हाई कोर्ट के आदेशों की उड़ी धज्जियां, तय समय के बाद जलाए गए ज्यादा पटाखे Chandigarh News
आदेशों के तहत रात आठ से 10 बजे तक ही पटाखे जलाए जा सकते थे। लेकिन सबसे ज्यादा पटाखे जलाने का रिकॉर्ड ही रात 10 से 11 बजे के बीच बना।
चंडीगढ़, जेएनएन। पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने पटाखे जलाने के लिए समय निर्धारित कर प्रशासन को यह आदेश लागू करने की जिम्मेदारी दी थी। इन आदेशों के तहत रात आठ से 10 बजे तक ही पटाखे जलाए जा सकते थे। लेकिन दिवाली पर लोगों ने इन आदेशों की जमकर धज्जियां उड़ाई और पुलिस प्रशासन कुछ नहीं कर पाया। सबसे ज्यादा पटाखे जलाने का रिकॉर्ड ही रात 10 से 11 बजे के बीच बना। चंडीगढ़ पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी के शोर प्रदूषण संबंधी आंकड़ों से यह सामने आया हुआ है।
सेक्टर-22 में वायु के साथ ही शोर प्रदूषण भी सबसे ज्यादा हुआ। यहां रात 10 से 11 बजे के दौरान सबसे अधिक पटाखे जले। जिससे शोर प्रदूषण का स्तर 80 डेसीबल तक पहुंच गया। जबकि रात 10 से सुबह छह बजे तक यह 45 डेसीबल से ज्यादा नहीं होना चाहिए। हालांकि पिछली दिवाली पर इस एरिया में इस समय 81 डेसीबल ध्वनि प्रदूषण दर्ज हुआ था। उससे एक प्वाइंट कम हुआ है। ध्वनि प्रदूषण पिछले साल से घटा चंडीगढ़ के अधिकतर एरिया में ध्वनि प्रदूषण पिछले साल के मुकाबले कम हुआ है। सेक्टर-22 में पिछली दिवाली पर रात नौ से दस बजे 87.6 था जो रविवार को इसी समय 79.8 दर्ज किया गया। जो लगभग आठ डेसीबल कम हुआ है। शहर के अन्य हिस्सों में भी ध्वनि प्रदूषण 60 से 70 डेसीबल तक रहा। अधिकतर एरिया में पिछले साल से कम हुआ है। इससे यह संभावना जताई जा रही है कि पटाखे कम जलाए गए हैं।
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