हिंदी विभाग द्वारा मुक्तिबोध को श्रद्धाजलि
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : पंजाब यूनिवर्सिटी स्थित हिंदी विभाग में मंगलवार को लेखक और कवि मुि
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : पंजाब यूनिवर्सिटी स्थित हिंदी विभाग में मंगलवार को लेखक और कवि मुक्तिबोध की जयंती मनाई गई। इस मौके पर मुक्तिबोध के जीवन और कायरें पर आधारित लघु फिल्म दिखाई गई। हिंदी विभाग के अध्यक्ष डॉ. गुरमीत सिंह ने बताया कि मुक्तिबोध नई कविता के सशक्त हस्ताक्षर हैं। उनकी प्रसिद्ध पुस्तकें 'चाद का मुंह टेढ़ा है' और नए साहित्य का सौंदर्यशास्त्र इत्यादि हैं। विभाग में साहित्यिक कार्यक्रमों का आयोजन विद्यार्थियों और शोधार्थियों द्वारा किया जा रहा है, जोकि महान लेखकों के जीवन और कार्यो को समझने तथा ज्ञान को समृद्ध बनाने में सहायता करता है। यह कार्यक्रम विभाग के नवनिर्मित स्मार्ट रूम में किया गया। जिसका उद्घाटन एमए प्रथम वर्ष के दिव्याग विद्यार्थी अनुज के द्वारा रिबन कटवाकर किया गया। विभाग के जिन विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुतीकरण किया गया, उनमें दिनेश कुमार (शोधार्थी), नितेश्वरी, राहुल संधेर और नरेश शामिल हैं। इनके द्वारा मुक्तिबोध के साहित्य के विभिन्न पहलुओं आलोचना, निबंध और लघु कहानी के साथ ही हिंदी कविता पर भी विचार प्रस्तुत किए गए। तुलिका द्वारा पीपीटी के माध्यम से प्रस्तुति दी गई और इस पूरे कार्यक्रम का संचालन मनजिंदर कौर द्वारा किया गया। कार्यक्रम में विभागाध्यक्ष डॉ. गुरमीत सिंह, प्रोफेसर नीरजा सूद, प्रोफेसर सत्यपाल सहगल, प्रोफेसर बैजनाथ प्रसाद और डॉ. अशोक कुमार उपस्थित रहे। एचआर पर श्री गुरुगोबिंद सिंह कॉलेज में व्याख्यान का आयोजन
जासं, चंडीगढ़ : श्री गुरु गोबिंद सिंह कॉलेज, सेक्टर 26 प्लेसमेंट सेल ने पीजी डिपार्टमेंट ऑफ कॉमर्स के सहयोग से वर्तमान दिवस कारपोरेट वर्ल्ड के लिए आवश्यक कारपोरेट कंपनियों और एचआर कौशल में उभरती हुई एचआर गतिशीलता पर व्याख्यान आयोजित किया। इस विषय पर प्रोफेसर संजय कौशिक, यूनिवर्सिटी बिजनेस स्कूल (यूबीएस), पंजाब विश्वविद्यालय (पीयू) चंडीगढ़ द्वारा व्याख्यान दिया गया। उन्होंने विद्यार्थियों को नौकरी की आवश्यकता में विशिष्ट कौशल, प्रकार और कार्य अनुभव की मात्रा, व्यक्तिगत गुण, शैक्षिक प्रमाण-पत्र, या ज्ञान के क्षेत्र के बारे में जानकारी दी। इसके अलावा कंपनी जो गुण अपने कार्यकर्ताओं में देखती है जैसे कार्य कुशलता, सकारात्मक दृष्टिकोण, संचार, टीम वर्क, सेल्फ मैनेजमेंट आदि के बारे में भी बातचीत की। प्रोफेसर कौशिक ने बताया कि कारपोरेट जगत क्या है।
प्रिंसिपल डॉ. रीटा सिंह ने कहा कि स्टूडेंट्स के लिए एचआर की विभिन्न भूमिकाओं की जानकारी होना अनिवार्य है।