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एसवाइएल पर सुनवाई सात को, अभी तक नहीं हुई दोनों राज्यों की बैठक

सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब-हरियाणा को एसवाइएल के मसले पर बैठक करने के निर्देश दिए थे। मामले में सुनवाई सात सितंबर को है, लेकिन दोनों राज्यों ने अभी तक बैठक नहीें की है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Wed, 30 Aug 2017 10:42 AM (IST)Updated: Wed, 30 Aug 2017 10:45 AM (IST)
एसवाइएल पर सुनवाई सात को, अभी तक नहीं हुई दोनों राज्यों की बैठक
एसवाइएल पर सुनवाई सात को, अभी तक नहीं हुई दोनों राज्यों की बैठक

जेएनएन, चंडीगढ़। सतलुज यमुना लिंक (एसवाइएल) नहर के विवाद को सुलझाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद भी पंजाब सरकार गंभीर नहीं है। मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने 11 जुलाई को हुई सुनवाई के दौरान निर्देश दिए थे कि हरियाणा व पंजाब बैठकर इस मामले में संयुक्त हल निकालने का प्रयास करें। दोनों राज्यों की बैठक केंद्र सरकार के हस्तक्षेप के बाद होनी है। पंजाब सरकार ने अभी तक केंद्र सरकार से इस बारे में बातचीत नहीं की है, जबकि 7 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है।

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पंजाब व हरियाणा की सियासत में एसवाइएल का मुद्दा सालों से जिंदा है। दोनों राज्यों की सियासत में कभी कांग्रेस तो कभी अकाली दल या हरियाणा की क्षेत्रीय पार्टियां चुनावी मुद्दा बनाकर अपनी सियासत चमकाती रही हैं। इस बार भी कांग्रेस सरकार के अहम चुनावी मुद्दों व वादों में एसवाइएल का विवाद सुलझाने की बात थी। खासतौर पर कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव से पहले लोगों से वादा किया था कि हरियाणा को एक बूंद पानी भी नहीं देंगे। साथ ही कहा था कि एसवाइएल के मामले को हल करके हरियाणा का दावा खत्म करवाएंगे।

चुनाव में था प्रमुख मुद्दा

चुनाव हो गया और कांग्रेस सत्ता में आ गई। छह महीने पूरे होने वाले हैं और एसवाईएल को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चल रहे केस की पैरवी की बात तो दूर पंजाब पूरे मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन भी नहीं कर पा रहा है। पंजाब को अभी तक सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार हरियाणा के साथ बातचीत करने के लिए केंद्र सरकार के साथ बातचीत की पहल करनी चाहिए थी। सात को कोर्ट में मामले की सुनवाई है और चार वर्किंग डे बचे हैं। अगर मामले को पंजाब सरकार ने इसी प्रकार हल्के में लिया तो तय है कि इस मामले में हरियाणा पंजाब पर भारी पड़ेगा।

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