तेल के बढ़े दामों की मार अब अभिभावकों पर, होने जा रहा ये बड़ा बदलाव
: पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों का अब प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स के अभिभावकों पर भी आर्थिक बोझ बढ़ने वाला है।
सुमेश ठाकुर, चंडीगढ़ : पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों का अब प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स के अभिभावकों पर भी आर्थिक बोझ बढ़ने वाला है। डीजल की बढ़ी कीमतों के कारण जल्द ही स्कूल बसों के किराये में बढ़ोतरी होने जा रही है। अब बस किराया हर महीने 50 रुपये अतिरिक्त देना होगा। इसके लिए प्राइवेट स्कूल बस ऑपरेटर ने सर्कुलर सभी प्राइवेट स्कूलों को जारी कर दिए है। यह बढ़ी हुई कीमत अक्टूबर महीने से चार्ज होनी शुरू हो जाएंगी। शहर के कई सरकारी स्कूलों में भी प्राइवेट बस कांट्रेक्टर स्टूडेंट्स को छोड़ते हैं। डीजल की बढ़ी कीमतों के बाद लिया निर्णय
किराया बढ़ाने को लेकर प्राइवेट स्कूल बस ऑपरेटर एसोसिएशन का कहना है कि बीते चार महीनों में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 12 रुपये प्रति लीटर तक की बढ़ोतरी हुई है। ऐसे में कम किराए पर बच्चों को ट्रेवल कराना संभव नहीं है। बढ़ती कीमतों को देखते हुए ही किराया बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। इसे कम नहीं किया जाएगा। शहर के 70 हजार स्टूडेंट्स होंगे प्रभावित
बसों का किराया बढ़ने से शहर के विभिन्न स्कूलों में पढ़ने वाले 70 हजार बच्चों के अभिभावकों पर आर्थिक बोझ पड़ेगा। यह स्टूडेंट्स चंडीगढ़ के अलावा पंचकूला, मोहाली से लेकर खरड़ और पिंजौर तक के शामिल हैं। इन बच्चों को स्कूल बसें ही स्कूल लाती हैं। शहर के 70 से अधिक प्राइवेट स्कूलों में एक हजार से अधिक बसें हर रोज बच्चों को स्कूल ले जाती हैं। सर्कुलर कर दिया है जारी, स्कूल की परमिशन मिलना बाकी
किराया बढ़ाने की जानकारी देते हुए प्राइवेट स्कूल बस ऑपरेटर एसोसिएशन के प्रेसिडेंट मंजीत ने बताया कि सभी प्राइवेट स्कूलों को सर्कुलर जारी कर दिए हैं। अब स्कूल प्रबंधन अपने स्तर पर अभिभावकों को बढ़ी हुई फीस के बारे में जानकारी देंगे। सब्जियों पर भी बढ़े दामों का असर
पेट्रोल और डीजल के दामों का असर शहर के घरेलू बजट पर भी पड़ रहा है। शहर की ग्रेन मार्केट से लेकर सब्जी मंडी में खाद्य वस्तुओं के दाम बढ़ रहे हैं। सबसे अधिक असर फल सब्जियों पर देखने को मिला है। फल और सब्जियों के दामों में 10 से 20 फीसद तक इजाफा हुआ है।