280 करोड़ की ग्रांट पर हाईकोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़ : पंजाब यूनिवर्सिटी की विकास योजनाओं को पूरा करने के लिए यूनिवर्सिटी प्र
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़ : पंजाब यूनिवर्सिटी की विकास योजनाओं को पूरा करने के लिए यूनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा केंद्र सरकार से मांगे गए 280 करोड़ रुपये के अनुदान पर हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांग लिया है। मामले में हाईकोर्ट में दायर किए गए हलफनामे में यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार प्रोफेसर कर्मजीत सिंह ने कहा है कि यूनिवर्सिटी के आधारभूत ढांचे के विकास के लिए फिलहाल यूनिवर्सिटी को 280 करोड़ रुपये की जरूरत है। उन्होंने कहा है कि यूनिवर्सिटी की वित्तीय सहायता बढ़ाने के लिए केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय से कई बैठकें की जा चुकी हैं। पीयू की वित्तीय हालत को फिलहाल स्थिर बताते हुए प्रोफेसर कर्मजीत सिंह ने कहा है कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को फिलहाल पंजाब सरकार ने लागू नहीं किया है, परंतु अगर इन सिफारिशों को लागू किया जाता है, तो यूनिवर्सिटी की वित्तीय हालत पर इसका असर पड़ सकता है। पीयू की वित्तीय परिस्थिति के संबंध में विचाराधीन मामले में केन्द्र सरकार से जवाब मांगते हुए हाईकोर्ट ने केन्द्र सरकार से पूछा है कि वह यूनिवर्सिटी की वित्तीय सुधारों के लिए और क्या योगदान दे सकता है। तीन किश्तों में पंजाब सरकार ने जारी की है ग्रांट
मामले में यूनिवर्सिटी की ओर से जिरह करने वाले सीनियर एडवोकेट गिरीश अग्निहोत्री और भुवन वत्स ने अदालत को बताया कि पंजाब यूनिवर्सिटी की ग्रांट में केन्द्र सरकार द्वारा हर वर्ष 6 प्रतिशत की वृद्धि की जाती है, परंतु भविष्य में विकास योजनाओं को पूरा करने के लिए ग्रांट में सीमित वृद्धि को बढ़ाए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा है कि पंजाब सरकार द्वारा यूनिवर्सिटी के लिए 17.90 करोड़ रुपये के अतिरिक्त बजट का प्रावधान किया गया, यूनिवर्सिटी को तीन किश्तों में दिया। पंजाब सरकार ने पिछली सुनवाई पर अदालत को बताया था कि यूनिवर्सिटी को 6.10 करोड़ रुपये की राशि स्थानातरित कर दी गई है। उल्लेखनीय है कि यूनिवर्सिटी की कमजोर वित्तीय परिस्थितियों पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए इस मामले की सुनवाई आरंभ की थी। सुनवाई के दौरान मौजूद रहे पूर्व वीसी
इस सुनवाई के दौरान ही पूर्व वाइस-चासलर प्रो. अरुण ग्रोवर और पंजाब यूनिवर्सिटी प्रशासन यूनिवर्सिटी में प्रशासकीय सुधारों की बात पर एक दूसरे के आमने-सामने आ गए थे। मंगलवार को भी प्रो. ग्रोवर इस मामले की सुनवाई के दौरान अदालत में मौजूद थे। फिलहाल हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई अब 29 नवंबर को होगी।