डॉ. रविंद्र मलिक, चंडीगढ़ : केरल के कोझिकोड में फैले निपाह वायरस से निपटने के लिए पीजीआइ के वायरोलॉजी के हेड प्रो. आरके राठो को पुणे के नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआइवी) बुलाया गया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए देशभर से सीनियर एक्सपर्ट को वहां बुलाया गया। दूसरी तरफ पीजीआइ प्रशासन ने इसके टेस्ट करने के लिए तैयारी भी कर ली। देशभर में इस बीमारी के सैंपल नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ वायरोलॉजी पुणे में ही किए जाते हैं। पीजीआइ में अभी तक वायरस के सैंपल टेस्ट कभी नहीं किए गए, लेकिन कहा जा रहा है कि पीजीआइ सैंपल टेस्ट कर सकता है। कारण, उत्तर भारत में पीजीआइ ही अकेला ऐसा संस्थान हैं जहां वायरोलॉजी का एक अलग से विभाग है। एम्स में भी विभाग इतने बड़े स्तर पर नहीं है। वहां इसे माइक्रोबायोलॉजी विभाग के अंडर रखा गया है। उसी कारण पीजीआइ ने किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयारी करनी शुरू कर दी है। साथ ही संबंधित विभाग के सीनियर डॉक्टर और अन्य स्टाफ को अलर्ट कर दिया है। बताया जा रहा है कि पीजीआइ इस मामले को लेकर बैठक करने जा रहा है। प्रो. राठो फि लहाल पुण में है। उनके आने के बाद ही बैठक होगी। चमगादड़ों की दूसरी प्रजाति है, पंजाब में कोई डर नहीं
पंजाब यूनिवर्सिटी में रिहायशी एरिया में हजारों की संख्या में चमगादड़ हैं। वह आम के पेड़ों पर रहते हैं। पीजीआइ एक्सपर्ट्स का कहना है कि यहां डरने वाली कोई बात नहीं, क्योंकि वायरस वाले चमगादड़ की प्रजाति यहां नहीं है। फल खाने वाले चमगादड़ से फैलता है वायरस
एक्सपर्ट्स की मानें तो निपाह वायरस फल खाने वाले चमगादड़ से फैलता है। चमगादड़ खजूर या इसका रस पीता है। इनके झूठे ंफल खाने से इंसान या अन्य जानवरों में भी वायरस फैल सकता है। इंसान से दूसरे इंसान में सांस के द्वारा वायरस फैलता है। चमगादड़ के मल या मूत्र के संपर्क में आने से भी फैल सकता है।
प्रो. राठो को बीमारी पर नियंत्रण को लेकर (एनआइवी) पुणे में बुलाया गया है। यहां टेस्ट कभी हुए नहीं लेकिन सैंपल चैक की सुविधा यहां है। हमारी तरफ से पूरी तैयारी है।
प्रो. जगत राम, पीजीआइ डायरेक्टर।
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