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पीयू में हिंदी माह उत्सव का आगाज़ 14 से, ऑनलाइन आयोजित होंगे सभी कार्यक्रम

हिंदी माह उत्सव की शुरुआत 14 अगस्त को प्रसिद्ध समाजविज्ञानी व कवि प्रो. बद्रीनारायण द्वारा मातृभाषा और नई शिक्षा नीति विषय पर एक विशेष व्याख्यान से होगी।

By Vikas_KumarEdited By: Published: Wed, 12 Aug 2020 03:20 PM (IST)Updated: Wed, 12 Aug 2020 03:20 PM (IST)
पीयू में हिंदी माह उत्सव का आगाज़ 14 से, ऑनलाइन आयोजित होंगे सभी कार्यक्रम
पीयू में हिंदी माह उत्सव का आगाज़ 14 से, ऑनलाइन आयोजित होंगे सभी कार्यक्रम

चंडीगढ़, जेएनएन। पंजाब विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग ने इस वर्ष हिंदी दिवस (14 सितंबर) के कार्यक्रम को एक दिन तक सीमित न करके पूरा एक महीना हिंदी माह उत्सव के रूप में मनाने की तैयारी की है। विभागाध्यक्ष डॉ. गुरमीत सिंह ने बताया कि पिछले वर्ष हिंदी के संदेश को लोगों तक ले जाने के लिए सुखना लेक पर हिंदी वॉक का आयोजन किया गया था। लेकिन इस वर्ष कोविड़-19 के कारण बनी परिस्थितियों में सभी कार्यक्रम ऑनलाइन आयोजित किए जाएंगे।

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हिंदी माह उत्सव की शुरुआत 14 अगस्त को प्रसिद्ध समाजविज्ञानी व कवि प्रो. बद्रीनारायण द्वारा 'मातृभाषा और नई शिक्षा नीति' विषय पर एक विशेष व्याख्यान से होगी। प्रो. बद्रीनारायण इलाहाबाद स्थित जी.बी. पंत समाजविज्ञान संस्थान के निदेशक हैं। इस कड़ी में अगली परिचर्चा 21 अगस्त को 'विदेश में हिंदी' विषय पर होगी। इस कार्यक्रम में विशेष रूप से अमेरिका के पेंसिलवेनिया विश्वविद्यालय से हिंदी पाठ्यक्रम की प्रमुख शुचिस्मिता सेन, रूस के सेंट पीटर्सबर्ग स्टेट यूनिवर्सिटी में हिंदी शिक्षिका एकातेरीना कोस्तिना और श्रीलंका के राष्ट्रीय भाषा शिक्षण व प्रशिक्षण संस्थान से रिद्मा लंसकार शामिल होंगी।

इस साल होने वाले कार्यक्रम

- 28 अगस्त की परिचर्चा 'हिंदीतर प्रदेशों में हिंदी' विषय पर होगी। इस परिचर्चा में मणिपुर विश्वविद्यालय से ई विजय लक्ष्मी, एस. वी. विश्वविद्यालय, तिरुपति से प्रो. राम प्रकाश और केरल से  प्रो. शशिधरन जुड़ेंगे। डॉ. गुरमीत सिंह ने आगे बताया कि

- 4 सितंबर को विशेष व्याख्यान में 'अनुवाद का संसार और हिंदी' विषय पर केंद्रीय हिंदी निदेशालय, नई दिल्ली के संयुक्त निदशक विनोद संदलेश मुख्य वक्ता होंगे जबकि - 11 सितंबर को 'सूचना प्रौद्योगिकी की दुनिया में हिंदी' विषय पर विशेष सत्र होगा।  

- 14 सितंबर को हिंदी दिवस पर इस एक माह के उत्सव का समापन कार्यक्रम होगा जिसमें प्रसिद्ध गीतकार और हिंदी विभाग के पूर्व छात्र डॉ. इरशाद कामिल मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। वे 'हिंदी-उर्दू-पंजाबी की साझा विरासत' पर अपनी बात रखेंगे। हिंदी माह उत्सव के दौरान हिंदी पर ही केंद्रित एक कविता लेखन प्रतियोगिता भी आयोजित की जा रही है। जिसके लिए देश के किसी भी महाविद्यालय/विश्वविद्यालय के स्नातक/स्नातकोत्तर के विद्यार्थी अपनी प्रविष्टि ऑनलाइन भेज सकते हैं। इस प्रतियोगिता में पहले तीन स्थानों पर रहे प्रतिभागियों को नकद पुरस्कार के रूप में क्रमशः 2000रू, 1500रू एवं 1000रू के पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। इसके साथ ही हिंदी विभाग के फेसबुक पेज पर एक कविता वाचन श्रृंखला भी हिंदी माह उत्सव के अंतर्गत चलाई जाएगी।


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