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HC की कड़ी टिप्‍प्‍णी, कहा- क्यों न लिख दें कि पंजाब सरकार संविधान के अनुसार चलने में नाकाम

पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने राज्‍य में रेल सेवा बंद रहने पर पंजाब सरकार के खिलाफ बेहद कड़ी टिप्‍पणी की है। हाई कोर्ट ने कहा कि क्‍यों न लिख दें कि पंजाब सरकार संविधान के अनुसार चलने में नाकाम रही है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Thu, 29 Oct 2020 06:27 AM (IST)Updated: Thu, 29 Oct 2020 06:27 AM (IST)
HC की कड़ी टिप्‍प्‍णी, कहा- क्यों न लिख दें कि पंजाब सरकार संविधान के अनुसार चलने में नाकाम
पंजाब के मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर‍ सिंह और पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट। (फाइल फाेटो)

चंडीगढ़, जेएनएन। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने किसान आंदोलन के कारण रेल व सड़क मार्ग रोके जाने के पर पंजाब सरकार के खिलाफ बेहद कड़ी टिप्‍पणी की। हाई काेर्ट ने इस संबंध में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब सरकार को फटकार लगाई। चीफ जस्टिस रवि शंकर झा पर आधारित बेंच ने सख्त टिप्पणी की- 'अगर पंजाब सरकार कानून व्यवस्था संभालने में नाकाम है तो कोर्ट इस मामले में आदेश पारित करे। क्यों न कोर्ट आदेश जारी करते हुए यह लिख दे कि पंजाब सरकार संविधान के अनुसार चलने में नाकाम है।'

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इसके साथ ही हाई कोर्ट ने केंद्र और पंजाब सरकार को यह निर्देश दिया है कि वे इस समस्या का समाधान निकालने की कोशिश करें। कोर्ट ने पंजाब सरकार को निर्देश दिया कि अगली सुनवाई पर रेल और सड़क मार्ग खोलने के लिए की गई सारी कार्रवाई की जानकारी उपलब्ध करवाए। मामले अगली सुनवाई 18 नवंबर को होगी।

इससे पहले सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि लगभग सभी रेलवे ट्रैक  खाली कर दिए गए हैं। केंद्र सरकार के वकील सत्यपाल जैन ने कहा कि पंजाब में अब भी चार रेलवे ट्रैक और 29 रेलवे प्लेटफार्म आंदोलनकारी किसानों के कब्जे में है।  पंजाब सरकार लगातार केंद्र पर आरोप लगा रही है कि केंद्र सरकार  मालगाडिय़ां नहीं चला रही।

जैन ने कोर्ट को बताया कि कैप्टन अमरिंदर सिंह की ओर से रेल मंत्री पीयूष गोयल को लिखे पत्र का जवाब देते हुए गोयल ने कहा था कि राज्य सरकार पहले रेलवे ट्रैक खाली करवाए और रेल स्टाफ की सुरक्षा सुनिश्चत करे। भले ही पंजाब सरकार कह रही है कि ट्रैक खाली हो चुके हैं लेकिन अब भी रेलवे ट्रैक पर कई जगह पर किसान बैठे हैैं। मालगाडिय़ां चलाई गईं तो किसानों की ओर से उन्हें रोका गया और तलाशी ली गई। इसके साथ ही कहा गया कि वे (किसान) केवल सरकारी थर्मल प्लांट को ही कोयला ले जाने देंगे, निजी थर्मल प्लांट को नहीं।

जैन ने कहा कि किसान मालगाडिय़ों में पेट्रो पदार्थ भी नहीं ले जाने दे रहे। केंद्र सरकार ने कहा है कि जब तक पंजाब सरकार यह सुनिश्चित नहीं कर देती कि रेलवे स्टाफ और मालगाडिय़ां सुरक्षित हैं तब तक केंद्र सरकार मालगाडिय़ां और यात्री गाडिय़ां नहीं चला सकती।

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