विधानसभा में प्रस्ताव पास, पर... सीबीआइ को सौंपे बेअदबी केस वापस लेने में अड़चन
बेअदबी मामलों की जांच सीबीआइ से वापस लेने के लिए पंजाब विधानसभा में पास किए गए प्रस्ताव पर सवाल खड़ा हो गया है।
चंडीगढ़ [इन्द्रप्रीत सिंह]। बेअदबी मामलों की जांच सीबीआइ से वापस लेने के लिए पंजाब विधानसभा में पास किए गए प्रस्ताव पर सवाल खड़ा हो गया है। सीबीआइ इस समय बहिबलकलां गोलीकांड, बरगाड़ी व बुर्ज जवाहर सिंह वाला में हुईं बेअदबी की घटनाओं की जांच कर रही है। विधानसभा में प्रस्ताव पास किया गया था कि इन मामलों को सीबीआइ से वापस लेकर पंजाब पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआइटी) को सौंपा जाए।
कानूनी माहिरों और सीबीआइ से जुड़े सूत्रों का मानना है कि सीबीआइ जिन मामलों में जांच शुरू कर देती है, उन्हें वापस नहीं लिया जा सकता। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने भी रूलिंग दी है। इसका जिक्र सीबीआइ के निदेशक समय-समय पर करते रहे हैं।
विधानसभा के मानसून सत्र में कांग्रेस विधायक सुखजिंदर रंधावा, नवजोत सिंह सिद्धू, तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा जैसे नेताओं ने सीएम से आग्रह किया था कि केस सीबीआइ से वापस लेकर एसआइटी बनाई जाए। यह प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास हो गया था। अब सवाल यह है कि अगर सरकार सीबीआइ को सौंपे केस वापस नहीं ले सकती, तो इस प्रस्ताव का क्या होगा?
डेरा प्रेमियों को गिरफ्तार कर चुकी है सीबीआइ
पूर्व अकाली-भाजपा सरकार ने अक्टूबर 2016 में ही तीन केस सीबीआइ के हवाले कर दिए थे। गृह विभाग के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य सचिव जगपाल सिंह संधू ने इस संबंध में अधिसूचना भी जारी कर दी थी। सीबीआइ ने केस दर्ज करके एसआइटी से सारा रिकॉर्ड ले लिया है। उन्हीं की सूचना के आधार पर कुछ डेरा प्रेमियों को गिरफ्तार किया गया है। एक पूर्व एडवोकेट जनरल ने कहा कि सीबीआइ अगर राज्य सरकार की ओर से सौंपे गए केस पर जांच शुरू कर दे, तो यह केस वापस नहीं लिया जा सकता।
पीसीए मामले में किया था इन्कार
पूर्व मुख्यमंत्री राजिंदर कौर भट्ठल ने 1997 में अपनी सरकार के कार्यकाल के अंतिम महीने में पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन (पीसीए) स्टेडियम के मामले में एक केस सीबीआइ को सौंपा था। इमसें दो सीनियर अधिकारी फंसे थे। सत्ता बदलते ही तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंंह बादल ने यह केस वापस लेने के लिए सीबीआइ को पत्र लिखा, लेकिन तब के डायरेक्टर जोगिंदर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट के केस का हवाला देते हुए इसे वापस करने से इन्कार कर दिया। लिहाजा स्पष्ट है कि सरकार बेअदबी मामले के केस भी सीबीआइ से वापस नहीं ले पाएगी।