आप में नई नियुक्तियों से इस्तीफों की भरपाई में जुटे डॉ. बलबीर
-शिकस्त और लगातार हो रहे विद्रोह से आप में संकट गहराया -पंजाब में पार्टी में विद्रोह से
-शिकस्त और लगातार हो रहे विद्रोह से आप में संकट गहराया
-पंजाब में पार्टी में विद्रोह से निपटने के लिए उठाए कदम
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मनुपाल शर्मा, जालंधर : चुनाव दर चुनाव शिकस्त और लगातार हो रहे विद्रोह से आप में संकट गहराता जा रहा है। संसदीय चुनाव सिर पर हैं, लेकिन आम आदमी पार्टी के भीतर दूरियां थमती दिखाई नहीं दे रही हैं। शाहकोट उपचुनाव से पहले तो अकाली दल ने आप के बागियों से सुर मिलाए और चुनाव बुरी तरह हारने के बाद आप के भीतर हुए विद्रोह ने पार्टी कैडर को हिला दिया है। कुछ प्रधान इस्तीफे देकर पार्टी के राज्य नेतृत्व पर सवालिया निशान उठा गए हैं और राज्य नेतृत्व विद्रोह करने वालों को काम न करने वाले समूह की संज्ञा दे रहा है।
राजनीतिक तौर पर तो तैयारी संसदीय चुनाव की होनी चाहिए, लेकिन आप पंजाब में कवायद विद्रोह से निपटने की चल रही है। अंदरखाते तो चर्चा इस बात की भी है कि यह विद्रोह उन्हीं ने किया है, जो पूर्व में राज्य में पार्टी की गतिविधियां चला रही एक टॉपगन के नजदीकी थे। हालांकि, आप पंजाब के सह अध्यक्ष डॉ. बलबीर ¨सह ने कहा कि वह विद्रोह के लिए पार्टी के भीतर से ही किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराना चाहते। डॉ. बलबीर ¨सह ने इस्तीफों की भरपाई कुछ नई नियुक्तियों से करने की कोशिश तो की है, लेकिन आरोप और प्रत्यारोप के दौर में कैडर हतोत्साहित नजर आने लगा है। हाल ही में पंजाब ईकाई में हुए इस्तीफों को लेकर डॉ. बलबीर ¨सह का तर्क है कि जिन लोगों ने इस्तीफे दिए हैं, उनमें से अधिकतर ऐसे थे, जो पार्टी के लिए कार्य ही नहीं कर रहे थे। कुछ तो विदेश में थे, जिन्हें काम करने के लिए कहा जा रहा था। अगर पद हैं, तो फिर काम तो करना ही पड़ेगा। मसला मात्र इतना सा ही है। उन्होंने कहा कि इस्तीफे देने वालों में कुछ ऐसे भी हैं, जो पार्टी के लिए तो कार्य कर रहे थे, लेकिन काम न करने वालों की तरफ से मिसगाइड भी किए गए। काम करने वाले पार्टी में वापस लौटेंगे
डॉ. बलबीर ¨सह ने कहा कि जो लोग काम करने वाले हैं, उन्हें आने वाले दिनों में पार्टी के भीतर दोबारा देखा जा सकेगा। उन्होंने कहा कि वह सीएलपी लीडर सुखपाल ¨सह खैहरा समेत अन्य लीडरशिप से पार्टी की मजबूती के लिए कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी की मजबूती के लिए ही बैठकों का भी दौर चल रहा है।