टिकट बुक करने के बाद बस कैंसिल की उपभोक्ता को नहीं दी जानकारी, हरियाणा रोडवेज पर लगा जुर्माना
स्टेट कंज्यूमर डिस्प्यूट रिड्रेसल कमीशन ने हरियाणा रोडवेज पर जुर्माना लगाया है। कमीशन ने रोडवेज द्वारा शिकायतकर्ता को टैक्सी कर दिल्ली जाने का चार्ज यानि दस हजार रुपये देने का आदेश दिया है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : स्टेट कंज्यूमर डिस्प्यूट रिड्रेसल कमीशन ने हरियाणा रोडवेज पर जुर्माना लगाया है। कमीशन ने रोडवेज द्वारा शिकायतकर्ता को टैक्सी कर दिल्ली जाने का चार्ज यानि दस हजार रुपये देने का आदेश दिया है। इसके साथ ही शिकायतकर्ता को इस दौरान हुई मानसिक परेशानी के लिए 25 हजार रुपये और पांच हजार रुपये केस खर्च के रूप में देने का भी आदेश दिया है। पेशे से वकील और पंजाब के जिला रूपनगर निवासी मनजिद्र सिंह सैनी ने हरियाणा रोडवेज द्वारा सेवा में कोताही बरतने के खिलाफ कंज्यूमर फोरम में शिकायत दी थी। लेकिन तब फोरम ने उनकी शिकायत को खारिज कर दिया था, जिसके बाद उन्होंने इसकी अपील स्टेट कंज्यूमर डिस्प्यूट रिड्रेसल कमीशन में की जहां से कमीशन ने हरियाणा रोडवेज को दोषी पाते हुए उस पर जुर्माना लगाया है। कमीशन में दी अपनी शिकायत में मनजिद्र सिंह ने बताया कि उन्हें 19 अक्टूबर, 2018 को दिल्ली एयरपोर्ट से गोवा के लिए फ्लाइट लेनी थी। इसके लिए उन्होंने पहले चंडीगढ़ से दिल्ली एयरपोर्ट जाने के लिए हरियाणा रोडवेज की वॉल्वो बस में सफर करने के लिए ऑनलाइन दो टिकट बुक करवाई। यह दोनों टिकटें 19 अक्टूबर, 2018 की सुबह 1.26 बजे के लिए बुक हुई। इसके लिए उन्होंने 1360 रुपये जमा करवाए और 50 रुपये उनसे अलग से चार्जेस वसूले गए। जब शिकायतकर्ता और उनकी पत्नी तय समय पर बस पकड़ने के लिए पहुंचे तो उन्हें पता चला कि रोडवेज द्वारा वह बस कैंसिल कर दी गई। मनजिद्र की शिकायत है कि रोडवेज ने न तो इसके बारे में उन्हें पहले सूचना दी और न ही कैंसिल की गई बस की जगह दूसरी बस चलाई गई, जिसकी वजह से काफी परेशान हुए। इसके बाद उन्होंने प्राइवेट टैक्सी दस हजार रुपये में बुक की और दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचे। हरियाणा रोडवेज ने दी यह दलील
वहीं रोडवेज ने अपने पक्ष में दलील देते हुए कहा कि बस कैंसिल होने की वजह हरियाणा रोडवेज के कर्मचारियों द्वारा 16 अक्टूबर, 2018 से दो नवंबर, 2018 तक की गई स्ट्राइक थी। वहीं अचानक से शुरू हुई कर्मचारियों की स्ट्राइक की वजह से किसी भी यात्री को बस कैंसिल के बारे में सूचना नहीं दी गई थी। जबकि रोडवेज ने शिकायतकर्ता के 1360 रुपये 26 अक्टूबर, 2018 को वापस कर दिए थे, लेकिन जो 50 रुपये अलग से चार्ज वसूला गया था वह वापस नहीं किए थे। इसलिए उन्होंने अपनी सेवा में कोई कोताही नहीं बरती। वहीं दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अब स्टेट कमीशन ने यह फैसला सुनाया है।