हल्लोमाजरा हाई स्कूल टीन शेड मामला पहुंचा पीएमओ आफिस
हल्लोमाजरा में टीन शेड में चल रहे गवर्नमेंट हाई स्कूल की शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय केंद्रीय शिक्षा मंत्री प्रशासक और सलाहकार सहित विभाग की सचिव और डायरेक्टर स्कूल एजुकेशन को की है। शुक्रवार को अभिभावकों ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में शिक्षा विभाग के लचर रवैये पर रोष जताया है।
सुमेश ठाकुर, चंडीगढ़
हल्लोमाजरा में टीन शेड में चल रहे गवर्नमेंट हाई स्कूल की शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय, केंद्रीय शिक्षा मंत्री, प्रशासक और सलाहकार सहित विभाग की सचिव और डायरेक्टर स्कूल एजुकेशन को की है। शुक्रवार को अभिभावकों ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में शिक्षा विभाग के लचर रवैये पर रोष जताया है। हल्लोमाजरा में बनी स्कूल इमारत में जब विद्यार्थियों को बैठने के लिए जगह कम हुई, तो अस्थायी समय के लिए स्कूल को पहले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और उसके बाद टीन शेड में चलाया जा रहा है। टीन शेड में स्कूल वर्ष 2008 से चल रहा है, जिसमें इस समय 700 से ज्यादा विद्यार्थी सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक दो शिफ्टों में पढ़ाई कर रहे हैं। दैनिक जागरण ने समाचार प्रकाशित करने के बाद विभाग ने विद्यार्थियों को दूसरे गांव के स्कूलों में शिफ्ट करने की प्लानिग शुरू की थी। दूसरे स्कूलों में विद्यार्थियों को शिफ्ट नहीं करने और हल्लोमाजरा में दूसरी स्कूल इमारत बनाने को लेकर अभिभावकों ने पत्र लिखकर मांग उठाई है।
14 वर्ष से चल रहा है शेड के नीचे स्कूल
शिकायत करने वाले अभिभावक मोहन गुप्ता ने बताया कि अस्थायी व्यवस्था कुछ दिन या महीनों के लिए हो सकती थी, लेकिन टीन शेड की व्यवस्था 14 वर्ष से है। प्रशासन ने एक बार व्यवस्था करने के बाद आंखें बंद कर ली हैं। बच्चे गर्मी और सर्दी में टीन शेड के नीचे बैठ रहे हैं, लेकिन दूसरी इमारत बनाने को लेकर कोई विचार नहीं हो रहा।
कई बार की मांग लेकिन नहीं बनी स्कूल इमारत
अभिभावक अंचल सिंह ने कहा कि नई इमारत बनाने को लेकर कई बार मांग की है, लेकिन विभाग कभी जमीन न होने का बहाना लगता है तो कभी फंड का। बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए कोई विचार नहीं हो रहा।
बच्चों को दूसरे स्कूलों में भेजना गलत : अरविंद
2005 में बच्चों की संख्या बढ़ने लगी थी। अभिभावक अरविद ने कहा कि अस्थायी शेड बनने से पहले स्थानीय लोगों ने नई स्कूल इमारत बनाने की मांग उठाई थी। पहले हल्लोमाजरा नगर निगम के पास था, जिसके चलते कभी प्रशासन तो कभी निगम में फाइल उलझ जाती थी अब हल्लोमाजरा नगर निगम से अलग होकर प्रशासन के अधीन आ चुका है, लेकिन फिर भी नई इमारत बनाने के बजाए बच्चों को दूसरे स्कूल भेजने का प्रस्ताव है, जो कि पूरी तरह से गलत है।