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नशा तस्करी बढऩे पर फिर सौंपी हरप्रीत सिंह सिद्धू को एसटीएफ की कमान

पंजाब सरकार ने राज्‍य में नशे की तस्‍करी ब़ढ़ने के बाद एडीजीपी हरप्रीत सिंह सिद्धू को फिर एसटीएफ का प्रमुख बनाया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Thu, 18 Jul 2019 08:47 PM (IST)Updated: Thu, 18 Jul 2019 08:47 PM (IST)
नशा तस्करी बढऩे पर फिर सौंपी हरप्रीत सिंह सिद्धू को एसटीएफ की कमान
नशा तस्करी बढऩे पर फिर सौंपी हरप्रीत सिंह सिद्धू को एसटीएफ की कमान

चंडीगढ़, [इन्द्रप्रीत सिंह]। पंजाब में नशे के ओवरडोज से लगातार हो रही युवाओं की मौत और नशा तस्करी के बढ़ते मामलों के चलते प्रदेश सरकार सकते में आ गई है। ड्रग्स को कंट्रोल करने के लिए बनाई गई स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) का शिकंजा ढीला पड़ते ही कैप्टन सरकार ने एक बार फिर से इसकी कमान एडीजीपी हरप्रीत सिंह सिद्धू को सौंप दी है। दस महीने बाद एसटीएफ में लौटने वाले सिद्धू सख्त अफसर माने जाते हैं।

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सिद्धू को दस माह पहले सरकार ने हटाया था] इसके बाद मुस्तफा, फिर गुरप्रीत दियो बनी थीं एसटीएफ चीफ

सत्ता संभालते ही मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एसटीएफ का गठन करके छत्तीसगढ़ के नक्सली इलाकों में सेवाएं दे रहे हरप्रीत सिद्धू को उसकी कमान सौंपी थी। सिद्धू ने कमान संभालते ही खाकी वर्दी में नशा तस्करी में शामिल विभाग की काली भेड़ों पर भी हाथ डाला। कई पुलिस अधिकारियों पर केस भी दर्ज किए, लेकिन पिछले साल सितंबर में जैसे ही उनको बदलकर पहले मोहम्मद मुस्तफा और बाद में गुरप्रीत दियो को कमान सौंपी गई, एसटीएफ की पुलिस पर पकड़ ढीली पड़ती चली गई। राज्य में एक बार फिर से नशे की तस्करी जोरों पर होने लगी और कई इलाकों में युवाओं की ओवरडोज से मौत होने लगी, यह सिलसिला जारी है।

प्रदेश में नशे के ओवरडोज से लगातार हो रही युवाओं की मौत ने बढ़ाई सरकार की चिंता

अमरिंदर सरकार के इस फैसले के पीछे एक चर्चा यह भी है कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी और बहिबलकलां गोलीकांड मामले में सीबीआइ द्वारा क्लोजर रिपोर्ट देने के बाद अकालियों को घेरने की कार्रवाई ढीली पड़ गई है। ऐसे में सरकार के पास बेअदबी के बाद दूसरा सबसे बड़ा मुद्दा ड्रग्स ही है जिसको लेकर विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने अकालियों की घेरेबंदी की थी।

कोई बड़ा तस्कर नहीं पकड़ा गया

सत्ता में आने से पहले कांग्रेस यह दावा करती रही थी कि ड्रग्स की तस्करी करने या तस्करों को शह देने वाले बड़े मगरमच्छों को पकड़कर जेल में डाला जाएगा। सरकार बने सवा दो साल से ज्यादा समय हो चुका है, लेकिन एक भी बड़ा तस्कर या सियासी शह देने वाला जेल में नहीं डाला गया है।

कांग्रेस विधायक सीएम को देते रहे नसीहत

कांग्रेस के अपने कई मंत्री और विधायक मुख्यमंत्री को चेताते रहे हैं कि बहिबलकलां बेअदबी मामले और ड्रग्स में कार्रवाई न करने के कारण कांग्रेस का हाल अकाली दल से भी बुरा होगा। इसी स्थिति को संभालने के लिए मुख्यमंत्री ने एक बार फिर से एसटीएफ की कमान हरप्रीत सिद्धू को सौंप दी है। यह सभी को पता है कि सिद्धू का अकालियों से 36 का आंकड़ा है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में ड्रग्स तस्करी करने वालों पर बड़ी कार्रवाई तय है।

ये पुलिस अधिकारी बदले

सरकार ने आठ जिलों के एसएसपी सहित कई पुलिस अधिकारियों के तबादले किए हैैं। एक दिन पहले तरक्की पाए तीन नए डीजीपी को नई नियुक्तियां दी गई हैं। इनमें प्रबोध कुमार को विशेष डीजीपी और डायरेक्टर ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टीगेशन, रोहित चौधरी को विशेष डीजीपी नीति व नियम, इकबाल प्रीत सहोता को विशेष डीजीपी आम्र्ड बटालियन जालंधर में तैनात किया है। मुख्यमंत्री के विशेष प्रमुख सचिव और एडीजीपी हरप्रीत सिंह सिद्धू अब स्पेशल टास्क फोर्स के प्रमुख होंगे। गुरप्रीत कौर दिओ को एडीजीपी क्राइम और प्रवीन कुमार सिन्हा को कार्यकारी एडीजीपी जेल लगाया गया है।


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