भारत-पाकिस्तान से खोजा पंजाबी सिनेमा का इतिहास
भारतीय इतिहास में पहली बोलती हुई फिल्म आलमआरा वर्ष 1931 में बनी।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : भारतीय इतिहास में पहली बोलती हुई फिल्म आलमआरा वर्ष 1931 में बनी। इसके ठीक चार वर्ष बाद पहली बोलती पंजाबी फिल्म को बनाया गया। ये फिल्म लाहौर में बनी। जिसे पहले मिर्जा गालिब नाम दिया जाना था, मगर बाद में इसे इश्क-ए-पंजाब उर्फ मिर्जा गालिब नाम दिया गया। फिल्म का निर्माण हिदमाता सिनेटोन कंपनी ने किया। इसमें भाई देसा ने मिर्जा का किरदार निभाया। अभी तक ये जानकारी पंजाब में कहीं भी नहीं थी। इसे लाहौर के आर्काइव से लेकर आए हैं मनदीप सिंह सिद्धू। जिन्होंने 20 वर्ष तक पंजाबी इतिहास की खूब जांच पड़ताल की। इससे जुड़े हर शख्स और यादों को किताबों में पिरोया। जिसका मंचन मंगलवार को पंजाब कला भवन-16 में हुआ। इस दौरान पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री की कई शख्सियत इसमें शामिल हुई। नॉर्थ जोन फिल्म एंड टीवी आर्टिस्ट एसोसिएशन के कलाकारों ने इसे लॉन्च किया। 50 वर्षो के इतिहास को समेटा है किताब में
मनदीप ने कहा कि वे पटियाला से हैं। उन्हें शुरू से ही पंजाबी सिनेमा के प्रति दिलचस्पी हो गई थी। शुरू में उन्होंने कैसेट इकट्ठा करना शुरू किया। ऐसी कैसेट जिसमें पूरी पंजाबी फिल्म होती थी। इसके बाद उनकी दीवानगी सिनेमा पर लिखने की हुई। जिसकी बदौलत वह सिनेमा के और करीब आ पाए। मनदीप ने कहा कि वह चाहते थे कि एक किताब में पंजाबी सिनेमा के इतिहास तक जाया जाए। मगर दिक्कत ये थी कि कोई डाटा मौजूद ही नहीं था। मैं भारत के कई कोनों तक गाया। मुंबई और कोलकाता भी। उस दौरान तीन ही इंडस्ट्री होती थी, जिसमें ये दोनों और लाहौर की फिल्म इंडस्ट्री भी थी। मैं अपनी खोज के लिए लाहौर दो बार गाया। दोनों बार मैंने पंजाबी फिल्म के पुराने प्रिट्स जिनकी हालत बहुत खस्ता थी, उन्हें लेकर इसे किताब में दर्ज किया। इसमें वर्ष 1935-85 तक की फिल्मी यात्रा है। फिल्म से जुड़ी हर जानकारी है इसमें
मनदीप ने कहा कि उन्होंने किताब में फिल्म, उसमें काम करने वाले कलाकार, उसमें गाने वाले गायक, संगीतकार, लेखक सभी के बारे में लिखा है। साथ ही गीतों से जुड़ी कई यादें। जिसकी वजह से वह गीत बना इत्यादि को भी उन्होंने किताब में लिखा है। ये एक तरह से पंजाबी सिनेमा की पूरी बायोग्राफी ही है। युवा कलाकारों के करवाएंगे ऑडिशन
नॉर्थ जोन फिल्म एंड टीवी आर्टिस्ट एसोसिएशन के सदस्य गुरप्रीत घुग्गी ने कहा कि पंजाबी सिनेमा पर आधारित ये पहली डॉक्यूमेंटेशन है। खुशी है कि इसके लिए मनदीप ने बहुत मेहनत की। जल्द ही वह पंजाबी सिनेमा में 1985 के बाद से 2019 तक की यात्रा पर भी लिखेंगे। इससे युवा कलाकारों को भी पंजाबी सिनेमा के साथ जोड़ने में मदद मिलेगी। हम एसोसिएशन के द्वारा जल्द ही नई डेवलपमेंट करने वाले हैं। जिसमें युवा कलाकारों के लिए ऑडिशन रखा जाएगा। जो कलाकार हमें पसंद आएगा, उन्हें आगे आने का मौका भी दिया जाएगा।
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