हाई कोर्ट ने पूछा- निकोटिन जहर तो घोषित किया, पर बिक्री रोकने के लिए क्या किया
सब ग्रुप ऑन लीगल इम्प्लिकेशन्स ऑफ़ इलेक्ट्रॉनिक्स निकोटिन डिलीवरी सिस्टम पर हाई कोर्ट ने पंजाब, हरियाणा व चंडीगढ़ का जवाब तलब किया है।
जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ प्रशासन से पूछा है कि निकोटिन को जहर घोषित करने के बाद इसकी बिक्री रोकने के लिए क्या किया है? मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने सब ग्रुप ऑन लीगल इम्प्लिकेशन्स ऑफ़ इलेक्ट्रॉनिक्स निकोटिन डिलीवरी सिस्टम की बैठक के बिंदु कोर्ट में पेश किए।
हाई कोर्ट ने इसकी कापी सरकार को देते हुए पूछा कि अगली सुनवाई पर कोर्ट को बताएं कि इन बिंदुओं पर उसने क्या काम किया और इसके लिए किस अधिकारी को जिम्मेदारी दी गई है। सब ग्रुप ऑन लीगल इम्प्लिकेशन्स ऑफ़ इलेक्ट्रॉनिक्स निकोटिन डिलीवरी सिस्टम की बैठक में ई सिगरेट और ई निकोटिन पर रोक के बारे में दिशा निर्देश दिए गए हैं।
कोर्ट ने हरियाणा, पंजाब व चंडीगढ़ को निर्देश दिए कि इसके लिए जो स्पेशल टास्क फोर्स बनाई है, उसकी कार्रवाई का ब्योरा अगली सुनवाई पर दें। बता दें कि हेमंत गोस्वामी की इस याचिका पर लंबे समय से सुनवाई चल रही है। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के आदेश पर हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ में निकोटिन को प्रतिबंधित कर दिया गया और नोटिफिकेशन के माध्यम से इसे जहर घोषित किया गया।
याचिका में निकोटिन के खतरे बताते हुए कहा गया है कि इसकी 30 मिलीग्राम की सीधी मात्रा एक व्यक्ति की मौत के लिए काफी होती है, इसलिए केमिकल निकोटिन को परोसे जाने पर लगे प्रतिबंध पर सख्ती से अमल कराया जाना चाहिए। हाईकोर्ट ने इस पर हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ को निकोटन पर प्रतिबंध लगाने के लिए टास्क फोर्स बनाने को कहा था। तीनों ने दावा किया था कि ऐसे लोगों पर आइपीसी की धारा 284 के तहत केस दर्ज किया जाएगा।
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