चंडीगढ़ कांग्रेस का PMO को खत, कहा- PGI में स्वास्थ्य कर्मियों को नहीं मिल रहे मास्क-गाउन व PPT किट
पीजीआई में कोरोना के मरीज की मृत्यु हो गई थी। इसके बाद 40 से अधिक डॉक्टरों नर्सों संबद्ध कर्मचारियों और मृतक के संपर्क में आने वाले मरीजों खतरे में आ गए हैं।
चंडीगढ़, जेएनएन। कोरोना वायरस के लगातार बढ़ रहे मामलों के बीच कांग्रेस ने प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखकर पीजीआई में डॉक्टरों, स्वास्थ्य कर्मचारियों व नर्सिंग स्टाफ के सामने पेश आ रही मुश्किलों का मुद्दा उठाया है। पत्र में कहा गया है कि पीजीआई में स्वास्थ्य कर्मियों को न पीपीटी किट मिल रही है और न ही मास्क और गाउन मिल रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा ने कहा है कि 29 मार्च को कोरोना वायरस के कारण मोहाली में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी, जिसके बाद यहां के 40 से अधिक कर्मचारियों को क्वॉरेंटाइन किया गया है। इन लोगों में डॉक्टर भी शामिल हैं। ऐसे में तत्काल प्रभाव से स्वास्थ्य कर्मियों को सुरक्षा की वस्तुएं उपलब्ध करवाई जाए।
छाबड़ा ने पत्र में लिखा है कि कोरोना से बचाव के लिए हम चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा किए कार्यों और प्रयासों की सराहना करते हैं, लेकिन गंभीर चिंता के कुछ मुद्दे हैं जिन पर सरकार और प्रशासन को गंभीरा से विचार करना चाहिए। चंडीगढ़ के प्रतिष्ठित संस्थान पीजीआई में चंडीगढ़, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के लाखों रोगियों का इलाज होता है। इनमें कोरोना वायरस के मरीज भी हैं। गत दिनों पीजीआई में भर्ती मोहाली के मरीज की मृत्यु हो गई थी। इसके बाद 40 से अधिक डॉक्टरों, नर्सों, संबद्ध कर्मचारियों और मृतक के संपर्क में आने वाले मरीजों को कोविड-19 के खतरे में आने के तहत क्वॉरेंटाइन कर दिया गया है। यह एक भारी चूक है। यह मामला कोरोना से मुकाबले के लिए चंडीगढ़ की तैयारियों पर सवाल उठाती है। इस चूक ने कई स्वास्थ्य कर्मचारियों का स्वास्थ्य खतरे में डाल दिया है।
पीएम केयर फंड का बदला जाए नामः छाबड़ा
उन्होंने कहा कि पीजीआई में काम करने वाले डॉक्टरों, नर्सों, हाउसकीपिंग स्टाफ और अन्य पैरामेडिकल स्टाफ के लिए पीपीई किट, एन -95 मास्क और गाउन की भारी कमी है। हाल ही में स्टाफ के सदस्य द्वारा आवाज भी उठाई है। इस मुद्दे पर पीजीआई, चंडीगढ़ के शीर्ष प्रबंधन के साथ काफी गहमागहमी भी हुई है। छाबड़ा ने कहा कि मेरा सुझाव है हाल ही में गठित पीएम केयर फंड को पब्लिक केयर फंड का नाम दिया जाना चाहिए, क्योंकि इस देश की आम जनता और नागरिक फंड में पैसा डाल रहे हैं। यह सुनिश्चित करना चाहिए कि फंड का सही उपयोग हो और स्वास्थ्य कर्मचारियों को पीपीई किट, एन-95 मास्क आदि पर्याप्त मात्रा में मिल रहे हैं या नहीं। इसके अलावा बेरोजगार और बेघर लोगों को भोजन, रिहायश और आर्थिक सहायता प्रदान करना पहली प्राथमिकता होनी चाहिए।