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छिन सकता है चंडीगढ़ से City Beautiful का खिताब, प्रशासन और नगर निगम को हाईकोर्ट का नोटिस

पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा है कि क्यों न चंडीगढ़ के साथ प्रयोग की जाने वाली City Beautiful की टैगलाइन पर रोक लगा दी जाए।

By Vipin KumarEdited By: Published: Fri, 29 Mar 2019 02:16 PM (IST)Updated: Sat, 30 Mar 2019 08:58 AM (IST)
छिन सकता है चंडीगढ़ से City Beautiful का खिताब, प्रशासन और नगर निगम को हाईकोर्ट का नोटिस
छिन सकता है चंडीगढ़ से City Beautiful का खिताब, प्रशासन और नगर निगम को हाईकोर्ट का नोटिस

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़ : चंडीगढ़ को मिली City Beautiful की संज्ञा पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। शहर में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के नियमों की अनदेखी के खिलाफ दायर की गई एक याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा है कि क्यों न चंडीगढ़ के साथ प्रयोग की जाने वाली City Beautiful की टैगलाइन पर रोक लगा दी जाए।

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शहर में कचरे को एकत्र करने, इसके प्रबंधन और निष्पादन में शिकायतों को लेकर दि रन क्लब की ओर से दायर की गई याचिका पर हाईकोर्ट में वीरवार को सुनवाई हुई। सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस अरुण पल्ली की खंडपीठ ने चंडीगढ़ प्रशासन, नगर निगम और अन्य प्रतिवादियों को 29 अप्रैल को नोटिस जारी करते हुए कहा है कि क्यों ना चंडीगढ़ के साथ City Beautiful  की टैगलाइन प्रयोग किए जाने पर रोक लगा दी जाए। 

 याचिका में टैगलाइन पर उठाए सवाल

शहर में खुले डंपिंग ग्राउंड, कचरे को जलाने से होने वाले प्रदूषण के अलावा कचरे का सही तरीके से वियोजन न करने, प्लास्टिक के प्रयोग, वाहनों की वजह से शहर में बढ़ते वायु प्रदूषण जैसे लगभग 14 मुद्दों को अपनी याचिका में शामिल करते हुए याचिकाकर्ता ने कहा है कि शहर में लगातार गंदगी बढ़ रही है। ऐसे में शहर को दी जाने वाली City Beautiful  की टैगलाइन बे-मायने हो गई है।

 पॉलीथिन पर प्रतिबंध की मांग

याचिका में कहा गया है कि चंडीगढ़ में प्लास्टिक के प्रयोग पर पूर्ण प्रतिबंध की मांग करते हुए याचिकाकर्ता ने कहा है कि  शहर में पॉलीथिन बैग के प्रयोग, स्टोरेज और ट्रांसपोर्टेशन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए, क्योंकि चंडीगढ़ प्रशासन, शहर को काफी समय पहले पॉलीथिन फ्री सिटी घोषित कर चुका है। 

 शहर में पत्तों को जलाने पर लगे रोक 

शहर में पत्तों को जलाने पर प्रतिबंध लगाए जाने की मांग करते हुए याचिकाकर्ता ने कहा है कि पतझड़ के दौरान शहर में पत्तों को जलाया जाना एक आम बात है। जबकि इससे होने वाले प्रदूषण के दोषी अधिकारी हैं। याचिकाकर्ता के  वकील पुनीत बाली ने कहा कि ऐसे अधिकारियों और पत्तों को जलाने वालों के खिलाफ पर्यावरण संरक्षण एक्ट के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए। एनजीटी याची ने कहा है कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा कचरे को जलाने पर लगाई गई रोक को भी चंडीगढ़ में अनदेखा किया जा रहा है। इस पर प्रतिबंध की आवश्यकता है। याचिका में शहर में निर्माण गतिविधियों से उत्पन्न होने वाले कचरे के लिए भी कोई नियम न होने का विषय उठाते हुए याची ने कहा है कि मलबा फेंकने के लिए शहर में कोई निर्धारित स्थान नही है।

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