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बरगाड़ी बेअदबी मामला : पंजाब सरकार को नहीं मिलेगी क्लोजर रिपोर्ट की कॉपी Chandigarh News

बरगाड़ी बेअदबी मामले में सीबीआइ की तरफ से केस बंद करने के लिए अदालत में क्लोजर रिपोर्ट दायर की गई थी।

By Edited By: Published: Tue, 23 Jul 2019 07:44 PM (IST)Updated: Wed, 24 Jul 2019 11:18 AM (IST)
बरगाड़ी बेअदबी मामला : पंजाब सरकार को नहीं मिलेगी क्लोजर रिपोर्ट की कॉपी Chandigarh News
बरगाड़ी बेअदबी मामला : पंजाब सरकार को नहीं मिलेगी क्लोजर रिपोर्ट की कॉपी Chandigarh News

जेएनएन, मोहाली। बरगाड़ी बेअदबी मामले में सीबीआइ की तरफ से केस बंद करने के लिए अदालत में क्लोजर रिपोर्ट दायर की गई थी। मामले की पिछली सुनवाई के दौरान सीबीआइ कोर्ट में पंजाब सरकार, शिकायतकर्ता व आरोपितों ने अपने-अपने वकीलों के माध्यम से क्लोजर रिपोर्ट की कॉपी हासिल करने को लेकर अर्जी दाखिल की, लेकिन मंगलवार को मोहाली स्थित सीबीआइ की विशेष अदालत ने इस मामले में स्थिति स्पष्ट कर दी। कोर्ट ने साफ तौर पर पंजाब सरकार को क्लोजर रिपोर्ट की कॉपी देने से मना कर दिया है।

वहीं, शिकायतकर्ता व आरोपितों को उनके वकील के माध्यम से अदालत से क्लोजर रिपोर्ट की कॉपी लेने की अनुमति दी। हालांकि अभी दोनों पक्षों के वकीलों को क्लोजर रिपोर्ट की कॉपी नहीं मिली है। केस की अगली सुनवाई 23 अगस्त को होगी। मामले में शिकायतकर्ता रणजीत सिंह व गोरा सिंह ने भी अपने वकील गगन प्रीत सिंह बल के माध्यम से अदालत में पेश होकर मामले की रिपोर्ट मांगी। गगनप्रीत सिंह बल ने कहा कि क्लोजर रिपोर्ट की कॉपी लेने का मकसद यह है कि वह सीबीआइ द्वारा केस बंद करने वाली रिपोर्ट की कॉपी पढ़कर यह देखना चाहते हैं कि इस केस को बंद करने की असल वजह क्या है और केस में कौन-कौन सी कमियां रहीं। वह रिपोर्ट की कॉपी के आधार पर ही कोर्ट में अपना जवाब दाखिल करना चाहते हैं।

इसके अलावा आरोपित महिंदरपाल सिंह बिट्टू, सुखजिंदर सिंह सन्नी, शक्ति सिंह के वकील विवेक गुलबदर ने कहा कि इस केस में तीनों को बेवजह फंसाया गया। जब उन्हें गिरफ्तार किया गया था तब सभी के लाई डिटेक्टर टेस्ट और ब्रेन मैंपिंग हो चुके हैं। सीबीआइ को उसमें कुछ नहीं मिला। अब इस मामले को राजनीतिक रंग दिया जा रहा है। हालांकि अदालत से उन्हें क्लोजर रिपोर्ट की कॉपी लेने की अनुमति मिल गई है। बेदअबी मामले में पंजाब पुलिस की जांच के बाद इससे जुड़े तीन एफआइआर के मामले सीबीआइ को सौंपे गए थे। मामलों में सीबीआइ द्वारा डेरा प्रेमी महिंदरपाल बिट्टू, शक्ति सिंह और सुखजिंद्र सिंह सन्नी को गिरफ्तार कर पूछताछ की गई थी। सीबीआइ द्वारा चार्जशीट दाखिल न करने पर उनकी जमानत हो गई थी। लेकिन बाद में महिंदरपाल बिट्टू की नाभा जेल में दो कैदियों ने हत्या कर दी थी।

सरकार ने कही थी मामले की सीबीआइ जांच से संतुष्ट नहीं होने की बात
सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार के वकील ने अदालत में अपना पक्ष रखा। कहा कि सरकार पहले से सीबीआइ की जांच से संतुष्ट नहीं थी। इसलिए विधानसभा में सीबीआइ से जांच वापस लेने के लिए रेज्युलेशन पास किया गया था। उन्होंने यह भी तर्क रखा था कि जब एफआइआर तीन दर्ज हुई है तो क्लोजर रिपोर्ट एक क्यों। कहा कि पंजाब सरकार को भी क्लोजर रिपोर्ट की एक कॉपी मिलनी चाहिए।
 

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