पुनर्वास के मुद्दे पर यूटी प्रशासन को हाई कोर्ट की फटकार, कॉलोनी को गिराने पर रोक Chandigarh News
अब प्रशासन की नजर कालोनी नंबर 4 संजय कालोनी आदर्श कालोनी इंदिरा कालोनी तथा सेक्टर 25 की इंदिरा कालोनी पर है और इसे गिराने की तैयारी की जा रही है।
चंडीगढ़, [राज्य ब्यूरो]। पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने चंडीगढ़ शहर में कॉलोनियों को हटाने से पहले वहां के लोगों के पुनर्वास के बारे कोई नीति बनाने पर कड़ा रुख अपनाया है। अदालत ने चंडीगढ़ प्रशासन को फटकार लगाई है। इसी के साथ हाई कोर्ट ने कॉलोनी को गिराने पर अगली सुनवाई तक रोक के आदेश जारी रखे हैं। अगली सुनवाई पर प्रशासन को यहां के लोगों के पुनर्वास पर स्थिति को स्पष्ट करना होगा। साथ ही अगली सुनवाई पर यह भी जानकारी देनी होगी कि कितने लोगों के आशियाने तोड़े गए और कितने लोगों का पुनर्वास किया गया है।
याचिका दाखिल करते हुए प्रवासी भलाई संगठन की ओर से कहा गया था कि शहर को स्मार्ट सिटी बनाने के नाम पर गरीब लोगों को परेशान किया जा रहा है। जो लोग शहर को स्मार्ट और ब्यूटीफुल बनाने में मेहनत मजदूरी कर अपना योगदान दे रहे हैं उनके आशियाने को ही प्रशासन ने गिराने की तैयारी कर ली है।
प्रशासन द्वारा कालोनी नंबर 4, संजय कॉलोनी, आदर्श कॉलोनी, इंदिरा कॉलोनी तथा सेक्टर 25 की इंदिरा कॉलोनी के निवासियों को यह स्थान खाली करवाने और इसे गिरानी की तैयारी आरंभ कर दी है। इससे पूर्व मलोया की लेबर कालोनी को तथा लाल बहादुर शास्त्री कालोनी को गिरा दिया गया था। प्रशासन ने पुलिस की मदद से यह सारा काम जोर-जबरदस्ती से करवाया था और इन कॉलोनी वासियों को न तो कोई नोटिस दिया गया था और न ही उनके रहने के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था की गई थी।
अब प्रशासन की नजर कालोनी नंबर 4, संजय कालोनी, आदर्श कालोनी, इंदिरा कालोनी तथा सेक्टर 25 की इंदिरा कालोनी पर है और इसे गिराने की तैयारी की जा रही है। याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट से अपील की कि जब तक इनके रहने की कोई दूसरी व्यवस्था नहीं की जाती है तब तक इन पांच कालोनियों के निवासियों को यहां से न निकाला जाए।
हाई कोर्ट ने 2016 में कॉलोनियां गिराने पर लगाई थी रोक
हाईकोर्ट ने इससे पहले 2016 में कॉलोनियां गिराने पर रोक लगा दी थी। इसके बाद जब याचिका सुनवाई के लिए पहुंची तो कालोनियों को लेकर वर्तमान की स्थिति यूटी प्रशासन हाईकोर्ट में नहींं बता सका और योजनाएं गिनवाने लगा।