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फ्लैटों के दाम बढ़ाने वाले चंडीगढ़ प्रशासन के पब्लिक नोटिस पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक Chandigarh News

स्कीम के तहत 3930 फ्लैट्स दिए जाने थे। उस समय ए श्रेणी के लिए 24 से 34 लाख बी के लिए 14 से 24 सी के लिए 11 से 13 और डी के लिए 5.75 लाख का दाम बताया गया था।

By Edited By: Published: Fri, 16 Aug 2019 05:06 PM (IST)Updated: Sat, 17 Aug 2019 10:30 AM (IST)
फ्लैटों के दाम बढ़ाने वाले चंडीगढ़ प्रशासन के पब्लिक नोटिस पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक Chandigarh News
फ्लैटों के दाम बढ़ाने वाले चंडीगढ़ प्रशासन के पब्लिक नोटिस पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक Chandigarh News

राज्य ब्यूरो, चंड़ीगढ़। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड के कर्मचारियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए चंडीगढ़ प्रशासन के उस नोटिस पर रोक लगा दी है जिसके तहत प्रशासन ने फ्लैट के रेट बढ़ाने पर कर्मचारियों की कन्सेट मांगी थी। सुनवाई के दौरान प्रतिवादी पक्ष ने इस विषय पर जवाब देने के लिए समय मांगा। हाईकोर्ट ने समय देते हुए अंतरिम तौर पर प्रशासन के नोटिस पर रोक लगा दी।

हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार सहित अन्य कर्मियों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए बताया कि यूटी प्रशासन और हाउसिंग बोर्ड ने कर्मियों के लिए फ्लैट्स उपलब्ध करवाने हेतु एक स्कीम निकाली थी। इसके तहत 3930 फ्लैट्स दिए जाने थे जिनके दाम बहुत कम थे। उस समय ए श्रेणी के लिए 24 से 34 लाख, बी के लिए 14 से 24, सी के लिए 11 से 13 और डी के लिए 5.75 लाख का दाम बताया गया था। 2008 की इस स्कीम को आगे बढ़ाते हुए फ्लैट्स के लिए एक निर्धारित राशि जमा करवा ली गई, यूटी और हाउसिंग बोर्ड इस पैसे पर ब्याज खाते रहे। योजना सिरे नहीं चढ़ी तो रद करने का निर्णय ले लिया गया। दाम इतने कि कोई भी नहीं दे सकता इसके चलते कुछ कर्मियों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर दी। कई साल सुनवाई के दौर के बाद अब जाकर इस स्कीम को सिरे चढ़ाने की योजना बनाई गई लेकिन प्रशासन ने दाम इतने अधिक कर दिए कि यह कर्मचारियों की पहुंच से बाहर हो गए हैं।

3 बीएचके के लिए पौने दो करोड़, दो बीएचके के लिए सवा करोड़ से अधिक तथा 1 बीएचके के लिए एक करोड़ का दाम तय किया गया है। अब एक पब्लिक नोटिस जारी करते हुए बताया गया कि इस राशि का पांच किश्तों में भुगतान करना होगा और पहली किश्त के लिए 30 अगस्त की अंतिम तिथि तय की गई है। याची ने कहा कि ऐसा करना पूरी तरह से गलत है और पुराने दाम के अनुसार ही फ्लैट्स दिए जाने चाहिए। हाईकोर्ट ने याची पक्ष को सुनने के बाद केंद्र सरकार, यूटी प्रशासन और चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड को नोटिस जारी कर पूछा था कि क्यों न इस पब्लिक नोटिस पर रोक लगा दी जाए।

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