पूर्व मंत्री मलूका को हाई कोर्ट से राहत, गिरफ्तारी से पहले पुलिस को देना होगा 7 दिन का नोटिस
हाई कोर्ट ने आदेश दिए हैं कि अगर पंजाब पुलिस को सिकंदर सिंह मलूका को किसी मामले में गिरफ्तार करना हो तो उसे गिरफ्तारी से पहले मलूका को 7 दिन का नोटिस देना होगा।
जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब के पूर्व शिक्षा और ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री सिकंदर सिंह मलूका को राहत देते हुए पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने आदेश दिए हैं कि अगर पंजाब पुलिस को उन्हें किसी मामले में गिरफ्तार करना हो तो उसे गिरफ्तारी से पहले मलूका को 7 दिन का नोटिस देना होगा।
शिरोमणि अकाली दल के नेता मलूका ने अपनी इस याचिका में पंजाब में सत्तासीन कांग्रेस सरकार पर बदले की राजनीति का आरोप लगाते हुए कहा है कि पंजाब सरकार, राजनीतिक रंजिश के चलते उन्हें गिरफ्तार करवा सकती है या उन्हें किसी मामले में फंसा सकती है।
मलूका की पैरवी करते हुए सीनियर एडवोकेट अनमोल रतन सिद्धू ने अदालत को बताया कि पंजाब की सरकारी जांच एजेंसी द्वारा मलूका की संपत्तियों पर दबिश दी गई है और पंजाब पुलिस मलूका के रिश्तेदारों और परिचितों से भी पूछताछ करके उन्हें परेशान कर रही है।
अपनी याचिका में मलूका ने कहा है कि पंजाब में कांग्रेस की पिछली सरकार के समय भी उन्हें राजनीतिक षडयंत्रों का शिकार बनाने की कोशिश की गई थी और उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति रखने के आरेाप में दर्ज किए गए मामले पर अदालत ने ही ट्रायल पर रोक लगा रखी है।
अपनी याचिका में मलूका ने गिरफ्तारी से पहले उन्हें 15 दिन या अधिक का नोटिस दिए जाने की मांग करते हुए कहा है कि अगर जांच एजेंसी को किसी जारी जांच में उनकी जरूरत हो तो उन्हें आपराधिक प्रक्रिया संहिता के अनुभाग 41 के अंतर्गत 15 दिन का नोटिस दिया जाए।
इस याचिका को आंशिक तौर पर स्वीकार करते हुए जस्टिस दया चौधरी की पीठ ने कहा है कि मलूका को गिरफ्तारी से पहले 7 दिन का नोटिस दिया जाए।