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पीक ऑवर्स में हेवी व्हीकल्स नॉट अलाउड, कंजेशन चार्ज देना होगा

सुबह और शाम के समय इन वाहनों की पार्किग फीस अधिक लगेगी।

By JagranEdited By: Published: Mon, 20 Jan 2020 09:07 PM (IST)Updated: Mon, 20 Jan 2020 09:07 PM (IST)
पीक ऑवर्स में हेवी व्हीकल्स नॉट अलाउड, कंजेशन चार्ज देना होगा
पीक ऑवर्स में हेवी व्हीकल्स नॉट अलाउड, कंजेशन चार्ज देना होगा

बलवान करिवाल, चंडीगढ़ : पीक ऑवर्स में निजी कार से चलना महंगा पड़ेगा। सुबह और शाम के समय इन वाहनों की पार्किग फीस अधिक लगेगी। कंजेशन चार्ज देना होगा। साथ ही हेवी व्हीकल्स की पीक ऑवर्स में नो एंट्री रहेगी। यह शहर में दाखिल नहीं हो सकेंगे। लेकिन अब कुछ और बड़े वाहन भी पीक ऑवर्स में दाखिल नहीं हो सकेंगे। यह आदेश एक फरवरी से लागू होंगे। सोमवार को ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने इसकी नोटिफिकेशन जारी कर दी। पार्किग पॉलिसी को प्रशासक वीपी सिंह बदनौर ने फाइनल मंजूरी दे दी है। इसी पॉलिसी के तहत यह सभी प्रावधान किए गए हैं। दो साल पहले तैयार किया गया था ड्राफ्ट

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बता दें कि पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने प्रशासन को पार्किग पॉलिसी नोटिफाई करने के आदेश दिए हैं। वर्ष 2017 में पार्किग पॉलिसी का ड्राफ्ट तैयार किया गया था। लेकिन लोगों की आपत्तियों के बाद फरवरी 2019 में इसका रीड्राफ्ट तैयार किया गया। इस ड्राफ्ट को प्रशासन ने जुलाई में ही सैद्धांतिक मंजूरी दे दी थी। इसके बाद एडवाइजरी काउंसिल की मीटिग में भी अप्रूवल हो गई। भीड़ वाली जगहों पर लगेगा कंजेशन चार्ज

भीड़भाड़ वाले एरिया में पीक ऑवर्स में लोगों को कंजेशन चार्ज देना होगा। पीक ऑवर्स में यह फीस सामान्य समय से ज्यादा लगेगी। इसकी शुरुआत सबसे पहले ज्यादा वाहनों वाले सेक्टर-17, 22, 35, 43 और इंडस्ट्रियल एरिया फेज-1 और 2 से होगी। वी-1, वी-2, वी-3 और वी-4 रोड की हाई डेंसिटी कमर्शियल मार्केट भी इसके दायरे में आएंगी। इन सभी जगहों पर यूजर फीस या पार्किग फीस पीक ऑवर्स में ज्यादा होगी। परिवार के साथ ही ले जा सकेंगे कार

सुबह नौ से 12 बजे तक और शाम को पांच से आठ बजे तक पीक ऑवर्स में इन एरिया में आएंगे तो कंजेशन प्राइसिग यानी ज्यादा फीस देनी होगी। एमओयूडी की नेशनल अर्बन ट्रांसपोर्ट पॉलिसी के अनुसार स्टडी पार्किंग पॉलिसी में लोगों को कार खरीदने से न रोक कर उन्हें रोजाना इस्तेमाल में न लाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। जिस दिन उन्हें परिवार के साथ कहीं जाना है तो कार का इस्तेमाल करें नहीं तो पब्लिक ट्रांसपोर्ट का विकल्प चुनें। एसटीए और आरएलए वाहनों पर करेंगे कंट्रोल

दिव्यांगों के लिए पार्किग में 1:20 फोर व्हीलर का स्पेस रखना होगा। यह स्पेस उन्हें निशुल्क मिलेगा, इसे किसी दूसरे को नहीं दिया जा सकता। मांग के हिसाब से एमसी इन्हें आइडी कार्ड जारी करेगा। इनका पार्किग स्पेस स्पेशल एबल्ड पर्सन के नियमों को ध्यान में रखकर डिजाइन करना होगा। एसटीए और आरएलए वाहनों की संख्या नियंत्रित करने के लिए पॉलिसी बनाएंगे। सरकारी दफ्तरों की टाइमिंग होगी आगे-पीछे

अभी सभी सरकारी ऑफिस एक ही समय पर खुलते व बंद होते हैं। जिस कारण सुबह और शाम के वक्त इनसे सड़कों पर एकसाथ वाहनों की संख्या कई गुणा बढ़ जाती है। पार्किग पॉलिसी में प्रशासन ने इन ऑफिसेज की टाइमिग कुछ आगे-पीछे करने का प्रावधान भी रखा है। चंडीगढ़ ही नहीं यहां स्थित पंजाब और हरियाणा के ऑफिस की टाइमिग भी बदलेगी। शुरुआत पहले यूटी के अधीन ऑफिसेज से होगी। जिन इंडस्ट्रियल यूनिट और आइटी कंपनियों में 50 इंप्लाइज से ज्यादा स्टाफ है, उन्हें स्टाफ बस चलाना अनिवार्य होगा। आइटी पार्क, इंडस्ट्रियल एरिया, हॉस्पिटल और गवर्नमेंट ऑफिसेज के लिए शटल सर्विस शुरू करनी होगी । पार्किग पॉलिसी में यह भी

-सेक्टरों और इंडस्ट्रियल एरिया में होने वाले बड़े आयोजन और मेलों में कारों की संख्या बहुत ज्यादा होती है, इसके लिए शटल सर्विस जरूरी होगी। बाकायदा इसका समय रहते समाचार पत्रों में विज्ञापन देना होगा।

-आपात वाहनों की आवाजाही में बाधा न हो, इसके लिए सभी वी-4, 5 और 6 रोड इंटरसेक्शन में स्पष्ट दिखने वाले नो पार्किग जोन के बोर्ड लगाने होंगे।

-मरला हाउस में कार पार्क करने के लिए फ्रंट बाउंड्री वॉल को हटाया जा सकेगा या फोल्ड होने वाली फेंसिग या स्लाइडिग गेट लगाया जा सकेगा।

-ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट बस मूवमेंट पैटर्न, बस कॉरीडोर और बस रूट में जरूरी बदलाव करेगा। पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम को मजबूत करने के लिए जीपीएस वाली कम फ्यूल खाने वाली बसों को चलाया जाए। पीक ऑवर्स में इनकी फ्रीक्वेंसी बेहतर हो। यह बसें सीटीयू अपनी क्षमता को देखते हुए रेंटल, पर्सनल या क्लस्टर के हिसाब से भी चला सकता है।

-बड़े संस्थान को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके व्हीकल कैंपस से बाहर पार्क न हों।

-व्यापारियों को अपनी निजी कार की जगह कार पूल सिस्टम अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

-शहर के अंदर स्थित कॉलेज और यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स को कार न लाने के लिए नोटिस जारी करें। इसकी रजिस्ट्रेशन फीस बढ़ाई जा सकती है या पूर्ण तौर पर बैन भी किया जा सकता है। हॉस्टलों में भी यही नियम हो।


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