High Court की निगम को फटकार, कहा-सड़कों पर रेहड़ियां लगाने वालों को वेंडर नहीं मान सकते
नगर निगम को फटकार लगाते हुए पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने दोहराया कि सड़कों और फुटपाथों में अवरोध पैदा करने वालों को वेंडर नहीं माना जा सकता।
जेएनएन, चंडीगढ़। कैंबवाला सड़क पर रेहड़ियां लगाने के मामले में नगर निगम को फटकार लगाते हुए पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने दोहराया कि सड़कों और फुटपाथों में अवरोध पैदा करने वालों को वेंडर नहीं माना जा सकता। कैंबवाला की सड़क पर रेहड़ियां लगने पर नाराजगी जताते हुए जस्टिस रावल ने कहा कि सड़क पर रेहड़ियां लगाने वालों को वेंडर नहीं, बल्कि अतिक्रमणकारी माना जाना चाहिए। ऐसे अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करना नगर निगम के अधिकारियों की मिलीभगत को दर्शाता है। इन रेहडिय़ों को हटाए जाने के अदालत के आदेशों पर जवाब देते हुए नगर निगम की वकील दीपाली पुरी ने अदालत को बताया कि वेंडरों को हटाने पर अदालत की ही अंतरिम रोक होने के चलते फिलहाल इन्हें नहीं हटाया जा सकता।
करोरां में सड़क का 65 फीसद काम पूरा
सुनवाई के दौरान चंडीगढ़ से करोरां के लिए सड़क निर्माण के संबंध में नयागांव नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी द्वारा दायर किए गए हलफनामे में कहा गया है कि इस सड़क के 65 प्रतिशत हिस्से का काम कर लिया गया है और हिस्से का काम फरवरी माह के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा। नयागांव नगर परिषद द्वारा क्लब 7 से करोरां सड़क, शिवालिक विहार और पटियाला की राव पर सड़क की मरम्मत पर संतोष जता मामले को निपटाते हुए जस्टिस रावल ने कहा कि नयागांव में अतिक्रमणों और चंडीगढ़ में वेंडर्स का मामला हाईकोर्ट की खंडपीठ के समक्ष विचाराधीन है। इसलिए इस मामले पर एकल पीठ में और विचार की आवश्यकता नहीं है।
छह फरवरी को होगी अगली सुनवाई
उल्लेखनीय है कि नयागांव में गंदगी के ढेरों के खिलाफ मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने इस क्षेत्र में मास्टर प्लान-2021 के तहत विकास कार्य करवाए जाने के आदेश दिए थे। इस मामले में हाईकोर्ट में दायर याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने शहर के प्रवेश मार्गों पर वेंडर्स, पटियाला की राव पर अतिक्रमणों और नयागांव में अतिक्रमणों पर भी सुनवाई आरंभ की थी। वेंडर्स मामले पर हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेकर 'द स्ट्रीट वेंडर्स (प्रोटेक्शन ऑफ लाइवलीहुड एंड रेगुलेशन ऑफ स्ट्रीट वेंडिंग) एक्ट, 2014 के तहत वेंडर्स की परिभाषा पर सुनवाई कर रहा है और इस मामले में अभी केंद्र सरकार को अपना जवाब अदालत में दायर करना है। हाईकोर्ट में इस मामले में अगली सुनवाई छह फरवरी को होनी है।