नगर निगम में खुला हेलमेट बैंक
नगर निगम का कोई कर्मचारी दोपहिया वाहन पर कहीं जाना चाहते हैं लेकिन उसके पास हेलमेट नहीं है तो ऐसी सूरत में वह नगर निगम में ही हेलमेट निश्शुल्क ले सकता है। प्रयोग करने के बाद आपको हेलमेट वापस करना होगा।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : नगर निगम का कोई कर्मचारी दोपहिया वाहन पर कहीं जाना चाहते हैं, लेकिन उसके पास हेलमेट नहीं है, तो ऐसी सूरत में वह नगर निगम में ही हेलमेट निश्शुल्क ले सकता है। प्रयोग करने के बाद आपको हेलमेट वापस करना होगा। अब नगर निगम में ही हेलमेट बैंक शुरू किया गया है। मेयर सरबजीत कौर ने वीरवार को गैर सरकारी संगठन पटियाला फाउंडेशन से मिलकर सड़क सुरक्षा प्रोजेक्ट के तहत हेलमेट बैंक की शुरुआत की है। इस अवसर पर आनिदिता मित्रा, सीनियर डिप्टी मेयर दलीप शर्मा, डिप्टी मेयर अनूप गुप्ता, गैर सरकारी संगठन के चीफ रवि सिंह आहलूवालिया और फाउंडेशन से जुड़े लोग भी मौजूद थे। मालूम हो कि हेलमेट नहीं पहनने पर ट्रैफिक पुलिस 500 रुपये का चालान करती है। मालूम हो कि नगर निगम के शहर में कुल 10 हजार कर्मचारी हैं।
सौ कर्मचारियों को फाउंडेशन ने बांटे हेलमेट
पटियाला फाउंडेशन एनजीओ ने नगर निगम के 100 कर्मचारियों को हेलमेट भी डोनेट किए। नगर निगम के अनुसार दोपहिया वाहन चालक के पास अगर हेलमेट नहीं है तो वह बैंक से हेलमेट ले सकता है और बाद में जब उन्हें हेलमेट की जरूरत नहीं है तो वह इसे बैंक के प्रबंधक को वापस कर सकता है। मेयर सरबजीत कौर ने कहा कि दोपहिया वाहन चालकों को रूटीन में हेलमेट का प्रयोग करने की आदत बने, इसी मकसद से हेलमेट बैंक का संकल्प लिया गया है, जिससे उनकी कीमती जान को दुर्घटना से बचाया जा सके। मेयर ने कहा कि नौजवान राइडरों में जितनी जल्दी यह आदत डाली जाए, यह समाज के लिए उतना ही बेहतर है। कमिश्नर आनिदिता मित्रा ने सड़क सुरक्षा के इस प्रयास की सराहना की और सड़क सुरक्षा को उत्साहित करने के लिए पटियाला फाउंडेशन के पिछले प्रयासों की भी सराहना की। आनिदिता मित्रा का कहना है कि अभी यह सुविधा कर्मचारियों के लिए ही है। आगे प्रयास किया जाएगा कि यह सुविधा और लोगों के लिए भी शुरू की जाए। साइकिल सुरक्षा मुहिम के तहत साइकिलों पर लगाए रिफ्लेक्टिव स्टीकर
फाउंडेशन के चीफ रवि सिंह आहलूवालिया ने पिछले हफ्ते शुरू की गई साइकिल सुरक्षा मुहिम की भी जानकारी दी। जिसके अंतर्गत किसी भी तरह की दुर्घटना से बचने के लिए साइकिलों पर रिफ्लेक्टिव स्टीकर लगाए गए हैं। उन्होंने सड़क सुरक्षा जागरुकता की बढ़ती जरूरत पर जोर दिया और यह भी साझा किया कि यह आठवां हेलमेट बैंक है, इससे पहले यह हेलमेट बैंक पटियाला के अलग-अलग कालेजों, यूनिवर्सिटियों, संस्थाओं और एसोसिएशन में स्थापित किए जा चुके हैं।