन हॉकी खेलना कभी नहीं छोडूंगा।
गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल सेक्टर-20 का है छात्र
सुमित गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल सेक्टर-20डी में सातवीं कक्षा का छात्र है। स्कूल ¨प्रसिपल पूनम ने बताया कि सुमित एक अच्छा स्टूडेंट है। पढ़ने में पूरा ध्यान देता है। स्कूल के किसी स्टूडेंट्स को नेशनल अवॉर्ड मिलेगा, यह स्कूल के लिए गौरव की बात है। वहीं, सुमित म्यूजिक का भी स्टूडेंट है। म्यूजिक में तबला इंस्ट्रक्टर स्वर्ण सिंह कंबोज ने बताया कि सुमित हमेशा अनुशासित बच्चे की तरह क्लास में आता है। वह फिल्मों में काम करता है। उसका उसने कभी अहसास नहीं होने दिया। सुमित के पिता सुरजीत ¨सह भी सेक्टर-34 स्थित स्कूल में फाइन आर्ट्स के टीचर हैं।
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