फिल्म एक मिशन के तहत ही करता हूं : हरभजन मान
हरभजन एक बार फिर से अपने पसंदीदा निर्देशक मनमोहन सिंह के साथ नजर आएंगे।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : कला को लेकर पहले से ही समर्पित था। गीत गाए, तो वो अपनी पसंद के। हिट भी रहे, मगर फिर दौर बदल गया। गीतों में अजीब सी वर्तनी इस्तेमाल होने लगी। मैंने वो गीत कभी नहीं गाए। लोग फिर भी पसंद करते हैं। 25 वर्ष हो गए, अब इस इंडस्ट्री में जो भी करता हूं, वो एक मिशन होता है। इसी के तहत वर्ष 2003 में मनमोहन सिंह साहब के साथ फिल्म बनाने की शुरुआत की। अभी भी वही मिशन कायम है। ये बात प्रसिद्ध गायक हरभजन मान ने बताई। हरभजन एक बार फिर से अपने पसंदीदा निर्देशक मनमोहन सिंह के साथ नजर आएंगे। बातचीत के दौरान उन्होंने फिल्म और म्यूजिक इंडस्ट्री पर बात की। फिल्म हो या गीत दो ही लोग पसंद है
हरभजन ने कहा कि उन्हें आज तक फिल्म और गीत दोनों में ही दो लोग पसंद आए हैं। फिल्म की बात करूं तो मनमोहन साहब और गीत की बात करूं तो बाबू सिंह मान साहब। दोनों का काम बहुत अंदर तक बात करता है। साथ ही इसमें कला होती है, इसके नाम पर अश्लीलता नहीं। ऐसे में मुझे हमेशा इन दोनों के साथ ही काम करना पसंद रहा है।
बदलाव जरूरी है मगर सही मार्गदर्शन के साथ
मान का बेटा ंअवकाश मान भी इंडस्ट्री में आ चुके हैं। मान ने कहा कि नई पीढ़ी ज्यादा एक्सपेरीमेट में यकीन करती है। मैं खुद बदलाव पसंद करता हूं। मगर बदलाव के साथ सही मार्गदर्शन होना जरूरी है। नहीं तो आप बिना किसी डायरेक्शन में भटकते रहेंगे। जैसे मेरा हाथ बाबू सिंह मान और मनमोहन सिंह ने थामा, वैसे मैं भी चाहता हूं कि अवकाश अच्छे लोगों के साथ चले। इस इंडस्ट्री में इज्जत ही सब कुछ होती है। आप बरसों इज्जत बनाते हैं, मगर एक गलती इसे तोड़ देती है। ऐसे में मैंने अंवकाश को इसी सीख के साथ इंडस्ट्री में आने को कहा। मैं उसके कार्य के बीच में नहीं आता, बस मेरा मार्गदर्शन ही उसके साथ रहेगा।