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अमरिंदर के आराेप पर सिद्धू को मिला रावत का साथ, कहा- पाक सेना प्रमुख को गले लगाने में देशद्रोह क्या है

पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा करतारपुर कारिडोर के उद्घाटन समारोह में पाक सेना प्रमुख को गले लगाने को लेकर उठ रहे सवालों पर पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत ने कहा कि इसमें देशद्रोह क्या है ।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Tue, 21 Sep 2021 02:24 PM (IST)Updated: Tue, 21 Sep 2021 04:35 PM (IST)
अमरिंदर के आराेप पर सिद्धू को मिला रावत का साथ, कहा- पाक सेना प्रमुख को गले लगाने में देशद्रोह क्या है
पंजाब कांग्रेस प्रभारी व उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत की फाइल फोटो।

जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब कांग्रेस के अध्‍यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को पूर्व मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह के हमले के मामले में पार्टी प्रभारी हरीश रावत का साथ मिला है। कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने नवजोत सिंह सिद्धू को देशविरोधी कहा था और करतारपुर कारिडोर के उद्घाटन के दौरान पाकिस्तान सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा से गले मिलने को लेकर उन पर हमला किया था। इसके बाद इस मामले को भाजपा ने भी उठाया था और कैप्‍टन के आरोपाें को बेहद गंभीर बताया था। इस मामले पर अब रावत ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति अपने धार्मिक तीर्थस्थल करतारपुर साहिब का रास्ता खोलने के लिए धन्यवाद देते हुए एक अपने दूसरे पंजाबी भाई के गले मिलता है तो इसमें देशद्रोह क्या है।

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रावत ने कहा कि भाजपा को नवजोत सिंह सिद्धू की इमरान खान के साथ दोस्ती खल रही है, क्योंकि नवजोत सिंह सिद्धू अब कांग्रेस में हैं, लेकिन जब भाजपा के सांसद थे, जब भाजपा उनको पंजाब में अपना खेवनहार मानती थी, उस समय तो सिद्धू की इमरान खान, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से और प्रगाढ़ मित्रता थी। कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी भी नवाज शरीफ से गले मिले थे।

बता दें, पंजाब के सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने नवजोत सिंह सिद्धू पर निशाना साधा था। कैप्टन ने कहा कि सिद्धू की पाकिस्तान के पीएम से दोस्ती है। वह देश की सुरक्षा के लिए खतरा हैं। सिद्धू जब करतारपुर कारिडोर के उद्घाटन के लिए पाकिस्तान गए थे तो वह उस समय कैप्टन अमरिंदर सिंह के मंत्रिमंडल में स्थानीय निकाय मंत्री थे। कैप्टन ने उस समय भी सिद्धू की इस हरकत पर एतराज जताया था। इसके बाद कैप्टन व सिद्धू के बीच दूरी बढ़ती चली गई। कैप्टन ने उनका विभाग बदल दिया था। सिद्धू को स्थानीय निकाय विभाग से हटाकर ऊर्जा विभाग दिया गया, लेकिन सिद्धू ने इसे अस्वीकार कर दिया और मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था।

दो वर्ष की चुप्पी के बाद इस वर्ष की शुरुआत में सिद्धू एक बार फिर सक्रिय हुए और कैप्टन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। कुछ मंत्रियों द्वारा सिद्धू के खिलाफ बगावत कर दी गई। आखिरकार कैप्टन को सीएम पद छोड़ना पड़ा। सीएम पद छोड़ने के बाद कैप्टन ने एक बार फिर सिद्धू पर बाजवा से गले मिलने को लेकर टिप्पणी की तो भाजपा ने इसे लपक लिया। भाजपा ने कहा कि कैप्टन ने सिद्धू के खिलाफ आरोप लगाए हैं, लेकिन कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व चुप है। अब पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत ने ट्वीट कर जवाब दिया है।


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